Rechercher dans ce blog

Sunday, September 26, 2021

एक साल में नक्सलवाद का खात्मा, मुख्यमंत्रियों संग मीटिंग में गृहमंत्री अमित शाह ने सेट किया टारगेट - Hindustan

नक्सल प्रभावित राज्यों में वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को एक बैठक बुलाई। इस बैठक में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। इस दौरान अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वह अगला पूरा साल अपने राज्य में नक्सलवाद पर लगाम कसने में लगाएं। उन्होंने कहा कि नक्सली समूहों तक पहुंचने वाले पैसे को रोकने के लिए संयुक्त रणनीति बनानी होगी। इस बैठक में उड़ीसा, तेलंगाना, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और झारखंड के मुख्यमंत्री शामिल हुए थे। 

मुख्यमंत्रियों से कहा कि इसे प्राथमिकता पर रखें
बैठक के दौरान गृहमंत्री ने कहा कि नक्सली गुटों के खिलाफ लड़ाई आखिरी चरण में है। अब नक्सलियों के हमलों पर पूरी तरह से लगाम लग जानी चाहिए। उन्होंने बैठक में मौजूद सभी मुख्यमंत्रियों से अगले एक साल तक इस मुद्दे को प्राथमिकता से लेकर खत्म करने की बात कही। इस मीटिंग में नवीन पटनायक (उड़ीसा), के चंद्रशेखर राव (तेलंगाना), नीतीश कुमार (बिहार), शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश), उद्धव ठाकरे (महाराष्ट्र) और हेमंत सोरेन (झारखंड) मुख्यमंत्री शामिल हुए। इनके अलावा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, गिरिराज सिंह, अर्जुन मुंड और नित्यानंद राय भी बैठक में मौजूद रहे। वहीं पश्विम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और केरल के मुख्यमंत्री इस मीटिंग में हिस्सा लेने नहीं पहुंच सके। उनकी जगह इन राज्यों के मंत्रियों या वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया।

नक्सलियों के आय के स्रोत पर लगाम की जरूरत बताई
बैठक में अमित शाह ने कहा कि नक्सली गुटों को मिलने वाले पैसे के स्रोत को बंद करने की कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा बेहतर समन्वय से दबाव बनाकर और रफ्तार बढ़ाकर इस दिशा में सफलता पाई जा सकती है। शाह ने नक्सलियों पर लगाम के अन्य उपायों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सुरक्षा उपायों में इजाफा करके, नक्सलियों तक पहुंचने वाले पैसे को रोककर, ईडी, एएनआई और स्टेट पुलिस के प्रयासों से ऐसा हो सकता है। साथ ही गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी स्तर से रेगुलर रिव्यू मीटिंग की जरूरत भी बताई। 

नक्सली हिंसा की घटनाओं में आई है रिकॉर्ड कमी
इस दौरान अमित शाह ने पिछले कुछ वक्त में नक्सल हिंसा की घटनाओं में आई कमी के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 2009 में नक्सली हिंसा की 2258 घटनाएं होती थीं। अब इनमें 70 फीसदी की कमी आई है 2020 में यह आंकड़ा 665 तक सिमट गया था। उन्होंने कहा कि 2010 में 1005 मौतों की तुलना में 2020 में 82 फीसदी की कमी आई है और अब यह केवल 183 रह गई है। गृहमंत्री ने बताया कि 2010 की तुलना में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या में भी कमी आई है। तब जहां ऐसे कुल 96 जिले हुआ करते थे वहीं 2020 में ऐसे जिलों की संख्या घटकर केवल 53 रह गई है। उन्होंने कहा कि हमने जो लक्ष्य हासिल कर लिया है, उससे संतुष्ट होने के बजाए जो बचा हुआ है उसे हासिल करने पर जोर देना चाहिए।

Adblock test (Why?)


एक साल में नक्सलवाद का खात्मा, मुख्यमंत्रियों संग मीटिंग में गृहमंत्री अमित शाह ने सेट किया टारगेट - Hindustan
Read More

No comments:

Post a Comment

'हां, ये सही है लेकिन क्या मुल्क में यही चलता रहेगा...', ASI रिपोर्ट पर बोले प्रोफेसर इरफान हबीब - Aaj Tak

ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष ने कई दावे किए हैं. गुरुवार को वकील विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट सार्वजनिक की. उन्हों...