पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. गुरुवार को कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी करार देते हुए रिहा कर दिया. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह नियम बनाते हुए कहा कि अदालत परिसर से इस तरह किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. अदालत से निकलते समय इमरान की आंखों पर काला चश्मा और चेहरे पर मुस्कान साफ नजर आ रही थी.
इमरान खान रातभर पुलिस लाइंस के गेस्ट हाउस में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में रहेंगे और घर नहीं जा सकेंगे. आज शुक्रवार सुबह 11 बजे इमरान खान की हाई कोर्ट में पेशी होगी और इसके बाद ही वह घर जा सकेंगे. उन्हें सिर्फ 10 लोगों से मिलने की इजाजत मिली है.
कोर्ट में सुनवाई को दौरान इमरान से पूछा गया कि पाकिस्तान में यह सब क्यों करवाया जा रहा है? इस पर इमरान खान ने जवाब दिया कि मुझे नहीं पता कि मुल्क में क्या हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा है कि अदालत के परिसर से इमरान की गिरफ्तारी डिस्ग्रेसफुल- यानी अपमानजनक है.
चीफ जस्टिस की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने इमरान खान की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो यानी NAB से कहा इमरान को फौरन रिहा करें. कोर्ट के आदेश के बाद इमरान खान को रिहा कर दिया गया. हालांकि, वह घर नहीं जा सके. उन्हें पुलिस लाइंस में रहने को कहा गया. अब आपको बताते हैं कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
यह भी पढ़ें: इमरान की रिहाई के बाद भी नहीं थमा बवाल, समर्थकों पर पुलिस ने की गोलीबारी
दरअसल, इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने 10 मई को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इस याचिका में इमरान खान की गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की गई थी, जिसे पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए मंजूर भी कर लिया था. पाकिस्तान के मुख्य न्यायधीश ने इमरान खान को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए. इसके बाद जब इमरान खान अदालत में पेश हुए तो पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने उनसे सबसे पहला शब्द ये कहा कि वो इमरान खान को देखकर अब खुश हैं. इसके बाद उन्होंने इमरान खान को तुरंत रिहा करने का आदेश देते हुए पांच और बड़ी बातें कहीं.
1. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इमरान खान की गिरफ्तारी गैर कानूनी थी.
2. इमरान खान के साथ जो कुछ हुआ, वो न्याय के सिद्धांत के खिलाफ था.
3. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान को ये सलाह दी कि वो अपने देश के एक बहुत बड़े नेता हैं और पाकिस्तान के लोग भी उन्हें बहुत मानते हैं, इसलिए उन्हें अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के साथ बैठकर बात करनी चाहिए.
4. इमरान खान चाहते थे कि उन्हें तुरंत रिहा किया जाए. लेकिन अदालत ने कहा कि वो अभी इस्लामाबाद की पुलिस लाइंस के एक गेस्ट हाउस में रहेंगे, जहां उन्हें 10 लोगों से मिलने की इजाज़त होगी और इन 10 लोगों के नाम वो खुद दे सकते हैं.
5. पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने ये भी कहा कि उनके पास कलम और अल्लाह की ताकत है और वो न्याय करके रहेंगे. इस दौरान उनका ये भी कहना था कि कुछ लोग उनके घर को आग लगा सकते हैं, क्योंकि वो इस मामले में न्याय कर रहे हैं.
रिहाई के बाद सुप्रीम कोर्ट से निकलते इमरान का VIDEO
इमरान बोले- हाई कोर्ट से किया गया अपहरण
इस पूरी सुनवाई के दौरान इमरान खान ने भी कोर्ट में कई महत्वपूर्ण बातें कहीं. उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद हाई कोर्ट से उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था, बल्कि उनका अदालत से दिनदहाड़े अपहरण हुआ था. इस दौरान उन्हें डंडों से बुरी तरह पीटा गया और उनके साथ ऐसा व्यवहार हुआ जैसे वो कोई कुख्यात अपराधी हों. उन्हें गिरफ्तारी के समय कोई वारंट नहीं दिया गया और गिरफ्तारी के बाद भी उनकी कई बार लोकेशन बदली गई. इमरान ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के बाद जो दंगे हुए, उसके लिए सारा दोष उन पर डाला गया. जबकि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी. उनका अपराध सिर्फ इतना है कि वो पाकिस्तान में चुनाव चाहते हैं, अराजकता और तानाशाही नहीं.
पढ़ें, सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ
इमरान: सर, सब कुछ आपके और कानून के हाथ में है.
कोर्ट: हम ऐसी व्यवस्था करते हैं कि आपको सब कुछ पता चल जाएगा, न तो सार्वजनिक और न ही निजी संपत्ति को नुकसान होगा.
