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Sunday, November 13, 2022

100 करोड़ में विधायकों की खरीद-फरोख्त: तेलंगाना पुलिस का 4 राज्यों में छापा, धर्मगुरु समेत 3 अरेस्ट - Dainik Bhaskar

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हैदराबाद34 मिनट पहले

तेलंगाना के चार विधायकों को सौ करोड़ में खरीदने की कोशिश के मामले में राज्य पुलिस ने 4 राज्यों की 7 जगहों पर छापेमारी की है। मामले की जांच के लिए गठित किए गए विशेष जांच दल (SIT) ने हरियाणा, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना में छापा मारा। क्या है पूरी कहानी, क्यों मारा गया छापा, कौन-कौन अरेस्ट हुआ, ये जानने से पहले पोल में भाग लेकर अपनी राय दीजिए...

हरियाणा के धर्मगुरु और हैदराबाद के व्यापारी अरेस्ट
SIT ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें हरियाणा के फरीदाबाद के धर्मगुरु रामचंद्र भारती, हैदराबाद के व्यवसायी नंद कुमार और तिरुपति के सिम्हाजी स्वामी शामिल हैं। इनके अलावा केरल के कोच्चि में डॉ. जग्गू के मकान की तलाशी ली गई।

धर्मगुरु रामचंद्र भारती के फरीदाबाद के अलावा कर्नाटक के पुत्तूर स्थित घर में भी तलाशी ली गई। इसके अलावा तिरुपति में सिम्हाजी स्वामी के घर की भी तलाशी हुई। SIT ने हैदराबाद के जुबली हिल्स इलाके में व्यवसायी नंद कुमार के घरों और रेस्तरां पर भी छापा मारा।

संदिग्धों को जग्गू ने कोऑर्डिनेट किया
SIT के एक अफसर ने बताया- डॉ. जग्गू ही रामचंद्र भारती और एक अन्य संदिग्ध तुषार के बीच कोऑर्डिनेट करता था। इसे और तुषार को अभी अरेस्ट नहीं किया जा सकता है। तुषार ने विधायक रोहित रेड्डी से फोन पर बात की थी। जग्गू को तुषार का करीबी माना जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि एक विधायक के रिश्तेदार श्रीनिवास ने सिम्हाजी स्वामी के लिए तिरुपति से हैदराबाद के लिए फ्लाइट टिकट बुक की थी।

तेलंगाना के CM ने कहा था- दिल्ली के दलाल हमारे MLA खरीदने की कोशिश कर रहे

पिछले महीने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने भाजपा पर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था- दिल्ली के दलाल हमारे विधायकों को रिश्वत देकर खरीदने का काम कर रहे हैं। तेलंगाना के एक फार्महाउस में हमारे 4 विधायकों को 100 करोड़ रुपए की पेशकश की गई, लेकिन KCR के विधायक बिकने वाले नहीं। उन्होंने ऑपरेशन लोटस के बारे में पुलिस को सूचना दी थी। हमारी सरकार को गिराने के लिए भाजपा हमारे 20-30 विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है।

भाजपा से पूछा था- सरकारें क्यों गिरा रहे
KCR ने कहा था- ये लोग बोलते हैं कि वे तेलंगाना पर कब्जा करना चाहते हैं। मैं किसानों से कहना चाहता हूं कि हमें सावधानी से मतदान करना चाहिए। ऐसी राजनीति की वजह से हम रिश्वत लेने के धोखे में नहीं आ सकते। मैं भाजपा के लोगों से पूछना चाहता हूं कि यह क्रूरता क्यों? आप और कितनी पावर चाहते हैं। आप पहले ही दो बार चुने जा चुके हैं, फिर आप सरकारों को क्यों गिरा रहे हैं?

राज्य में CBI की एंट्री रोकी थी
तेलंगाना सरकार ने राज्य में CBI की एंट्री पर भी सख्ती कर दी। एजेंसी को राज्य में किसी भी मामले की जांच के लिए सरकार की परमिशन लेना अनिवार्य कर दिया गया है।

राजस्थान में फेल हुआ था ऑपरेशन लोटस।

राजस्थान में फेल हुआ था ऑपरेशन लोटस।

पुलिस का दावा, 100 करोड़ की हो सकती थी डील
साइबराबाद पुलिस कमिश्नर स्टीफन रवींद्र ने दावा किया था हमें TRS के विधायकों ने ही खरीद-फरोख्त की जानकारी दी थी। हमने अजीज नगर के एक फार्म हाउस पर छापेमारी की तो हमें नकदी और चेक बरामद हुए थे। कमिश्नर ने आगे कहा कि विधायकों को खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपए या उससे अधिक की डील हो सकती थी।

