नई दिल्ली2 घंटे पहले
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यानी CJI एनवी रमना ने कहा है कि CBI ने अपनी क्रेडिबिलिटी खो दी है। उन्होंने कहा कि CBI को फिर से पब्लिक ट्रस्ट हासिल करने पर ध्यान देना चाहिए। जस्टिस रमना ने शुक्रवार को कहा, 'अगर आपको फिर से क्रेडिबिलिटी हासिल करनी है, तो सबसे पहले राजनेताओं से गठजोड़ तोड़ना होगा और साख वापसी के लिए फिर से काम करना होगा।'
न्यूज एजेंसी के मुताबिक 'लोकतंत्र में जांच एजेंसी की भूमिका और जिम्मेदारी' विषय पर लेक्चर के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा, 'वक्त के साथ पॉलिटिकल एग्जीक्यूटिव बदलते रहेंगे, लेकिन आप (CBI) परमानेंट हैं।' CJI ने भारत में पुलिस सिस्टम पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पुलिस की वर्किंग स्टाइल आज भी ब्रिटिश जमाने जैसी है। इसे बदलने की जरूरत है।
चीफ जस्टिस ने CBI को राजनीतिक गठजोड़ से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा, 'वक्त के साथ पॉलिटिकल एग्जीक्यूटिव बदलते रहेंगे, लेकिन आप परमानेंट हैं।'
देश में एक स्वायत्त जांच एजेंसी बने
चीफ जस्टिस ने कहा कि CBI सहित सभी जांच एजेंसियों को एक छत के नीचे लाने की जरूरत है और इसके लिए एक स्वायत्त (ऑटोनॉमस) जांच एजेंसी बननी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इसकी जिम्मेदारी एक इंडिपेंडेंट पर्सन को दी जानी चाहिए।
जस्टिस रमना ने कहा कि जांच एजेंसियों को स्वतंत्र रखने के लिए एक ऑटोनॉमस इन्वेस्टिगेशन बॉडी बनाने की जरूरत है।
मॉडर्न टेक्नोलॉजी और ट्रेंड अफसरों की कमी
चीफ जस्टिस ने कहा कि एक ओर जहां सेंट्रल एजेंसी के पास वर्क लोड अधिक है, वहीं उसके पास संसाधनों की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि सीबीआई के पास मॉडर्न टेक्नोलॉजी, टेंड अधिकारी सहित कई बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। इसी वजह से कई बार केस सुलझाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
CBI को चीफ जस्टिस रमना की दो टूक: बोले- आपने लोगों का भरोसा खोया, राजनेताओं से गठजोड़ तोड़ें तभी लौटेगी साख - Dainik Bhaskar
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