निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को बताया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के आठवें और अंतिम चरण के मतदान में 76.07 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इस चरण में 35 विधानसभा क्षेत्रों के सभी 11,860 मतदान केंद्रों पर मतदान शांतिपूर्ण रहा।
सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र में अमताली माध्यमिक शिक्षा केंद्र नामक मतदान केंद्र पर बृहस्पतिवार को ही फिर से मतदान संपन्न हुआ। गत 10 अप्रैल को कूचबिहार में केंद्रीय सुरक्षा बलों की ओर से कथित तौर पर की गई गोलीबारी में पांच लोगों के मारे जाने के बाद इस मतदान केंद्र पर मतदान निलंबित कर दिया गया था। आरोप है कि कुछ स्थानीय लोगों ने सुरक्षा बलों की राइफल छीनने का प्रयास किया था जिसके बाद गोलीबारी की गई। आयोग के मुताबिक, आठवें चरण के मतदान में 11,860 बैलट यूनिट, 11,860 कंट्रोल यूनिट और 11,860 वीवीपैट का उपयोग किया गया।
चुनाव आयोग के बयान में कहा गया है, ईवीएम और वीवीपैट के काम नहीं करने का अनुपात पिछले कुछ दौर के मतदान के तुलनात्मक ही रहा। आमतौर पर एक ईवीएम के साथ एक कंट्रोल यूनिट, कम से कम एक बैलट यूनिट और एक पेपर ट्रेल मशीन होती है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बृहस्पतिवार तक 339.45 करोड़ रुपये की नकदी, शराब और मतदाताओं को लुभाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दूसरी वस्तुएं जब्त किए जाने की जानकारी सामने आई। यह आंकड़ा 2016 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 7.65 गुना अधिक है।
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निर्वाचन आयोग की तरफ से मतगणना कक्ष में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों अथवा उनके एजेंट के लिए उनके पास कोरोना जांच की नेगेटिव रिपोर्ट होने को अनिवार्य किए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को इस बात पर हैरानी जताई कि निर्वाचन अधिकारियों और केंद्रीय सशस्त्र बलों के लिए यह व्यवस्था लागू नहीं की गई। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी ने चुनाव आयोग को दिए एक पत्र में यह भी कहा कि इस फैसले से उन हजारों केंद्रीय बलों का जीवन और स्वास्थ्य में खतरे में आएगा जो मतगणना कक्षों के बाहर तैनात होंगे।
निर्वाचन आयोग की तरफ से मतगणना वाले दिन के लिए बुधवार को जारी नये दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि किसी भी प्रत्याशी या उनके एजेंटों को कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट दिखाए बिना उन सभागारों में प्रवेश नहीं मिलेगा जहां मतगणना की जा रही होगी। कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि की पृष्ठभूमि में बुधवार को जारी इन दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि प्रत्याशी या उनके एजेंट जिन्हें कोविड-19 टीके की दोनों खुराकें लग चुकी हैं वे भी दो मई को मतगणना कक्षों में प्रवेश कर सकते हैं। आगामी दो मई को असम, पश्चिम बंगाल, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में डाले गए मतों की गिनती होनी है। इसके अलावा लोकसभा और अन्य विधानसभाओं के लिए हुए उपचुनावों में डाले गए मतों की गिनती भी होगी।
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पश्चिम बंगाल के चुनाव के आखिरी चरण में हिंसा की खबरों के बीच मतदान जारी है। दोपहर साढ़े तीन बजे तक 68.46% लोगों ने वोट डाले हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत लोगों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराते हुए मतदान कराया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल में आठवें चरण के मतदान में कई जगहों से हिंसा की खबरें भी आई हैं। नॉर्थ कोलकाता में कई जगहों से बमबाजी की खबर है। वहीं भाजपा नेताओं का आरोप है कि तृणमूल के कार्यकर्ता भाजपा के एजेंटों को धमका रहे हैं। मुर्शिदाबाद में एक माकपा कार्यकर्ता की हत्या भी कर दी गई। दोपहर 02 बजे तक 60 फीसदी मतदान होने की जानकारी है।
सुबह से ही लोग कतार में नजर आए। इस चरण में टीएमसी और वाम-कांग्रेस गठबंधन के बीच टक्कर होती दिख रही है। इन सीटों पर मुस्लिम आबादी ज्यादा है और इस वजह से राजनीतिक दलों की निगाहें अल्पसंख्यक वोट पर टिकी हैं।
आज जिन 35 सीटों पर मतदान होगा उसमें मालदा की 6, बीरभूम की 11, मुर्शिदाबाद की 11 और कोलकाता नॉर्थ की 7 सीट हैं। मालदा और मुर्शिदाबाद की कुछ सीटों पर पिछले चरण में मतदान हो भी चुका है। पिछले चुनाव में भी इन सीटों पर टीएमसी और कांग्रेस का ही वर्चस्व था। टीएमसी के खाते में 17 तो कांग्रेस के खाते में 13 सीटें आई थीं। हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान इन सीटों पर भाजपा ने कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया था। मालदा और मुर्शिदाबाद में मुसलमान कांग्रेस का समर्थन ज्यादा करते हैं।
इस चरण में तृणमूल के दो मंत्री शशि पांजा और साधन पांडेय श्यामपुकुर और मानिकताला सीट से प्रत्याशी हैं। मालदा और मुर्शिदाबाद की 17 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। इस चरण में 84 लाख मतदाता हैं और 283 उम्मीदवार मैदान में हैं। 11860 मतदान केंद्र बनाए गए हैं और केंद्रीय बलों की 641 कंपनियों को तैनात किया गया है।