इमरान: सर, मेरे ऊपर 145 केस हो गए हैं.
कोर्ट: आप एक नेता हैं, आपको नेतृत्व करना चाहिए.
इमरान: पता नहीं क्या हुआ, पता होता तो रुक जाता.
चीफ जस्टिस: खान साहब, आपने हमसे कहा है कि आप देश में अराजकता नहीं चाहते हैं, यह अच्छी बात है, मुझे उम्मीद है कि दूसरा पक्ष भी बेहतर रवैया दिखाएगा.
चीफ जस्टिस: आपको विरोधियों से बात करना चाहिए. आप बड़े नेता हैं, आपको जिम्मेदारी लेनी होगी.
इमरान खान: माफी चाहता हूं. मैं हर उस मामले में पेश होऊंगा जिस पर कोर्ट आदेश करेगा, देश में जो कुछ हुआ उसके लिए मैं माफी मांगना चाहता हूं. रिक्वेस्ट करते हैं कि मुझे घर जाने दो.
चीफ जस्टिस: मेरे पास मैसेज आया है कि आपका घर भी जल सकता है.
सुप्रीम कोर्ट: हम इस्लामाबाद हाईकोर्ट को निर्देश देते हैं कि सुनवाई सुबह 11 बजे निर्धारित करें. इमरान को बनी गाला (उनके घर) भेजे जाने की अर्जी खारिज की जाती है. हालांकि उन्हें अपने परिवार से मिलने की इजाजत है.
सुप्रीम कोर्ट: हमारे पास कलम और अल्लाह की ताकत है.
चीफ जस्टिस: मेरा घर जलाने के बयान इसलिए आ रहे हैं, क्योंकि हम इंसाफ कर रहे हैं
यह भी पढ़ें: 'मुझे हाईकोर्ट से अगवा किया, लाठियों से पीटा गया', रिहाई के बाद बोले इमरान खान
मंत्री ने जजों को दी खुली धमकी
बड़ी बात यह है कि इस फैसले को लेकर पाकिस्तान की सरकार खुद वहां के सुप्रीम कोर्ट के जजों को खुलेआम अंजाम भुगतने की धमकी दे रही है. पाकिस्तान की सूचना एंव प्रसारण मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि अगर पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट इमरान खान की रिहाई का फैसला सुनाती है तो यह फैसला आतंकवाद को समर्थन देने के बराबर होगा. अगर ऐसा कोई फैसला आता है तो इससे पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के जजों के घरों को आग भी लगाई जा सकती है.
इसके अलावा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने भी इमरान खान को रिहा करने पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश एक अपराधी की ढाल बनकर देश में भड़की आग में घी डालने का काम कर रहे हैं. उन्हें अब चीफ जस्टिस का पद छोड़ कर इमरान खान की पार्टी में शामिल हो जाना चाहिए. जैसे उनकी पत्नी की मां यानी उनकी सास इमरान खान की पार्टी में शामिल हुई थीं. बता दें कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश का नाम उमर अता बंदियाल (64) है, उनकी सास का नाम है मह-जबीन नून है.
मरियम नवाज ने CJP पर साधा निशाना
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने इमरान की रिहाई को लेकर चीफ जस्टिस पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'चीफ जस्टिस आज देश के खजाने के 60 अरब रुपये के गबन के अपराधी को रिहा करके बहुत खुश थे. देश की सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील संस्थानों पर हमलों के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार चीफ जस्टिस हैं, जो एक अपराधी की ढाल बनकर आग में घी डालने का काम कर रहे हैं. आपको मुख्य न्यायाधीश का पद छोड़कर अपनी सास की तरह तहरीक-ए-इंसाफ में शामिल होना चाहिए.'
CJP की सास का ऑडियो क्लिप हुआ था लीक
बता दें पिछले दिनों पाकिस्तान में मह-जबीन नून का एक ऑडियो क्लिप लीक हुआ था, जिसमें वो इमरान खान की पार्टी के एक वकील की पत्नी से बात कर रही थीं और ये कह रही थीं कि पाकिस्तान में जल्द से जल्द आम चुनाव होने चाहिए और इस ऑडियो क्लिप में उन पर इमरान खान की पार्टी को समर्थन देने का भी आरोप लगा था, जिसके बाद से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पार्टी लगातार चीफ जस्टिस पर इमरान खान की पार्टी से मिलीभगत का आरोप लगा रही है.
