Rechercher dans ce blog

Sunday, January 16, 2022

दो महामारियों से जूझ रही दुनिया, चर्चित वायरोलाजिस्ट जैकब ने ओमिक्रोन के बारे में दी हैरान करने वाली जानकारियां - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

नई दिल्ली, पीटीआइ। समूचा विश्व इस समय कोरोना महामारी की चपेट में है। इस समय भारत महामारी की तीसरी लहर से जूझ रहा है। ओमिक्रोन वैरिएंट के चलते आई इस लहर में प्रतिदिन संक्रमण के बहुत ज्यादा मामले मिल रहे हैं। अब देश के जाने-माने वायरोलाजिस्ट डा. टी. जैकब जान ने कहा है कि भारत समेत पूरा विश्व एक नहीं बल्कि दो-दो महामारियों से जूझ रहा है। उन्होंने डेल्टा और ओमिक्रोन के चलते बढ़ने वाले खतरे को दो महामारियां बताई है।

ऐसे आगे बढ़ेगी महामारी

समाचार एजेंसी पीटीआइ के साथ बातचीत में डा. जैकब ने बताया कि आगे कोरोना महामारी किस तरह से आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि ओमिक्रोन वैरिएंट चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस-डी614जी अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, कप्पा या मू एवं था से नहीं निकला है। यह मूल वायरस में हुए कई बदलावों से पैदा हुए वैरिएंट से बना है।

अनजान वंश से है ओमिक्रोन

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के सेंटर आफ एडवांस रिसर्च इन वायरोलाजी के पूर्व निदेशक डा. जैकब ने कहा कि उनके विचार से ओमिक्रोन वैरिएंट किसी अनजान वंश से है, लेकिन उसका तार कहीं न कहीं वुहान के डी614जी वैरिएंट से भी जुड़ा है। डी614जी इस प्रोटीन में अमीनो एसिड म्युटेशन को संदर्भित करता है जो दुनिया भर के सार्स-सीओवी-2 वायरस में तेजी से आम हो गया है।

ओमिक्रोन पर यह है राहत की बात

उन्होंने कहा कि कोरोना के अन्य वैरिएंट जहां लोगों के श्र्वसन प्रणाली को प्रभावित कर रहे थे और ज्यादातर लोगों को न्यूमोनिया की शिकायत हो रही थी, वहीं ओमिक्रोन वैरिएंट ज्यादातर मामलों में सिर्फ गले के क्षेत्र पर ही रुक जाता है।

बिल्‍कुल अलग है ओमिक्रोन

इससे स्पष्ट होता है कि ओमिक्रोन कोरोना महामारी के अब तक के वैरिएंट से अलग है। इसलिए डेल्टा और उससे संबंधित वैरिएंट के चलते एक अलग महामारी चल रही है और ओमिक्रोन के चलते दूसरी महामारी उसके समानांतर चल रही है।

तीसरी लहर पर दिया यह जवाब

यह पूछे जाने पर कि क्या देश में तीसरी लहर अपनी चरम पर पहुंच गई है, क्योंकि कुछ स्थानों पर मामले अब कम होने लगे हैं, उन्होंने कहा कि महानगर में सबसे पहले नए मामले बढ़े थे और वहीं पर सबसे पहले कम भी होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जितनी तेजी से मामले बढ़े थे, उतनी तेजी से कम भी होंगे।

ऐसे होंगे आने वाले वैरिएंट

इस सवाल पर कि कोरोना का आने वाले वैरिएंट और संक्रामक और कम घातक होंगे डा. जैकब ने कहा कि आम तौर पर नए रोगजनक मानव शरीर के अनुकूल हो जाते हैं और इस प्रक्रिया में वह एक सीमा के भीतर अधिक संक्रामक और कम घातक हो जाते हैं। 

Adblock test (Why?)


दो महामारियों से जूझ रही दुनिया, चर्चित वायरोलाजिस्ट जैकब ने ओमिक्रोन के बारे में दी हैरान करने वाली जानकारियां - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
Read More

No comments:

Post a Comment

'हां, ये सही है लेकिन क्या मुल्क में यही चलता रहेगा...', ASI रिपोर्ट पर बोले प्रोफेसर इरफान हबीब - Aaj Tak

ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष ने कई दावे किए हैं. गुरुवार को वकील विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट सार्वजनिक की. उन्हों...