Rechercher dans ce blog

Wednesday, August 4, 2021

पेगाससः SC के जज, रजिस्ट्रार के साथ नीरव, मिसेल जैसे हाईप्रोफाइल आरोपियों के वकीलों की भी हो रही थी जासूसी - Jansatta

पेगासस मामले की स्वतंत्र जांच कराने का अनुरोध करने वाली विभिन्न याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय गुरुवार को सुनवाई करेगा। इनमें एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और वरिष्ठ पत्रकारों एन. राम तथा शशि कुमार द्वारा दी गई अर्जियां भी शामिल हैं।

भगोड़ा नीरव मोदी और अगस्ता वेस्टलैंड का आरोपी क्रिश्चियन मिशेल। (फाइल फोटो)

देश में पिछले कुछ समय से विवाद का मुद्दा बने पेगासस जासूस केस में रोज-रोज नए खुलासे हो रहे हैं। इस केस में जिन लोगों की कथित तौर पर जासूसी हो रही थी, उसमें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, रजिस्ट्रार के साथ-साथ अरबों रुपए के बैंक लोन लेकर फरार नीरव मोदी, मिसेल जैसे हाईप्रोफाइल आरोपियों के वकीलों के भी फोन नंबर शामिल है। इससे यह विवाद गहराता जा रहा है।

दूसरी तरफ पेगासस मामले की स्वतंत्र जांच कराने का अनुरोध करने वाली विभिन्न याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय गुरुवार को सुनवाई करेगा। इनमें एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और वरिष्ठ पत्रकारों एन. राम तथा शशि कुमार द्वारा दी गई अर्जियां भी शामिल हैं। उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड की गई सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ इज़राइली फर्म एनएसओ के स्पाईवेयर पेगासस की मदद से सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रतिष्ठित लोगों, नेताओं और पत्रकारों की कथित जासूसी की खबरों से जुड़ी नौ अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

उधर, देश में विपक्षी दल जहां पेगासस जासूसी मामले की जांच कराने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं, वहीं सरकार इस मुद्दे को जांच का विषय ही मानने से इंकार कर रही है। इसको लेकर मानसून सत्र में संसद के दोनों सदनों का कार्यवाही बार-बार हंगामे को भेंट चढ़ रही है। दोनों सदनों में से एक भी सदन पूरे दिन नहीं चल पा रहा है। इससे विधायी कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पेगासस मामले को लेकर केंद्र सरकार के रवैए पर चिंता जताई है और उन पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार जानबूझकर इसकी जांच नहीं करा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई वकीलों ने अपने नंबर के लिस्ट में शामिल होने पर हैरानी जताई है। उनका कहना है कि उनके नंबर आम तौर पर कुछ ही लोगों को पता होते हैं, ऐसे में ये नंबर की ताकझांक करना और उसको रिकॉर्ड करना परेशानी पैदा करने वाली बात है। दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री ऑफिस में संवेदनशील रिकॉर्ड होते हैं। वहां के नंबर और जानकारियां लीक होना गंभीर मामला है।

जब पेगासस प्रोजेक्ट मीडिया कंसोर्टियम ने पिछले महीने अपनी शुरुआती स्टोरीज को पब्लिश करने से पहले प्रधान मंत्री कार्यालय को पत्र लिखा, तो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अपने जवाब में इस बात से इनकार किया कि उसने अवैध रूप से जासूसी की है। मंत्रालय ने कहा, “विशिष्ट लोगों पर सरकारी निगरानी के आरोपों का कोई ठोस आधार या इससे जुड़ी सच्चाई नहीं है।”

एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने एक खबर में दावा किया कि 300 सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबर पेगासस स्पाईवेयर के जरिये जासूसी के संभावित निशाने वाली सूची में शामिल थे।

Adblock test (Why?)


पेगाससः SC के जज, रजिस्ट्रार के साथ नीरव, मिसेल जैसे हाईप्रोफाइल आरोपियों के वकीलों की भी हो रही थी जासूसी - Jansatta
Read More

No comments:

Post a Comment

'हां, ये सही है लेकिन क्या मुल्क में यही चलता रहेगा...', ASI रिपोर्ट पर बोले प्रोफेसर इरफान हबीब - Aaj Tak

ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष ने कई दावे किए हैं. गुरुवार को वकील विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट सार्वजनिक की. उन्हों...