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जाने-माने कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का रविवार देर रात को निधन हो गया. वो 83 वर्ष के थे. पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित बिरजू महाराज के निधन की जानकारी उनके पोते स्वरांश मिश्रा ने फ़ेसबुक पोस्ट के ज़रिए दी.
उन्होंने लिखा, ‘’बहुत ही गहरे दुख के साथ हमें बताना पड़ रहा है कि आज हमने अपने परिवार के सबसे प्रिय सदस्य पंडित बिरजू जी महाराज को खो दिया. 17 जनवरी को उन्होंने अंतिम सांस ली. मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें.‘’
बिरजू महाराज के निधन पर शोक जताते हुए गायक अदनान सामी ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ‘’महान कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज जी के निधन की जानकारी से अत्यंत दुखी हूं. हमने कला के क्षेत्र में एक अद्वितीय संस्थान खो दिया है. उन्होंने अपनी प्रतिभा से कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है. उनकी आत्मा को शांति मिले.‘’
लखनऊ के कथक घराने में पैदा हुए बिरजू महाराज के पिता अच्छन महाराज और चाचा शम्भू महाराज का नाम देश के प्रसिद्ध कलाकारों में शुमार था.
उनका शुरुआती नाम बृजमोहन मिश्रा था,नौ वर्ष की आयु में पिता के गुज़र जाने के बाद परिवार की ज़िम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई. फिर उन्होंने अपने चाचा से कत्थक का प्रशिक्षण लेना शुरू किया.
कुछ अरसे बाद कपिला वात्स्यायन उन्हें दिल्ली ले आईं. उन्होंने संगीत भारती (दिल्ली) में छोटे बच्चों को कत्थक सिखाना शुरू किया और फिर कत्थक केंद्र (दिल्ली) का कार्यभार भी संभाला.
उन्होंने कत्थक के साथ कई प्रयोग किए और फ़िल्मों के लिए कोरिओग्राफ़ भी किया.
जाने-माने कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का निधन - BBC हिंदी
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