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Tuesday, December 19, 2023

सांसदों के निलंबन से विपक्ष ने ले ली थी बढ़त लेकिन 4 चूक हुईं और सब हो गया चौपट - Aaj Tak

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर विपक्ष को बैकफुट पर लाने का काम किया है.सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर विपक्ष ने सत्ता पक्ष से बढ़त ले ली थी. पर विपक्ष की सारी लड़ाई पर राहुल गांधी की एक चूक भारी पड़ गई.  संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पिछले हफ्ते बुधवार 13 दिसंबर  के दिन लोकसभा में स्मोक कलर अटैक हुआ. इसके बाद से विपक्ष लगातार संसद की सुरक्षा को लेकर सदन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग करते हुए हंगामा और विरोध प्रदर्शन कर रहा है. बात यहां तक पहुंच गई कि विपक्ष के 141 सांसद निलंबित कर दिए गए. 

इस तरह विपक्ष ने देश भर में आम लोगों के सामने सरकार के तानाशाहीपूर्ण रवैये को सामने रखा और अपने लिए हमदर्दी हासिल कर ली थी. सब कुछ विपक्ष के लिए बहुत पॉजिटिव चल रहा था. पर राहुल गांधी ने कुछ ऐसा किया जिसकी उम्मीद देश की जनता को नहीं थी. संसद के गेट पर धरना प्रदर्शन करते हुए एक टीएमसी सांसद राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री के जरिए मजाक उड़ा रहे थे और राहुल गांधी भी खुद हंसते हुए उस सांसद की वीडियो बना रहे थे. इस वीडियो के आने पर विपक्ष बैकफुट पर आ गया और बीजेपी नेता राहुल गांधी के वीडियो बनाते हुए क्लिप को लगातार वायरल कर रहे हैं. आइये देखते हैं कि किस तरह राहुल गांधी ने विपक्ष का काम खराब कर दिया.

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1- संसद के बाहर धरना सही, लेकिन राज्‍यसभा सभापति धनखड़ की मिमिक्री ने सब चौपट कर दिया

दरअसल राज्यसभा सभापति पदेन उपराष्ट्रपति भी होता है. जगदीप धनखड़ बहुत पुराने नेता है. उनकी उम्र भी हो चुकी है. नई दिल्ली और आस पास के क्षेत्र में जाट समाज का बोलबाला है. जाट समाज यूं तो किसी को वोट दे पर समाज के प्रतिष्ठित शख्सियत के अपमान पर एकजुट नजर आता है. वैसे भी एक बुजुर्ग आदमी की बॉडी लैंग्वेज का मजाक बनाना बेहद भद्दा है. उसमें भी अगर यह किसी सांसद द्वारा किया जाए यह तो वास्तव में भारतीय लोकतंत्र के लिए शर्मिंदगी की बात है. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी की इस हरकत पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लिखा कि  

"घमंडिया गठबंधन के सांसदों के इस 'Reel' वीडियो ने उनके ओछापन का 'Real' चेहरा देश के सामने उजागर कर दिया. संसद, संसदीय प्रक्रिया, संसदीय प्रणाली का सरेआम उड़ाया जा रहा यह मजाक देश देख रहा है."

विपक्ष की हालत 'चोर मचाये शोर' वाली है. आज देश के समक्ष दूध का दूध और पानी का पानी हो रहा है कि क्यों कुछ सदस्य निलंबित हैं. ऐसी घटिया हरकत करते हुए इनको जरा भी शर्म नहीं आयी, बल्कि “मोहब्बत के कथित स्वघोषित ठेकेदार” इस ओछापन की reel बनाने में भी मशगूल हैं. घमंडिया गठबंधन के दलों में यह होड़ मची है क़ि कौन कितना नीचे गिरेगा. जो जितना गिरेगा शायद वह उतना ही घमंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने का हक़दार होगा. 

लोकतंत्र की दुहाई देकर संसद को बार-बार बंधक बनाने वाले इन लोगों में लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रतीकों के लिए थोड़ा भी सम्मान नहीं है. जब सत्ता में होते हैं तो लोकतंत्र को अपना गुलाम समझते हैं और जब सत्ता में नहीं होते हैं तो लोकतंत्र को बदनाम करने में लगे रहते हैं. देश इनके दोहरे चरित्र को भलीभांति समझ गया है. इस फूहड़पन के लिए कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन को इस बार देश की जनता दो डिजिट में समेट देगी.

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2- कल्‍याण बनर्जी की मिमिक्री अपनी जगह है, राहुल गांधी ने वीडियो रिकॉर्डिंग करके सब चौपट कर दिया

टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने जो किया वो बहुत गलत है, पर राहुल गांधी ने जो किया वो बहुत ही गलत की कटैगरी में आ जाता है. राहुल गांधी अगर वीडियो नहीं बनाते तो शायद यह मामला सामने आता ही नहीं. बहुत लोग वीडियो बना रहे थे और बहुत लोग देश के तमाम सम्मानित लोगों की बॉडी लैंग्वेज की नकल कर उनका मजाक बनाते रहते हैं. हो सकता है कि संसद में भी यह आए दिन होता हो. कल्याण बनर्जी को कौन जानता है. हो सकता है कि इसके पहले कल्याण बनर्जी पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की भी इस तरह से हंसी उड़ा चुके हों. पर चूंकि कल्याण बनर्जी को कोई जानता ही नहीं है इसलिए मामला तूल नहीं पकड़ता. राहुल गांधी विपक्ष के सबसे बड़े दल के सबसे बड़े नेता हैं. इंडिया गठबंधन अगर अस्तित्व में आता है चुनावों में विजयी होता है तो उन्हें पीएम बनते हुए भी हम देख सकते हैं. इसलिए उनका वीडियो बनाना लोगों को नहीं पचेगा. इस घटना के बाद कांग्रेस पर बीजेपी भी हमलावर हुई है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस पार्टी की जमकर बखिया उखाड़ी है. जगदीप धनखड़ ने अपने सदन के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा.

