स्टोरी हाइलाइट्स
- ग्वालियर में आयोजित एक कार्यक्रम में बोले भागवत
- संघ प्रमुख ने कहा- हिंदू के बिना भारत नहीं
RSS प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने कहा है कि हिंदू और भारत अलग नहीं हो सकते हैं. भारत को भारत रहना है तो भारत को हिंदू रहना ही पड़ेगा. हिंदू को हिंदू रहना है तो भारत को अखंड बनना ही पड़ेगा. ये बातें उन्होंने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं.
उन्होंने कहा कि ये हिंदुस्तान है और यहां परंपरा से हिंदू लोग रहते आए हैं. जिस-जिस बात को हिंदू कहते हैं उन सारी बातों का विकास इस भूमि में हुआ है. भारत की सारी बातें भारत की भूमि से जुड़ी हैं, संयोग से नहीं.
संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू के बिना भारत नहीं और भारत के बिना हिंदू नहीं. भारत टूटा, पाकिस्तान हुआ क्योंकि हम इस भाव को भूल गए कि हम हिंदू हैं, वहां के मुसलमान भी भूल गए. खुद को हिंदू मानने वालों की पहले ताकत कम हुई फिर संख्या कम हुई इसलिए पाकिस्तान भारत नहीं रहा.
#WATCH | "You will see that the number & strength of Hindus have decreased...or the emotion of Hindutva has decreased....If Hindus want to stay as Hindu then Bharat needs to become 'Akand'," says RSS chief Mohan Bhagwat while addressing an event in Gwalior, MP pic.twitter.com/hkjkB5xMz1
— ANI (@ANI) November 27, 2021
इससे पहले नोएडा में पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा था कि विभाजन कोई राजनैतिक प्रश्न नहीं है, बल्कि यह अस्तित्व का प्रश्न है. भारत के विभाजन का प्रस्ताव स्वीकार ही इसलिए किया गया, ताकि खून की नदियां ना बहें, लेकिन उसके उलट तब से अब तक कहीं ज्यादा खून बह चुका है.
सरसंघचालक भागवत ने कहा था कि भारत का विभाजन उस समय की परिस्थिति से ज्यादा इस्लाम और ब्रिटिश आक्रमण का परिणाम था. हालांकि गुरुनानक जी ने इस्लामी आक्रमण को लेकर हमें पहले ही चेताया था. उन्होंने कहा कि भारत का विभाजन कोई उपाय नहीं है, इससे कोई भी सुखी नहीं है. अगर विभाजन को समझना है, तो हमें उस समय से समझना होगा.
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