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Friday, September 2, 2022

Agra News : पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय का निधन, सियासी गलियारों में शोक की लहर - अमर उजाला

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पूर्व मंत्री और भाजपा नेता रामवीर उपाध्याय का देर रात आगरा में निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। रामवीर उपाध्याय के निधन से हाथरस और आसपास के क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। हाथरस की सियासत के पर्याय समझे जाने वाले रामवीर उपाध्याय आखिर मौत से हार गए। लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे उपाध्याय को आगरा स्थित आवास से देर रात हालत बिगड़ने पर आगरा के रेनबो अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 

लगभग 64 वर्षीय रामवीर उपाध्याय मायावती की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। लगभग 25 साल तक हाथरस की विभिन्न विधानसभा सीटों से विधायक रहने वाले रामवीर उपाध्याय की गिनती कद्दावर नेताओं में होती थी। उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय जिला पंचायत हाथरस की अध्यक्ष हैं। वह अपने पीछे एक बेटा और दो बेटियां छोड़ गए हैं। रामवीर उपाध्याय के भाई रामेश्वर ब्लॉक प्रमुख हैं। उनके एक और भाई मुकुल उपाध्याय पूर्व विधायक हैं।    

प्रदेश के पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय बसपा की सरकार में चिकित्सा शिक्षा और परिवहन मंत्री भी रहे थे। उनका आगरा से गहरा जुड़ाव रहा। ब्राह्मण समाज में उनकी खासी पकड़ थी। वर्ष 2009 में उन्होंने पत्नी सीमा उपाध्याय को आगरा की फतेहपुरसीकरी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा। वह राजबब्बर को हराकर चुनाव जीती थीं। 

मूलरूप से सादाबाद निवासी रामवीर उपाध्याय ने बसपा सरकार के दौरान ही आगरा को अपनी कर्मभूमि बना लिया था। उन्होंने शास्त्रीपुरम में आवास बनवाया। बसपा के कद्दावर नेता रहे रामवीर उपाध्याय का पार्टी से वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोहभंग हो गया था। उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय और भाई मुकुल उपाध्याय पहले ही भाजपा का दामन थाम चुके थे। विधानसभा चुनाव से पहले उनके पुत्र चिराग भी आगरा में ही भाजपा में शामिल हो गए। हाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें सादाबाद से चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन वह जीत नहीं सके। 

आगरा समेत आसपास के जिलों में ब्राह्मण समाज के साथ ही सर्वसमाज में उनकी गहरी पैठ थी। यही कारण था कि भाजपा ने उन्हें न केवल पार्टी में शामिल किया बल्कि विधानसभा चुनाव में भी उतारा था। 

उनके निधन से जिले में शोक की लहर दौड़ गई। भाजपा नेता केके भारद्वाज ने कहा कि वह दूरदर्शी और सर्वसमाज का हित बात करने वाले नेता थे। उनके निधन से राजनीति में बड़ा शून्य हो गया। भाजपा नेता डीके तिवारी ने कहा कि वह आगरा के लोगों की समस्याओं का निदान किया करते थे। अकसर ही अपने आवास पर जनता दरबार लगाकर समस्याएं सुनते और सुलझाते थे। 

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