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Thursday, July 1, 2021

आज का इतिहास: 30वां डॉक्टर्स डे आज: मशहूर डॉक्टर और पश्चिम बंगाल के दूसरे CM बिधान चंद्र रॉय के सम्मान में ... - Dainik Bhaskar

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  • Doctor's Day Is Celebrated In The Memory Of Famous Doctor Bidhan Chandra Roy, He Should Also Be The Chief Minister Of Bengal.

8 घंटे पहले

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कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में लाखों लोगों की जान ली है और करोड़ों लोगों को घरों में रहने को मजबूर कर दिया है, लेकिन ऐसी कठिन परिस्थिति में भी डॉक्टर अस्पतालों में अपना फर्ज निभा रहे हैं। इन्हीं डॉक्टर्स को सम्मान देने के लिए आज का दिन समर्पित है। आज नेशनल डॉक्टर्स डे है, जो देश के प्रसिद्ध डॉक्टर और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय के सम्मान में मनाया जाता है।

1 जुलाई 1882 को बिहार की राजधानी पटना के बांकीपुर में जन्मे डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय 5 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया और आगे की पढ़ाई के लिए कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया।

1909 में रॉय ने पढ़ाई के लिए इंग्लैंड जाने का फैसला किया, लेकिन विद्रोही बंगाल का होने की वजह से उन्हें वहां एडमिशन देने में आनाकानी की जाने लगी। सेंट बार्थोलोमिव्स हॉस्पिटल के डीन ने रॉय को दाखिले से रोकने की पूरी कोशिश की। उन्होंने करीब डेढ़ महीने तक रॉय को रोके रखा ताकि परेशान होकर वे वापस लौट जाएं, लेकिन रॉय इतनी आसानी से हार मानने वाले नहीं थे। उन्होंने कॉलेज के डीन से 30 बार मुलाकात की, तब कहीं जाकर रॉय को एडमिशन मिल सका।

यह तस्वीर उस दौर की है, जब डॉ. रॉय पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री थे।

यह तस्वीर उस दौर की है, जब डॉ. रॉय पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री थे।

इंग्लैंड से अपनी पढ़ाई पूरी कर 1911 में रॉय भारत लौटे। वापस आने के बाद उन्होंने कलकत्ता मेडिकल कॉलेज, कैम्पबेल मेडिकल स्कूल और कारमाइकल मेडिकल कॉलेज में शिक्षण कार्य किया। उन्होंने कोलकाता में नए हॉस्पिटल भी शुरू किए। इस दौरान वे गांधी जी के संपर्क में आए और असहयोग आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

गांधी जी से जुड़ा उनका एक किस्सा प्रसिद्ध है। 1933 में उपवास के दौरान गांधी जी ने दवाएं लेने से मना कर दिया था। तब रॉय बापू से मिले और दवाएं लेने की गुजारिश की। गांधी जी उनसे बोले, मैं तुम्हारी दवाएं क्यों लूं? क्या तुमने हमारे देश के 40 करोड़ लोगों का मुफ्त इलाज किया है?

इस पर रॉय ने जवाब दिया, नहीं, गांधी जी, मैं सभी मरीजों का मुफ्त इलाज नहीं कर सकता। मैं यहां मोहनदास करमचंद गांधी को ठीक करने नहीं आया हूं, मैं उन्हें ठीक करने आया हूं जो मेरे देश के 40 करोड़ लोगों के प्रतिनिधि हैं। इस पर गांधी जी ने उनसे मजाक करते हुए कहा- तुम मुझसे थर्ड क्लास वकील की तरह बहस कर रहे हो।

रॉय ने भारत की आजादी के बाद अपना पूरा जीवन चिकित्सा सेवा को समर्पित कर दिया। वे 1948 से 1962 तक अपने निधन तक लगातार 14 साल पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे। 1961 में उन्हें भारत सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया। 1962 में अपने जन्मदिन के दिन ही दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।

1991 में सरकार ने घोषणा की कि 1 जुलाई को हर साल नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाएगा। तब से हर साल 1 जुलाई को पूरे देश में डॉक्टर्स डे मनाया जाता है।

1955: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शुरुआत

1806 में देश में बैंक ऑफ कलकत्ता की शुरुआत हुई। ये देश का पहला बैंक था। 3 साल बाद ब्रिटिश चार्टर के तहत इसका नाम बदलकर बैंक ऑफ बंगाल कर दिया गया। इस बैंक को ब्रिटिश और बंगाल सरकार साझा तौर पर चलाती थी।

1840 के दशक में बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास की भी शुरुआत हुई। ये तीनों बैंक स्वतंत्र रूप से काम कर रहे थे, लेकिन 27 जनवरी 1921 को इन तीनों बैंकों को मिला दिया गया और एक नया बैंक बनाया गया, जिसे इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया नाम दिया गया।

कलकत्ता के बैंक ऑफ बंगाल की बिल्डिंग

कलकत्ता के बैंक ऑफ बंगाल की बिल्डिंग

आजादी के बाद साल 1955 में इंपीरियल बैंक को भारत सरकार ने एक पार्लियामेंट्री एक्ट के तहत अधिग्रहित कर लिया और आज ही के दिन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना हुई।

इसके बाद 1955 में सब्सिडियरी एक्ट आया और देश में स्टेट बैंक के ही अलग-अलग सब्सिडियरी खोले गए। इसके तहत स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर, स्टेट बैंक ऑफ इंदौर, स्टेट बैंक ऑफ जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर जैसे सहयोगी बैंक बने। हालांकि 1 अप्रैल 2017 को इन सभी बैंकों को भारतीय स्टेट बैंक में मर्ज कर दिया गया।

आज स्टेट बैंक भारत का सबसे बड़ा बैंक है और देश के एक चौथाई मार्केट पर इसका कब्जा है। पूरे देश में इस बैंक की 22 हजार ब्रांच और 58 हजार से भी ज्यादा ATM हैं। 32 देशों में इस बैंक का कारोबार फैला है और इसे देश के सबसे विश्वसनीय बैंकों में गिना जाता है।

1 जुलाई को इन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है…

2018: नई दिल्ली के बुरारी में पुलिस को एक घर से एक ही परिवार के 11 लोगों की लाश मिली थी। इनमें से 10 लोगों की आंखों पर पट्टी बंधी थी और उनके शव लटके हुए पाए गए थे।

2017: देश में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू हुआ। इसके तहत देश के अलग-अलग टैक्स सिस्टम को खत्म कर ‘एक देश-एक टैक्स’ की शुरुआत की गई।

1991: सोवियत संघ के पतन के बाद वारसा संधि भंग की गई।

1968: अमेरिका, सोवियत संघ और ब्रिटेन समेत दुनिया के 58 देशों ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किए।

1961: भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का आज के दिन जन्म हुआ। 2003 में स्पेस मिशन के दौरान ही एक हादसे में उनकी मौत हो गई।

1933: परमवीर चक्र विजेता भारतीय सैनिक अब्दुल हमीद का जन्म हुआ।

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