न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उत्तरकाशी Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal Updated Fri, 01 Oct 2021 03:50 PM IST
सार
Uttarkashi Avalanche: निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया यह घटना शुक्रवार सुबह पांच बजे के करीब हुई है। नौसेना के करीब पांच पर्वतारोही और एक पोर्टर हिमस्खलन की चपेट में आए हैं और लापता चल रहे हैं।राहत-बचाव में लगी टीमें - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से राहत-बचाव टीम कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में त्रिशूल चोटी के लिए रवाना हुई। टीम जोशीमठ पहुंच गई है। लेकिन मौसम खराब होने के कारण आगे नहीं पहुंच पा रही है। मौसम ठीक होते ही राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
शुक्रवार सुबह दल चोटी के समिट के लिए आगे बढ़ा
नौसेना का 20 सदस्यीय दल करीब 15 दिन पहले 7,120 मीटर ऊंची त्रिशूल चोटी के आरोहण के लिए गया था। शुक्रवार सुबह दल आगे बढ़ा तो हिमस्खलन की चपेट में आ गया। इस संबंध में निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया यह घटना शुक्रवार सुबह पांच बजे के करीब हुई है। नौसेना के करीब पांच पर्वतारोही और एक पोर्टर हिमस्खलन की चपेट में आए हैं और लापता चल रहे हैं।
चमोली में है माउंट त्रिशूल
माउंट त्रिशूल चमोली जनपद की सीमा पर स्थित कुमांऊ के बागेश्वर जनपद में है। तीन चोटियों का समूह होने के कारण इसे त्रिशूल कहते हैं। इस चोटी के आरोहण के लिए चमोली जनपद के जोशीमठ और घाट से पर्वतारोही टीमें जाती हैं।
राहत-बचाव अभियान शुरू
भारतीय नौसेना का कहना है कि हिमस्खलन में लापता पर्वतारोही और एक पोर्टर की खोज के लिए राहत-बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। अभियान में सेना, वायु सेना और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल का बचाव दल और हेलीकॉप्टर शामिल है।
उत्तराखंड: माउंट त्रिशूल आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आया नौसेना का दल, छह लोग लापता - अमर उजाला - Amar Ujala
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