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Wednesday, July 7, 2021

मंत्रिमंडल से रविशंकर प्रसाद बाहर, सिंधिया की एंट्री; ये हैं कैबिनेट विस्तार के 5 बड़े बदलाव - News18 हिंदी

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट का बहुप्रतीक्षित विस्तार (PM Narendra Modi Cabinet Expansion) बुधवार को सम्पन्न हो गया. पीएम मोदी के 2019 में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनके मंत्रिमंडल का पहला फेरबदल है. कैबिनेट के इस बदलाव से कई बड़े और पुराने मंत्रियों ने इस्तीफा दिया वहीं कई नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. कैबिनेट के इस विस्तार से पहले 12 नेताओं ने मंत्री परिषद से इस्तीफा भी दे दिया. इस कैबिनेट विस्तार से पहले ऐसे पांच बड़ी चौंकाने वाली घटनाएं हुईं-

डॉ हर्षवर्धन, रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर का इस्तीफा
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल "निशंक" और रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने बुधवार शाम को कैबिनेट फेरबदल से पहले इस्तीफा दे दिया. कोविड संकट से निपटने और कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच लोगों को ऑक्सीजन और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए संघर्ष करने जैसी परिस्थितियों को लेकर विपक्ष ने डॉ हर्षवर्धन की काफी आलोचना की थी. हर्षवर्धन खुद एक डॉक्टर हैं और वह स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ विज्ञान के प्रभारी थे. कोविड महामारी की शुरुआत और भारत के टीके विकसित करने के लिए काम शुरू करने के समय से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री के तौर पर काम कर रहे थे.

रविशंकर प्रसाद सरकार के नए आईटी नियमों की अगुवाई कर रहे थे. इन नियमों को लेकर सरकार और ट्विटर आमने-सामने है. वहीं प्रकाश जावड़ेकर का इस्तीफा भी चौंकाने वाला कदम साबित हुआ. जावड़ेकर सरकार के प्रवक्ता भी थे.

ज्योतिरादित्य सिंधिया को कैबिनेट में जगह
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में वापसी की है. इस बार और पहली बार वह एनडीए नेता के रूप में मंत्री पद संभालने जा रहे हैं. मार्च 2020 में सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस के 22 विधायक पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे. इस कदम के बाद मध्य प्रदेश में तत्कालीन कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी, जिसने फिर से राज्य में भाजपा के सत्ता में लौटने का मार्ग प्रशस्त किया.

कैबिनेट विस्तार के पहले मध्य प्रदेश के जिलों का दौरा कर रहे सिंधिया उन अटकलों पर चुप्पी साधे रहे कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान शामिल किया जा सकता है और उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.

चिराग की नाराजगी के बीच पशुपति पारस मंत्रिमंडल में शामिल
एनडीए की लोक जनशक्ति पार्टी के पशुपति पारस भी कैबिनेट में शामिल हो गए हैं. इस पर उनके भतीजे चिराग पासवान ने नाराजगी जताई है. चिराग ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि वह पारस को लोजपा के आधार पर अपने प्रशासन में मंत्री के रूप में नियुक्त न करें. लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद लोजपा का स्लॉट खाली हो गया था, इस बीच पार्टी में भी विभाजन हो गया.

चिराग ने कहा था “उन्हें [पशुपति पारस] को लोजपा कोटे पर केंद्रीय मंत्री बनाना संभव नहीं है क्योंकि पार्टी के कार्यकारी बोर्ड ने उन्हें निष्कासित कर दिया है. मैंने प्रधानमंत्री को पत्र के माध्यम से सूचित किया है. अगर उन्हें नियुक्त किया जाता है, तो मैं अदालत जाऊंगा.”

मंत्रियों का प्रमोशन
सात राज्य मंत्रियों समेत स्वतंत्र प्रभार संभाल रहे मंत्रियों को भी पदोन्नति दी गई है. इन नामों में हरदीप सिंह पुरी, अनुराग ठाकुर, जी किशन रेड्डी शामिल हैं जिन्होंने नई मंत्रिपरिषद में शपथ ली है.

कैबिनेट में शामिल हुए सर्बानंद सोनोवाल
इस साल सम्पन्न हुए असम चुनाव के बाद भाजपा ने फिर से सरकार बनाई. नई सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की जगह हिमंत बिस्वा सरमा को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया. अब सोनोवाल को केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी गई है.

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