Rechercher dans ce blog

Friday, January 28, 2022

Postpartum Depression: येदियुरप्पा की नातिन सौंदर्या की मौत में जिस समस्या की हो रही है चर्चा - Aaj Tak

Postpartum Depression: कर्नाटक के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा की नातिन सौंदर्या की 28 जनवरी को संदिग्ध हालात में मौत हो गई है. इसमें सुसाइड का शक जताया जा रहा है, हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इसकी पुष्टि होना बाकी है. बता दें कि सौंदर्या सिर्फ 30 साल की थी और पेशे से डॉक्टर थी. सौंदर्या शादीशुदा थीं और उन्होंने 4 महीने पहले ही अपने बच्चे को जन्म दिया था. सौंदर्या की मौत को लेकर बीएस येदियुरप्पा के परिवार की तरफ से फिलहाल कोई बयान नहीं आया है. लेकिन इस मामले पर कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि सौंदर्या गर्भावस्था के बाद होने वाले डिप्रेशन का शिकार थीं. ज्ञानेंद्र ने कहा कि येदियुरप्पा खुद सौंदर्या को अपने साथ कई बार लेकर आते-जाते थे, ताकि वह खुश रह सकें. 

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर गर्भावस्था के बाद होने वाला डिप्रेशन या जिसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन कहा जाता है, ये होता क्या है. आइए जानते हैं क्या होता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन, इसके कारण और लक्षणों के बारे में-

क्या होता है पोस्टपार्टम  डिप्रेशन (Postpartum Depression)

पोस्टपार्टम डिप्रेशन बच्चे के जन्म के बाद होता है. बच्चे के जन्म के साथ ही एक महिला के इमोशंस में बदलाव देखने को मिलते हैं. अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के अनुसार, डिलीवरी के बाद चार में से एक महिला पोस्टपार्टम डिप्रेशन की शिकार हो जाती है. इसे पोस्ट डिलीवरी स्ट्रेस भी कहा जाता है. आमतौर पर यह डिप्रेशन डिलीवरी के पहले 3 हफ्तों में नजर आने लगता है और कुछ मामलों में यह बच्चे के जन्म के एक साल बाद तक भी रहता है. बच्चे का जन्म होने पर एक मां को शारीरिक, मानसिक और भावात्मक रूप से कई चीजों का सामना करना पड़ता है जिसके कारण ये समस्या होती है. पोस्टपार्टम डिप्रेशन का मतलब यह नहीं है कि कोई मां अपने बच्चे से प्यार नहीं करती है. यह एक मानसिक स्थिति है, और डॉक्टर के परामर्श और दवाइयों के जरिए पोस्टपार्टम डिप्रेशन को ठीक किया जा सकता है. वुमेन हेल्थ ऑफिस की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर 9 में से 1 नई मां पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार होती है. 

पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण (Postpartum Depression Symptoms)

पोस्टपार्टम डिप्रेशन हर महिला को अलग तरह से प्रभावित कर सकता है. लेकिन हम आपको यहां पोस्टपार्टम डिप्रेशन के कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं- 

- उदासी महसूस होना 

- चिड़चिड़ापन होना

- अकेले रहने का मन करना

- बार-बार रोने का मन करना 

- ज्यादा तनाव होना

- वजन का बढ़ना या कम होना

- पार्टनर से दूरी होना

- लाइफ खत्म हो गई है ऐसा महसूस होना

- आत्महत्या का मन करना

- फोकस करने में दिक्कत

- बच्चे से लगाव ना होना

- खुद को परिवार और दोस्तों से अलग होते हुए महसूस करना

पोस्टपार्टम डिप्रेशन के कारण (Causes Of Postpartum Depression)

- हार्मोन्स में बदलाव
- नींद पूरी ना होना
- अनअट्रैक्टिव महसूस करना
- प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद शरीर में आए बदलाव के कारण
- रिश्तों में आई दूरियों के कारण
- अपने लिए समय न निकाल पाना
- नींद पूरी न होना
- अच्छी मां बनने का दबाव
- स्तनपान से जुड़ी दिक्कतें
- महिला की उम्र 20 साल से कम होना
- बच्चे का वजन कम होना
- घर का काम और बच्चे की जिम्मेदारी का स्ट्रेस

