Shakti Mill Gang-rape Case: साल 2013 में मुंबई में हुए शक्ति मिल गैंगरेप केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सजा पर अंतिम फैसला सुना दिया है. हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों को दी गई फांसी की सजा रद्द कर दी है. जस्टिस एस एस जाधव और जस्टिस पृथ्वीराज चौहान ने फैसला सुनाया है. इससे पहले सेशन कोर्ट ने तीनों दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी और एक को उम्र कैद दी गई थी.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा, 'मृत्युदंड अभियुक्त की पश्चाताप की अवधारणा को समाप्त कर देता है. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि दोषियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए. वे जीवन भर पश्चाताप के पात्र हैं. उनके मामले में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है और वे समाज में दोबारा शामिल होने के लायक नहीं हैं.'
शक्ति मिल में रेप के दो मामले थे. एक फोटोग्राफर जॉर्नलिस्ट केस और एक फोन ऑपरेटर केस. इन दोनों ही वारदातों का मुकदमा एक साथ चला था. फोटो जॉर्नलिस्ट मामले में 5 आरोपी जिसमें 1 नाबालिग. फोन ऑपरेटर मामले में 5 आरोपी जिसमें 1 नाबालिग.
फोटो जर्नलिस्ट केस आरोपी
- सिराज रेहमान खान (उम्र कैद)
- विजय मोहन जाधव (फांसी)
- मोहम्मद सलीम अंसारी (फांसी)
- मोहम्मद कासिम हाफ़िज़ शेख उर्फ़ कासिम बंगाली (फांसी)
- चांद बाबू (गुनाह के समय नाबालिग था)
टेलीफोन ऑपरेटर केस आरोपी
- मोहम्मद अशफाक शेख (उम्र कैद)
- विजय मोहन जाधव (फांसी)
- मोहम्मद सलीम अंसारी (फांसी)
- मोहम्मद कासिम हाफ़िज़ शेख उर्फ़ कासिम बंगाली (फांसी)
- जाधव जे जे ( गुनाह के समय नाबालिग था)
तीन आरोपी मोहम्मद कासिम हाफ़िज़ शेख उर्फ़ कासिम बंगाली (फांसी), मोहम्मद सलीम अंसारी (फांसी), विजय मोहन जाधव (फांसी) दोनों गैंगरेप केस में दोषी करार दिया गया है. तीनों को फांसी की सजा दी गई थी.
Shakti Mill Case: तीनों आरोपियों को दी गई फांसी की सजा रद्द, बॉम्बे हाईकोर्ट ने पलटा सेशन - ABP News
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