वहीं, जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने जम्मू एयरपोर्ट पर इंडियन एयरफोर्स के अधिकार क्षेत्र वाले हिस्से में हुए धमाकों को आतंकवादी हमला करार दिया है. उन्होंने कहा कि पुलिस, वायुसेना और अन्य एजेंसियां हमले की जांच कर रही हैं. इस मामले में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. इस ड्रोन हमले के बाद पठानकोट, अंबाला, अवंतीपुर समेत कुछ अन्य एयरबेट को हाई अलर्ट पर रखा गया है. आतंकी एंगल से भी एनएसजी और अन्य एजेंसिया जांच कर रही हैं.
दरअसल इससे पहले, जैश-ए-मोहम्मद ने हिजबुल मुजाहिदीन के साथ मिलकर पाकिस्तान में सीमा पार से विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में अपने हैंडलर्स के माध्यम से ड्रोन से गोला-बारूद नियमित रूप से प्राप्त किया था. जिसके बाद भारतीय सेना ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर क्षेत्र से ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) को भी गिरफ्तार किया था. खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इस हमले के पीछे किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने का मकसद हो सकता है.
पुलिस ने बरामद किया 5-6 किलो का अन्य आईईडी
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, जम्मू हवाई क्षेत्र में दोनों धमाकों में पेलोड के साथ ड्रोन का इस्तेमाल विस्फोटक सामग्री गिराने की आशंका है. जम्मू पुलिस ने 5-6 किलोग्राम वजन का एक और अन्य आईईडी बरामद किया. यह IED लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेटिव से मिला था और इसे किसी भीड़-भाड़ वाली जगह पर लगाया जाना था.
इंडियन एयरफोर्स चीफ, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं, जो अभी बांग्लादेश के दौरे पर. मामले की जांच के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. पश्चिमी वायु कमांडर एयर मार्शल वीआर चौधरी जम्मू वायु सेना स्टेशन में हैं.
जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन पर आतंकी हमले के पीछे हो सकता है लश्कर या जैश का हाथ, अलर्ट जारी - News18 हिंदी
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