मुक्ति वाहिनी के लड़ाके और भारतीय फौज के सामने ध्वस्त हुआ ना'पाक' मंसूबा
पूर्वी पाकिस्तान में, मुक्ति वाहिनी के लड़कों ने पूर्व में पाकिस्तानी सैनिकों के खिलाफ लड़ने के लिए भारतीय सेना के साथ हाथ मिला लिया. युद्ध के दौरान दक्षिणी कमान ने पाकिस्तान की किसी भी कार्रवाई के खिलाफ देश की सीमाओं की रक्षा की. दक्षिणी सेना के उत्तरदायित्व वाले क्षेत्र में लड़ी गई लड़ाइयों में लोंगेवाला और परबत अली की प्रसिद्ध लड़ाइयां शामिल हैं. इधर, पाकिस्तान के बख्तरबंद बलों को मटियामेट करने का काम दृढ़ भारतीय सैनिकों ने कर दिया.
लेफ्टिनेंट कर्नल (बाद में ब्रिगेडियर) भवानी सिंह के नेतृत्व में प्रसिद्ध 10 पैरा कमांडो बटालियन के सैनिकों ने पाकिस्तानी शहर चाचरो पर धावा बोला. इन लड़ाइयों ने इतिहास में एक मिसाल कायम की हैं और हमारे सैनिकों के धैर्य, दृढ़ संकल्प और बहादुरी को दर्शाती हैं.
(फोटो पीटीआई)
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