Rechercher dans ce blog

Sunday, November 7, 2021

Chhath Puja 2021: नहाय-खाय के साथ आज से शुरू होगी छठ पूजा; जानें पूजन सामग्री और व्रत विधि के बारे में - Hindustan

Chhath Puja 2021: छठ पूजा वैसे तो मुख्य तौर पर बिहार,  झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश मनाया जाता है, लेकिन अब इसकी ग्लोबल पहचान बन चुकी है। लोक आस्था के इस पर्व में उगते और डूबते सूर्य की अराधाना की जाती है। सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण इसे छठ  कहा गया है। छठ पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहली बार चैत्र में और दूसरी बार कार्तिक में। चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले छठ पर्व को चैती छठ और कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को कार्तिकी छठ कहा जाता है। कार्तिक महीने में मनाए जाने वाले छठ की अधिक मान्यता है और इसी महीने में लोग इस पर्व को व्यापक रूप से मनाते हैं।

चार दिनों तक चलने वाला यह त्योहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय से शुरू होता है, जो इस बार सोमवार यानी 8 नवंबर को पड़ रहा है।नहाय-खाय के दिन व्रती गंगा या पास के नदी, तलाब में डुबकी लगाती हैं और केवल एक बार सात्विक भोजन करते हैं। कार्तिक मास की पंचमी को खरना भी कहा जाता है। इस दिन व्रती  शाम को गुड़, अरवा चावल की बनी खीर और रोटी खाते प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। इसके बाद तीसरे दिन भगवान सूर्य को संध्या में अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन उगते सूर्य को। खास बात यह है कि खरना के दिन शाम में प्रसाद ग्रहण करने के बाद से करीब 36 घंटे तक यानी उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देने तक व्रती यह व्रत निर्जला करते हैं। इन चार दिनों में व्रतियों के लिए प्यजा, लहसून या किसी तरह का मांसाहारी भोजन वर्जित रहता है।

यह छठ पूजा 2021 का शेड्यूल

8 नवंबर 2021,सोमवार- (नहाय-खाय)

9 नवंबर 2021, मंगलवार-(खरना)

10 नवंबर 2021,बुधवार- (डूबते सूर्य को अर्घ्य)

11 नवंबर 2021, शुक्रवार- (उगते सूर्य को अर्घ्य)

पूजन विधि

कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन घर में पवित्रता के साथ कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं, जिनमें ठेकुआ खासतौर पर प्रसिद्ध है।  सूर्यास्त से पहले  सारे पकवानों को  बांस की टोकरी में भड़कर निकट घाट पर ले जाया जाता है। एक मान्यता यह भी है कि छठ पूजा में सबसे पहले नई फसल का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इसलिए प्रसाद के रूप में गन्ना फल अर्पण किया जाता है। घाट 4-5 गन्नों को खड़ा कर बांधा जाता है और इसके नीचे दीप जलाये जाते हैं। व्रत करने वाले सारे स्त्री और पुरुष जल में स्नान कर इन डालों को अपने हाथों में उठाकर षष्ठी माता और भगवान सूर्य को अर्ध्य देते हैं। सूर्यास्त के पश्चात सब अपने घर लौट आते हैं। अगले दिन यानी कार्तिक शुक्ल सप्तमी को सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में फिर डालों में पकवान, नारियल और फलदान रख नदी के तट पर सारे वर्ती जमा होते हैं और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं| इसके बाद छठ व्रत की कथा सुनी जाती है और कथा के बाद प्रसाद ग्रहण करके व्रती अपना व्रत तोड़ते हैं।
 

छठ पूजा की सामग्री (Chhath Puja Samagri List)

सूट या साड़ी, बांस की दो बड़ी-बड़ी टोकरियां, बांस या फिर पीतल का सूप, दूध और जल के लिए एक ग्लास, एक लोटा और थाली, 5 गन्ने पत्ते लगे हुए, शकरकंदी और सुथनी, पान और सुपारी, हल्दी,  मूली और अदरक का हरा पौधा,  बड़ा वाला मीठा नींबू, शरीफा, केला,  नाशपाती, पानी वाला नारियल, मिठाई, गुड़, गेहूं, चावल का आटा, ठेकुआ, चावल, सिंदूर, दीपक, शहद और धूप  छठ पूजा सामग्री में होनी चाहिए।

Adblock test (Why?)


Chhath Puja 2021: नहाय-खाय के साथ आज से शुरू होगी छठ पूजा; जानें पूजन सामग्री और व्रत विधि के बारे में - Hindustan
Read More

No comments:

Post a Comment

'हां, ये सही है लेकिन क्या मुल्क में यही चलता रहेगा...', ASI रिपोर्ट पर बोले प्रोफेसर इरफान हबीब - Aaj Tak

ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष ने कई दावे किए हैं. गुरुवार को वकील विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट सार्वजनिक की. उन्हों...