बीते 5 साल में देश में हॉर्स-ट्रेडिंग के आरोप
पिछले 5 साल की बात करें तो कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में विधायकों के पार्टी छोड़ने और दूसरी पार्टी जॉइन करने के चलते कई सरकारें टूटीं और नई बनीं हैं। जिन पार्टियों से विधायक गए, उन्होंने सामने वाली पार्टियों पर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया। राजनीति में नेताओं की इस खरीद-फरोख्त को हॉर्स-ट्रेडिंग कहा जाता है।

कर्नाटक : मई 2018 में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए। BJP ने 104 सीटें जीतीं। वहीं कांग्रेस ने 80 और JD(S) ने 37 सीटें जीती थीं। BJP नेता बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बनाए गए, लेकिन उन्हें दो दिन में ही फ्लोर टेस्ट कराने को कहा गया, जिसमें BJP बहुमत से पीछे रह गई। 6 दिन में ही युदियुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा।

इसके बाद कांग्रेस और JD(S) ने एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया। 23 मई को वे मुख्यमंत्री बने। लेकिन एक साल होते दो महीने बाद कांग्रेस और JDS के 17 MLAs ने इस्तीफा दे दिया। 23 जुलाई 2019 को कुमारस्वामी की सरकार फ्लोर टेस्ट में फेल हो गई। 26 जुलाई को बीएस येदियुरप्पा चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।

2018 के कर्नाटक चुनाव में BJP नेता बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने, लेकिन बहुमत न होने से 6 दिन में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। एक साल बाद कांग्रेस और JD(S) के 17 विधायकों के इस्तीफे के चलते उन्हें CM पद से हटना पड़ा। बीएस येदियुरप्पा फिर से CM बने।

2018 के कर्नाटक चुनाव में BJP नेता बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने, लेकिन बहुमत न होने से 6 दिन में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। एक साल बाद कांग्रेस और JD(S) के 17 विधायकों के इस्तीफे के चलते उन्हें CM पद से हटना पड़ा। बीएस येदियुरप्पा फिर से CM बने।

मध्यप्रदेश: 2018 में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी। कांग्रेस ने बसपा, ससपा और स्वतंत्र विधायकों को साथ लेकर सरकार बनाई। सरकार बनते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच दरार साफ हो गई।

10 मार्च 2020 को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उनके साथ 22 कांग्रेस विधायक भी पार्टी छोड़ गए। अगले ही दिन सिंधिया ने BJP जॉइन कर ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने BJP पर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया। सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को मध्यप्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने को कहा। कमलनाथ सरकार बहुमत पेश नहीं कर पाई और गिर गई। इसके बाद शिवराज के नेतृत्व में BJP ने सरकार बनाई।

2018 के विधानसभा चुनाव में MP में कांग्रेस ने जयादा सीटें जीतीं, लेकिन 2 साल बाद ज्योतिरादित्य के इस्तीफे के बाद कांग्रेस फ्लोर टेस्ट में फेल हो गई। ज्योतिरादित्य BJP में आ गए और शिवराज सिंह प्रदेश के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा सरकार आ गई।

2018 के विधानसभा चुनाव में MP में कांग्रेस ने जयादा सीटें जीतीं, लेकिन 2 साल बाद ज्योतिरादित्य के इस्तीफे के बाद कांग्रेस फ्लोर टेस्ट में फेल हो गई। ज्योतिरादित्य BJP में आ गए और शिवराज सिंह प्रदेश के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा सरकार आ गई।

महाराष्ट्र: 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद BJP 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। उनकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने 56 सीटें जीतीं। विपक्षी खेमे में NCP ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीट जीतीं। जब सरकार बनाने की बात आई तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस बात पर भाजपा और शिवसेना के बीच ठन गई। शिवसेना ने BJP से समर्थन वापस ले लिया। NCP, शिवसेना और कांग्रेस ने मिलकर ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाने की योजना बनाई।

2019 में लंबे पॉलिटिकल ड्रामे के बाद शिवसेना के उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी सरकार में मुख्यमंत्री बने।

2019 में लंबे पॉलिटिकल ड्रामे के बाद शिवसेना के उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी सरकार में मुख्यमंत्री बने।

