एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: देवेश शर्मा Updated Mon, 02 Aug 2021 08:51 PM IST
सार
छात्रों, अभिभावकों, आम जनता और इलेक्ट्रॉनिक प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के आधार पर, यूजीसी ने 24 स्वयंभू संस्थानों को फर्जी विश्वविद्यालय घोषित किया है।
विस्तार
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को जानकारी दी कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने 24 'स्वयंभू' संस्थानों को फर्जी घोषित किया है और दो और संस्थानों पर नियमों के उल्लंघन का आरोप है। हालांकि, अभी इनके खिलाफ कोर्ट में मामला विचाराधीन है। प्रधान ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में यह बयान दिया। बयान में बताया गया कि छात्रों, अभिभावकों, आम जनता, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के आधार पर, यूजीसी ने 24 स्वयंभू संस्थानों को फर्जी विश्वविद्यालय घोषित किया है।
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इनके अलावा, भारतीय शिक्षा परिषद, लखनऊ, उत्तर प्रदेश और भारतीय योजना और प्रबंधन संस्थान (आईआईपीएम), कुतुब एन्क्लेव, नई दिल्ली नामक दो और संस्थान भी यूजीसी अधिनियम, 1956 का उल्लंघन कर काम कर रहे हैं। भारतीय शिक्षा परिषद, लखनऊ और आईआईपीएम, नई दिल्ली के मामले अदालत में विचाराधीन हैं।
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा आठ ऐसे फर्जी विश्वविद्यालय
शिक्षा मंत्रालय ने अपने जवाब में बताया कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा आठ ऐसे फर्जी विश्वविद्यालय हैं। इनकी सूची निम्नानुसार है-
- वाराणसी संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी;
- महिला ग्राम विद्यापीठ, इलाहाबाद;
- गांधी हिंदी विद्यापीठ, इलाहाबाद;
- नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी, कानपुर;
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस मुक्त विश्वविद्यालय, अलीगढ़;
- उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय, मथुरा;
- महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय, प्रतापगढ़
- इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद, नोएडा
राजधानी दिल्ली में चल रहे हैं ये सात फर्जी विश्वविद्यालय
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली एनसीआर भी ऐसे संस्थानों से मुक्त नहीं हैं। यहां भी सात यूनिवर्सिटी ऐसी हैं जो फर्जी हैं और यूजीसी के मानक नियमों का उल्लंघन कर रही हैं-
- कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड
- संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय
- व्यावसायिक विश्वविद्यालय
- एडीआर केंद्रित न्यायिक विश्वविद्यालय
- भारतीय विज्ञान और इंजीनियरिंग संस्थान
- विश्वकर्मा मुक्त विश्वविद्यालय
- आध्यात्मिक विश्वविद्यालय
ओडिशा और पश्चिम बंगाल में दो-दो विश्वविद्यालय
ओडिशा और पश्चिम बंगाल में दो-दो ऐसे फर्जी विश्वविद्यालय हैं। ये हैं:-
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
- इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
- नवभारत शिक्षा परिषद, राउरकेला, ओडिशा
- नॉर्थ उड़ीसा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, ओडिशा
कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और महाराष्ट्र में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय
- श्री बोधि एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, पुडुचेरी
- क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी, आंध्र प्रदेश
- राजा अरबी विश्वविद्यालय, नागपुर
- सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी, केरल
- बड़गंवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसाइटी, कर्नाटक
फर्जी या गैर-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों के खिलाफ यूजीसी द्वारा उठाए गए कदमों पर विस्तार से बताते हुए, प्रधान ने कहा, जब कोई स्वयंभू संस्थान यूजीसी अधिनियम, 1956 के उल्लंघन में कार्य करता पाया जाता है या कार्य करता हुआ पाया जाता है तो यूजीसी राष्ट्रीय हिंदी और अंग्रेजी समाचार पत्रों में फर्जी विश्वविद्यालयों / संस्थानों की सूची के बारे में सार्वजनिक नोटिस जारी करता है।
उन्होंने बताया कि अवैध डिग्री प्रदान करने वाले अनधिकृत संस्थानों को कारण बताओ और चेतावनी नोटिस जारी किए जाते हैं। आयोग राज्य के मुख्य सचिवों, शिक्षा सचिवों और प्रमुख सचिवों को अपने अधिकार क्षेत्र में स्थित ऐसे विश्वविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखता है।
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सावधान: यूजीसी ने 24 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया, जानिए आपके यहां कौनसा है - अमर उजाला - Amar Ujala
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