
सार
समुद्र में अपनी ताकत को और ताकतवर करने के लिए भारतीय नौसेना ने बड़ा कदम उठाया। नेवी के 6 सबमरीन तैयार करने वाले करीब 50 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।नौसेना के प्रस्ताव को मिली मंजूरी - फोटो : ANI
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विस्तार
भारतीय नौसेना की मौजूदगी समुद्र में पहले से ज्यादा मजबूत होगी। नौसेना के मेड इन इंडिया की पनडुब्बियों के प्रस्ताव पर रक्षा मंत्रालय ने मुहर लगा दी है। रक्षा मंत्रालय ने लगभग 43,000 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय नौसेना के लिए छह पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण को मंजूरी दी है। चीन के बढ़ते नौसैनिक ताकत के देखते हुए पनडुब्बियों को मजबूत करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने इस परियोजना को अनुमति दी गई।बता दें कि डीएसी खरीद संबंधी निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च संस्था है।सूत्रों ने बताया कि पनडुब्बियों के विनिर्देशों और महापरियोजना के लिए अनुरोध पत्र (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी करने, जैसे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को रक्षा मंत्रालय और भारतीय नौसेना के अलग-अलग दलों ने पूरा कर लिया है।
प्रोजेक्ट 75- I के तहत सबमरीन का निर्माण करना है। काफी लंबे समय से यह रुका हुआ था। जिसपर शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय ने मुहर लगा दी। इस प्रोजेक्ट को स्वेदेशी कंपनी मझगांव डॉक्स लिमिटेड और L&T को सौंपा गया है। ये दोनों कंपनियां विदेशी शिपयार्ड के साथ मिलकर प्रोजेक्ट को पूरा करेंगी।
क्या है प्रोजेक्ट 75-I ?
समुद्री इलाकों में अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इसके तहत 6 बड़ी सबमरीन बनाई जानी हैं जो डीज़ल-इलेक्ट्रिक बेस्ड होंगी। इनका साइज मौजूदा स्कॉर्पियन क्लास सबमरीन से पचास फीसदी तक बढ़ा होगा।
चीन ने हिंद महासागर में छोड़े हैं तीन युद्धपोत
दरअसल, चीन हिंद महासागर में अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटी हुई है। चीन ने साल 2008 के बाद से ही एंटी-पाइरेसी पेट्रोल्स के लिए तीन जहाज छोड़ रखे हैं। यही कारण है कि अरब सागर से लेकर श्रीलंका से सटे समुद्र तक भारत ने अपनी नज़रें टिका रखी हैं। बता दें कि भारतीय नेवी के पास करीब 140 सबमरीन और सरफेस वॉरशिप हैं, वहीं अगर पाकिस्तानी नेवी से तुलना करें तो उनके पास सिर्फ 20 ही हैं।
रक्षा मंत्रालय ने आज रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में 'बाय एंड मेक' (भारतीय) श्रेणी के तहत लगभग 6,000 करोड़ रुपये की वायु रक्षा बंदूकें और गोला-बारूद की खरीद के भारतीय सेना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
Defence Ministry has approved an Indian Army proposal of procurement of Air Defence Guns and Ammunition worth around Rs 6,000 crore under the Buy & Make (Indian) category at the Defence Acquisition Council meeting today: Ministry of Defence pic.twitter.com/k1oiy8z1OX
— ANI (@ANI) June 4, 2021
रक्षा मंत्री कार्यालय ने कहा कि भारतीय उद्योग के लिए नई प्रौद्योगिकियों और उन्नत विनिर्माण क्षमताओं की उपलब्धता आधुनिक पारंपरिक पनडुब्बी निर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए देश को आगे बढ़ाएगा और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।
Availability of new technologies & advanced manufacturing capabilities to Indian industry will be imp step towards enhancing nation’s quest for self-reliance in modern conventional submarine construction & create direct & indirect job opportunities: Defence Minister's Office pic.twitter.com/xtZhP9v1vo
— ANI (@ANI) June 4, 2021
समुद्र में दिखेगी 'मेड इन इंडिया' की ताकत: भारतीय नौसेना की 6 पनडुब्बियों को मिली रक्षा मंत्रालय की मंजूरी - अमर उजाला - Amar Ujala
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