लेकिन सभी को चौंकाते हुए 23 नवंबर को शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने BJP जॉइन कर ली। इसी दिन BJP ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजीत पवार को उप-मुख्यमंत्री बनाते हुए सरकार बनाई। तब कांग्रस और NCP ने भाजपा पर विधायक खरीदने का आरोप लगाया। लेकिन तीन ही दिन में अजीत पवार ने BJP छोड़कर दोबारा NCP जॉइन कर ली। BJP-अजीत पवार की सरकार सिर्फ 80 घंटे ही चल पाई। इसके बाद शिवसेना के नेतृत्व में NCP और कांग्रेस ने मिलकर महाविकार अघाड़ी की सरकार बनाई। उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने।

महाराष्ट्र सियासी ड्रामा 2022: अब इस साल 20 जून को शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने कई विधायकों के साथ पार्टी से बगावत कर दी। महा-विकास अघाड़ी की सरकार फ्लोर टेस्ट में फेल हो गई। 30 जून को BJP के समर्थन के उन्होंने सरकार बनाई। वे मुख्यमंत्री बने, जबकि भाजपा नेता और पूर्व महाराष्ट्र CM देवेंद्र फडणवीस उप-मुख्यमंत्री बने।

एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पर दावा किया था। उनकी पार्टी को बाळासाहेबांची शिवसेना नाम और तलवार-ढाल का निशान मिला है।

एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पर दावा किया था। उनकी पार्टी को बाळासाहेबांची शिवसेना नाम और तलवार-ढाल का निशान मिला है।

विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए...

AAP बोली- BJP हमारे विधायक खरीदने की कोशिश में:दिल्ली के डिप्टी CM ने जारी किया ऑडियो

दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर BJP पर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया है। सिसोदिया ने एक ऑडियो क्लिप भी जारी किया है। सिसोदिया ने ऑडियो टेप चलाकर आरोप लगाया कि इस क्लिप में आवाज भाजपा के दलाल की है। जो तेलंगाना में TRS विधायकों को कथित रूप से खरीदने के आरोप में गिरफ्तार तीन लोगों में से एक है। पूरी खबर पढ़ें
पुलिस बोली- 100 करोड़ में बिकने थे 4 विधायक:भाजपा पर अब तेलंगाना में विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप; 3 गिरफ्तार

तेलंगाना पुलिस ने 27 अक्टूबर को तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के 4 विधायकों को खरीदने की कोशिश का खुलासा किया। साइबराबाद पुलिस ने दावा किया कि एक फार्महाउस की तलाशी के दौरान 3 लोगों को अरेस्ट किया गया। ये तीनों KCR की पार्टी TRS के विधायकों को खरीदने आए थे। इनके पास से नकदी और चेक भी बरामद किए गए।

TRS ने इस पूरे मामले में BJP को दोषी ठहराया। पार्टी के प्रवक्ता कृष्णक ने कहा कि KCR के विधायक बिकने वाले नहीं है। TRS के जिन विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई, उनमें गुववाला बलाराजू, बीरम हर्षवर्धन, पायलट रोहित रेड्डी, रेगा कंथाराव शामिल हैं। पूरी खबर पढ़ें...

झारखंड कैश कांड में 3 विधायकों समेत 5 अरेस्ट: तीनों MLAs कांग्रेस से निकाले गए; 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजे गए

पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में करीब 3 महीने पहले कांग्रेस के तीन विधायकों को 48 लाख कैश के साथ पकड़ा गया था। हावड़ा पुलिस ने मामले में तीनों विधायकों समेत SUV के ड्राइवर और एक सहयोगी को गिरफ्तार किया था। तीनों विधायकों इरफान अंसारी (जामताड़ा), राजेश कच्छप (खिजरी) और नमन विक्सल कोंगाड़ी (कोलेबिरा) के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाने में FIR दर्ज कराई गई थी। पूरी खबर पढ़ें...

पंजाब में MLA हरमीत पठानमाजरा को खरीदने का प्रयास: विधायक बोले- भाजपा के एजेंट ने कॉल कर 100 करोड़ रुपए का दिया ऑफर

पंजाब में AAP के विधायक हरमीत सिंह पठान माजरा ने भाजपा पर ऑपरेशन लोट्स के जरिए उन्हें 100 करोड़ रुपए में खरीदने के प्रयास के आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि भाजपा के एक एजेंट ने उन्हें दिल्ली से फोन कर 100 करोड़ रुपए का ऑफर दिया है। कॉलर का यह ऑफर सुनकर उन्होंने कहा कि वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे। पठान माजरा ने कॉलर को जवाब दिया कि वह पहली बार विधायक बने हैं और AAP के साथ ही रहेंगे। पूरी खबर पढ़ें...

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