
चक्रवाती तूफान यास को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बैठक में इंतजार कराने और फिर जल्दी निकल जाने को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ममता बनर्जी की आलोचना की है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ममता के मीटिंग में लेट पहुंचने और जल्दी निकल जाने को लेकर कहा कि उनको अपना अहंकार अलग रखना चाहिए। नड्डा ने कहा कि पीएम मोदी तूफान यास प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संपर्क में हैं।
उन्होंने कहा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चक्रवात यास के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं तो उचित होता कि ममता जी लोगों के कल्याण के लिए अपने अहम को विसर्जित कर देतीं। प्रधानमंत्री की बैठक से उनका नदारद होना संवैधानिक मर्यादाओं और सहकारी संघवाद की हत्या है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आज का दिन भारत की लोकतांत्रिक धरोहर में एक एक काला दिन है।
उन्होंने कहा, ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री और बंगाल की जनता का अपमान किया है। उनके इस शर्मनाक व्यवहार ने सहकारी संघवाद और हमारे संवैधानिक मूल्यों की भरपाई ना किए जाने वाला नुकसान पहुंचाया है। प्रधानमंत्री ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के चक्रवात ''यास से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया।
When Hon PM Shri @narendramodi stands strong with the citizens of West Bengal in wake of cyclone Yaas, Mamata ji should also set aside her ego for the welfare of people. Her absence from the PM’s meeting is murder of constitutional ethos & the culture of cooperative federalism.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) May 28, 2021
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ट्वीट करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल का आज का घटनाक्रम स्तब्ध करने वाला है। मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री व्यक्ति नहीं संस्था है। दोनों जन सेवा का संकल्प और संविधान के प्रति निष्ठा की शपत लेकर दायित्व ग्रहण करते हैं।
पश्चिम बंगाल का आज का घटनाक्रम स्तब्ध करने वाला है। मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री व्यक्ति नहीं संस्था है। दोनों जन सेवा का संकल्प और संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेकर दायित्व ग्रहण करते हैं।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) May 28, 2021
अगले ट्वीट में राजनाथ सिंह ने कहा कि आपदा काल में बंगाल की जनता को सहायता देने के भाव से आए हुए प्रधानमंत्री के साथ इस प्रकार का व्यवहार पीड़ादायक है। जन सेवा के संकल्प व संवैधानिक कर्तव्य के ऊपर राजनैतिक मतभेदों को रखने का यह एक दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है, जो भारतीय संघीय व्यवस्था की मूल भावना को भी आहत करने वाला है।
PM की बैठक से निकलने पर घिरीं ममता बनर्जी, बीजेपी बोली- अहंकार अलग रखना चाहिए - Hindustan
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