गायकी से करोड़ों दिलों को जीतने के बाद राजनीति में सात साल की पारी के अंत का ऐलान करते हुए आसनसोल से बीजेपी सांसद और पूर्व मंत्री बाबुल सुप्रियो ने यह भी खुलासा किया है कि वह क्यों और कैसे भगवा दल में शामिल हुए थे। बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि योगगुरु बाबा रामदेव के कहने पर उन्होंने बीजेपी जॉइन की थी और उस समय पार्टी को बंगाल में एक भी सीट मिलने की उम्मीद नहीं थी।
फेसबुक पोस्ट के जरिए राजनीति को 'अलविदा' कहते हुए उन्होंने एक तरफ मोहभंग की वजहों का इशारों में जिक्र किया तो राजनीति में अपने प्रवेश को याद करना भी नहीं भूले। उन्होंने बताया कि कैसे योगगुरु बाबा रामदेव से एक विमान में मुलाकात के बाद वह राजनीति में आए। उस वक्त उन्हें यह जानकर बुरा लगा था कि बीजेपी को बंगाल में एक भी सीट मिलने की उम्मीद नहीं है।
बाबुल सुप्रियो ने लिखा, ''स्वामी रामदेव से संक्षिप्त बातचीत हुई थी। मुझे यह अच्छा नहीं लगा कि बीजेपी बंगाल को इतनी गंभीरता से ले रही थी, लेकिन उसे एक भी सीट मिलने की उम्मीद नहीं थी। मैंने सोचा कि यह कैसे हो सकता है कि जो बंगाल श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी का इतना सम्मान करता है वह बीजेपी को एक भी सीट देने से इनकार कर दे। खासकर तब जब पूरे भारत ने चुनाव से पहले तय कर लिया था कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे, बंगाल क्यों अलग सोचेगा। तब मैंने एक बंगाली के रूप में चुनौती स्वीकार की। सबकी सुनी, लेकिन किया वह जो मेरे दिल ने कहा, बिना कल की चिंता किए।''
बाबुल ने राजनीति को अलविदा कहते हुए कहा कि बीजेपी में उनकी अनुपस्थिति से फर्क नहीं पड़ेगी। 2014 में बीजेपी ने बंगाल में दो सीटें जीती थीं। आसनसोल से बाबुल सुप्रियो को जीत मिली थी तो एसएस अहलूवालिया दार्जलिंग से जीतने में सफल रहे थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने यह फैसला अचानक नहीं लिया है और अमित शाह व जेपी नड्डा को पहले ही सूचित कर चुके थे। बाबुल सुप्रियो ने यह भी कहा कि वह किसी और पार्टी में शामिल नहीं होंगे।
राजनीति से संन्यास: बाबुल सुप्रियो ने बताया, क्यों बाबा रामदेव के कहने पर 2014 में जॉइन की थी बीजेपी - Hindustan
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