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माननीय सदस्यों,

मैंने सदन स्थगित कर दिया है. लोगों के मन में इस संस्था के ख़िलाफ़ किस तरह की प्रतिक्रिया है, इसका अंदाज़ा आपको नहीं है और हमें इसका सबसे निचला स्तर देखने का मौक़ा मिला.

श्री चिदम्बरम यहाँ हैं. श्री चिदम्बरम, आप बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं. कल्पना कीजिए कि मेरे दिल पर क्या बीत रही होगी जब आपके वरिष्ठ नेता एक संसद सदस्य को चेयरमैन की संस्था का मजाक उड़ाते हुए वीडियोग्राफी कर रहे होंगे, जैसा कि एक व्यक्ति मेरे बारे में सोचता है.

एक किसान के रूप में मेरी पृष्ठभूमि को न समझें, समुदाय के सदस्य के रूप में मेरी पृष्ठभूमि को न लें. चेयरमैन की संस्था को तहस-नहस कर दिया गया है और वह भी एक राजनीतिक दल द्वारा, जो इतनी आगे बढ़ गई है कि एक वरिष्ठ सांसद, दूसरे सदस्य की वीडियोग्राफी करता है. किस लिए?

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मैं आपको बताता हूं, मुझे कष्ट हुआ था. इंस्टाग्राम पर, श्रीमान चिदम्बरम, आपकी पार्टी ने एक वीडियो डाला था जिसे बाद में वापस ले लिया गया. यह मेरे लिए शर्म की बात थी. आपने मुझे अपमानित करने, मेरा अपमान करने, एक किसान के रूप में मेरी पृष्ठभूमि का अपमान करने, एक जाट के रूप में मेरे पद का अपमान करने, एक अध्यक्ष के रूप में मेरे पद का अपमान करने के लिए प्रवक्ता के आधिकारिक ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल किया.

सर, ये बहुत गंभीर मामला है. 

जगदीप धनखड़ के साथ जो हुआ उससे जाट समाज ने नाराजगी जाहिर की है. उत्तर भारत में हरियाणा-राजस्थान और पश्चिमी यूपी में जाट बहुत प्रभावशाली कम्युनिटी है. इनके वोट भी निर्णायक होते हैं. हरियाणा में तो जाट एकतरफा कांग्रेस को सपोर्ट करते रहे हैं. शायद यही कारण रहा कि कांग्रेस ने इसे अपने एकाउंट से डिलिट कर दिया. 

3- संसद की सुरक्षा की चिंता जायज, लेकिन हमलावरों से सहानुभूति ने काम खराब करना शुरू 

संसद की सुरक्षा में लापरवाही हुई ये सही है. इस पर सरकार बुरी तरह घिरी हुई थी. एक बीजेपी सांसद ने हमलावरों को पास जारी किया था. यह बात और भी अधिक सरकार के लिए शर्मिंदगी वाली थी. पर बाद में विपक्ष के नेता जैसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी, आरजेडी नेता मनोज झा, कांग्रेस से जुड़े योगेंद्र यादव आदि ने यह कहकर मामले को गलत मोड़ दे दिया कि संसद पर हमले का कारण बेरोजगारी और महंगाई है .राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'Jobs कहां हैं? युवा हताश हैं- हमें इस मुद्दे पर फोकस करना है, युवाओं को नौकरी देनी है. सुरक्षा चूक जरूर हुई है, मगर इसके पीछे का कारण है देश का सबसे बड़ा मुद्दा-बेरोज़गारी!   इसके बाद सुरक्षा का मुद्दा गौड़ हो गया और महंगाई और बेरोजगारी पर राजनीति शुरू हो गई.

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बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘राहुल गांधी और ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं को संसद की सुरक्षा में चूक की घटना में शामिल लोगों के कांग्रेस, टीएमसी और माकपा के साथ घनिष्ठ संबंधों के बारे में बताना चाहिए. राहुल गांधी को, विशेष रूप से उस असीम सरोदे के साथ अपने संबंधों को स्पष्ट करना चाहिए, जो ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का हिस्सा थे और संसद में घुसने वालों को कानूनी सहायता प्रदान करने की पेशकश की है.’

4- आसंदी से सवाल-जवाब सही, लेकिन वेल में हंगामा करके सब चौपट कर दिया

संसद सवाल जवाब के लिए ही बनी हुई है. जिम्मेदार लोगों से सवाल जवाब जरूर होना चाहिए पर संसदीय नियमों के तहत. बहस के लिए माहौल बनना चाहिए. पर जिस तरह सवाल पर जवाब मिलने के बाद विपक्ष आक्रामक हो जाता है और वेल में खड़ा होकर हंगामा करने लगता है उससे पूरी संसदीय प्रक्रिया ही चौपट हो जाती है. ऐसा ही संसद पर हमले से संबंधित सवालों को लेकर हुआ है.पिछले दिनों जिस तरह विपक्ष ने वेल में आकर हंगामा किया है उससे यही लगा कि यह जानबूझकर किया जा रहा है. इन सबके बीच आम लोगों में ये संदेश गया है संसद पर हमले की बात हो या भविष्य में संसद की सुरक्षा की बात इस पर कोई बहस करना ही नहीं चाहता है.

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