सुप्रीम कोर्ट - फोटो : सोशल मीडिया
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महाराष्ट्र की सियासत के लिए एक बार फिर बड़ी खबर सामने आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिका पर फैसला लेने के लिए समयसीमा तय करने का निर्देश दिया। फैसला लेने में हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को उच्चतम न्यायालय की गरिमा का सम्मान करना चाहिए।
जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष से कहा है कि वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 56 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं को एक सप्ताह के भीतर सुनवाई के लिए अपने सामने सूचीबद्ध करें। कोर्ट ने अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने के लिए एक समय-सारणी निर्धारित करने का भी निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि स्पीकर संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत कार्यवाही को अनिश्चितकाल तक टालकर नहीं रख सकते। कोर्ट के निर्देशों के प्रति सम्मान की भावना होनी चाहिए। सीजेआई ने संविधान पीठ के फैसले का जिक्र करते हुए पूछा कि कोर्ट के 11 मई के फैसले के बाद स्पीकर ने क्या किया? पीठ ने यह भी कहा कि मामले में दोनों पक्षों को मिलाकर कुल 34 याचिकाएं लंबित हैं। दरअसल, फैसले में स्पीकर को उचित अवधि में अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने का निर्देश दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट: शिवसेना विधायकों की अयोग्यता वाली याचिकाओं पर फैसले में देरी पर जताई नाराजगी, कही यह बड़ी बात - अमर उजाला
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