यह भी पढ़ें: 'किसी का घर नहीं बचेगा', इमरान की रिहाई पर पाकिस्तान की मंत्री की सुप्रीम कोर्ट के जजों को धमकी
CJP के आदेश पर इमरान को करना पड़ा था फ्लोर टेस्ट का सामना
ये बात सही है कि पाकिस्तान के चीफ जस्टिस पर इमरान खान के प्रति नरम होने के आरोप लगते रहे हैं. लेकिन ये भी सच है कि उन्हीं की वजह से इमरान खान को पिछले साल प्रधानमंत्री के पद से हटना पड़ा था. असल में पिछले साल जब इमरान खान को पाकिस्तान की संसद में फ्लोर टेस्ट का सामना करना था. तब उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था और ये कहा था कि वो मौजूदा नेशनल असेंबली को भंग कर देंगे और वो चाहते हैं कि पाकिस्तान में फ्लोर टेस्ट नहीं, बल्कि चुनाव कराए जाए.
लेकिन इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस ने इस मामले में सुनवाई करते हुए ये कहा कि नेशलन असेंबली को भंग करने का फैसला असंवैधानिक होगा और इमरान खान को किसी भी सूरत में फ्लोर टेस्ट का सामना करना ही होगा. इसी आदेश के बाद इमरान खान ने फ्लोर टेस्ट का सामना किया था और वो पाकिस्तान के इतिहास में पहले प्रधानमंत्री बन गए थे, जिनकी सरकार बहुमत साबित न होने की वजह से गिरी थी. यानी जिन चीफ जस्टिस की वजह से इमरान खान पाकिस्तान की सत्ता से बाहर हुए. आज उन्हीं के कारण उनकी रिहाई हुई है.
परवेज मुशर्रफ के सामने भी नहीं झुके थे CJP
पाकिस्तान के चीफ जस्टिस से जुड़ी एक और रोचक जानकारी आपको बताते हैं. साल 2007 में जब पाकिस्तान में आपातकाल की घोषणा की गई थी, उस समय जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने पाकिस्तान के संविधान को भी निष्क्रिय कर दिया था और एक अस्थायी संविधान लागू किया था, जिसके तहत पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट्स के सभी जजों को फिर से नई शपथ लेने के लिए कहा था. और बात ना मानने पर सभी जजों को हाउस अरेस्ट की धमकी दी थी. इसके बावजूद भी उस समय पाकिस्तान के मौजूदा चीफ जस्टिस, जनरल परवेज़ मुशर्रफ के सामने झुके नहीं थे और उन्होंने कहा था कि वो असली संविधान को ही मानेंगे. आज भी उन्होंने यही कहा कि उन्होंने इस मामले में न्याय दिया है, इसलिए हो सकता है कुछ लोग उनके घरों को आग लगाने की कोशिश करें.
गिरफ्तारी पर राष्ट्रपति ने पीएम को लिखी थी चिट्ठी
इमरान खान की गिरफ्तारी पर पाकिस्तान के मौजूदा राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ को एक चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने ये कहा था कि जिस तरह से इमरान खान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट से गिरफ्तार किया गया, वो दृश्य उनके लिए और पाकिस्तान के लोगों के लिए हैरान करने वाला था. इसी चिट्ठी में ये भी लिखा है कि इमरान खान की गिरफ्तारी से पूरी दुनिया में पाकिस्तान की छवि खराब हुई है और इससे पाकिस्तान के दुश्मन देशों को उसका मज़ाक़ उड़ाने का मौका मिल गया है. पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने इसमें ये भी लिखा है कि, इमरान खान के जो संवैधानिक अधिकार हैं, उनका उल्लंघन नहीं होना चाहिेए और प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ इमरान खान के बारे में सभी जानकारी उन्हें देने के लिए बाध्य हैं.
किस केस में गिरफ्तार हुए थे इमरान?
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान को अल कादिर ट्रस्ट मामले में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) और पाक रेंजर्स ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से देशभर में जमकर बवाल हुआ. वह रिहा तो हो गए हैं, लेकिन अब भी पीटीआई समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प की सूचना सामने आ रही हैं.
पाकिस्तान के कई बड़े शहरों में बड़ी तादाद में इमरान खान के समर्थक सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. गिरफ्तारी से सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर होना चाहिए था, लेकिन पीटीआई समर्थकों ने ठीक इसके उलट सेना को निशाना बनाना शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने सैन्य प्रतिष्ठानों, उनके कार्यालयों और घरों पर हमले करने शुरू कर दिए.
PAK: इमरान खान को 'सुप्रीम' राहत, जजों से सरकार खफा, आज HC में सुनवाई... पढ़ें रिहाई की पूरी कहानी - Aaj Tak
Read More
No comments:
Post a Comment