पोस्टपार्टम डिप्रेशन और बेबी ब्लूज में क्या है अंतर (Postpartum Depression)

पोस्टपार्टम डिप्रेशन लंबे समय तक चलने वाला डिप्रेशन होता है. यह महिलाओं को प्रसव के बाद होता है. वहीं, बेबी ब्लूज, कुछ हफ्तों तक चलता है. बेबी ब्लूज के कुछ लक्षण पोस्टपार्टम डिप्रेशन की तरह होते हैं लेकिन यह लॉन्ग टर्म तक नहीं चलते. बेबी ब्लूज के लक्षण अधिकतर महिलाओं में नजर आते हैं लेकिन पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण बहुत ही कम महिलाओं में दिखते हैं. 

पोस्टपार्टम डिप्रेशन को कैसे किया जा सकता है ठीक 

दवाई- डिलीवरी के बाद होने वाले डिप्रेशन से निपटने के लिए एंटी-डिप्रेसेंट दवाईयों का सेवन किया जा सकता है. ये दवाईयां डिप्रेशन को दूर करने में मदद करती हैं. इन दवाईयों को डॉक्टर की सलाह से ही लें.

फैमिला का सपोर्ट- डिलीवरी के बाद होने वाले डिप्रेशन को सपोर्ट के जरिए दूर किया जा सकता है. सपोर्ट के जरिए इस डिप्रेशन से लड़ने में मदद मिलती है. 

थेरेपी- पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचने के लिए आप टॉक थेरेपी की मदद ले सकती हैं. इसके लिए आप अपने डॉक्टर से बात कर सकती हैं. 

लोगों के साथ रहें- पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचने के लिए हमेशा लोगों के साथ रहें. इससे अकेलापन महसूस नहीं होगा.

खुद पर दें ध्यान- बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी कुछ घंटे के लिए किसी को देकर पार्लर जाएं वहां स्पा या अन्य ब्यूटी ट्रीटमेंट करें या फिर कोई ऐसा काम करें जिसमें आपको सुकून महसूस होता हो.

लोगों से बात करें- पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचने के लिए अपने करीबी लोग जैसे दोस्त, मां-पापा, भाई-बहन से फोन पर बात करें या उनसे मिलने जाएं.

कितने प्रकार का होता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Types Of Postpartum Depression)

यह तीन प्रकार के होते हैं, जिसमें पोस्टपार्टम ब्लूज, पोस्टपार्टम डिप्रेशन और पोस्टपार्टम साइकोसिस आते हैं.

पोस्टपार्टम ब्लूज- इसे बेबी ब्लूज के नाम से भी जाना जाता है. इसमें नई मांओं में  मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, थकान, उदासी, आंखों से आंसू आना जासे लक्षण नजर आते हैं. डिलीवरी के बाद ही महिलाओं को इसका अनुभव होने लगता है. यह कुछ दिनों या हफ्तों में ठीक हो जाता है. 

पोस्टपार्टम डिप्रेशन- यह लंबे समय तक चलने वाला डिप्रेशन होता है. इसमें नई मांओं में नींद न आना, भूख कम या ज्यादा लगना, ऊर्जा की कमी महसूस होना, आत्महत्या आदि लक्षण दिखाई देते हैं. इसके परिणाम काफी गंभीर हो सकते हैं. 

पोस्टपार्टम साइकोसिस- यह समस्या एक हजार में से एक या दो नई मांओं में देखने को मिलती है. इसके लक्षण डिलीवरी के 2 से 3 घंटे से लेकर चार हफ्तों के बीच नजर आ सकते हैं. इसमें महिलाओं को पागलपन की स्थिति, हर चीज को शक की निगाहों से देखना, अजीब चीजें नजर आना, डर लगना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यह पोस्टपार्टम डिप्रेशन का गंभीर रूप होता है. 

ये भी पढ़ें:

Adblock test (Why?)


Postpartum Depression: येदियुरप्पा की नातिन सौंदर्या की मौत में जिस समस्या की हो रही है चर्चा - Aaj Tak
Read More

No comments:

Post a Comment

'हां, ये सही है लेकिन क्या मुल्क में यही चलता रहेगा...', ASI रिपोर्ट पर बोले प्रोफेसर इरफान हबीब - Aaj Tak

ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष ने कई दावे किए हैं. गुरुवार को वकील विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट सार्वजनिक की. उन्हों...