आतंक का दूसरा नाम था- गैंगस्टर संदीप गाडोली. जिसका सट्टेबाजी, अवैध शराब, अवैध वसूली और जमीनों पर अवैध कब्जों का काम था. गुरुग्राम में गैंगस्टर के गुर्गों का नेक्सेस था. ऐसा ही एक गुर्गा था अर्जुन नगर का रहने वाला मनीष खुराना. खुराना, संदीप गाडोली के सट्टेबाजी, वसूली और भी कई काले धंधों में लिप्त था. लेकिन कानून की किताबों में उसका कोई जिक्र नहीं रहा. उसी चकाचौंध से इम्प्रेस दिव्या पाहुजा की मुलाकात मनीष खुराना से हुई. दोनों में दोस्ती का रिश्ता अभी गहरा हुआ भी नहीं हुआ कि एक पार्टी के मौके पर गैंगस्टर संदीप गाडोली की नजर बला की खूबसूरत दिव्या पाहुजा पर पड़ गई. बस, फिर क्या था, गैंगस्टर अपकमिंग मॉडल पर लट्टू हो गया. यहीं से शुरू हुआ गैंगस्टर और दिव्या पाहुजा का रिश्ता. यह साल था 2015.
कैसा हुआ गैंगस्टर एनकाउंटर?
दरअसल, संदीप गाडौली साल 2015-16 में मोस्ट वांटेड अपराधियों की लिस्ट में शुमार था और अक्सर गुरुग्राम से बाहर यानी राजस्थान और मुंबई में अपना ठिकाना बनाए हुए था. फिर 3-4 फरवरी 2016 को गैंगस्टर संदीप अपनी मॉडल गर्लफ्रेंड दिव्या के साथ राजस्थान के रास्ते होता हुआ मुंबई के होटल एयरपोर्ट जा पहुंचा. संदीप को बिल्कुल भी अंदेशा नहीं था कि गुरुग्राम क्राइम ब्रांच की टीम पीछा करते हुए मुंबई के होटल एयरपोर्ट तक आ पहुंची थी.
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फिर 7 फरवरी की सुबह जब संदीप गाडौली गर्लफ्रेंड दिव्या पाहुजा के साथ होटल के 111 नंबर रुम में रुका था, तभी क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर आनंद कुमार, सब-इंस्पेक्टर प्रद्युम्न यादव और तीन से चार अन्य पुलिसकर्मी होटल में जा धमके. कमरे में पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम को देखकर संदीप सन्न रह गया. सब-इंस्पेक्टर प्रद्युम्न यादव ने संदीप को सरेंडर करने के लिए कहा. लेकिन संदीप ने अपने अवैध असलहे से पुलिस पर फायरिंग कर दी. दोनों तरफ की फायरिंग में संदीप को कई गोलियां लग गई थीं. घायल गैंगस्टर मुंबई के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
क्राइम ब्रांच टीम, दिव्या पाहुजा और उसकी मां पर आरोप
कुख्यात गैंगस्टर संदीप गाडौली के एनकाउंटर के बाद जहां तत्कालीन पुलिस कमिश्नर नवदीप सिंह विर्क ने इसे गुरुग्राम क्राइम ब्रांच की बड़ी उपलब्धि बताया था, तो वहीं गैंगस्टर संदीप गाडौली की बहन सुदेश कटारिया और भाई मास्टर व ब्रह्मप्रकाश ने इसे फेक एनकाउंटर करार दिया.. मामला कोर्ट में गया. हाई कोर्ट में गया. सुप्रीम कोर्ट में गया.
इसके बाद मुंबई पुलिस ने क्राइम ब्रांच के सब-इंस्पेक्टर प्रद्युम्न यादव और अन्य 3-4 पुलिसकर्मियों को फेक एनकाउंटर मामले में गिरफ्तार कर मामले की तफ़्तीश शुरू कर दी थी. इस दौरान तफ्तीश में सामने आया के मॉडल दिव्या पाहुजा अपने बॉयफ्रेंड संदीप गाडौली और खुद की लोकेशन सोशल मीडिया पर साझा करती चली आ रही थी और इसी लोकेशन को ट्रेस करते-करते गुरुग्राम क्राइम ब्रांच की टीम मुंबई पहुंची और बिना मुंबई पुलिस को सूचना दिए एनकाउंटर को अंजाम दे डाला.
संदीप की बहन सुदेश कटारिया ने आरोप लगाया कि दिव्या पाहुजा और उसकी मां सोनिया पाहुजा ने दुश्मन गैंगस्टर बिंदर गुर्जर के साथ मिलकर इस फेक एनकाउंटर को अंजाम दिलवाया है. इस मामले में अप्रैल 2016 से ही दिव्या पाहुजा और उसकी मां सोनिया पाहुजा ट्रायल भुगतने में लगी थी. मामले में सोनिया पाहुजा की जमानत 2019 में मंजूर कर ली थी. तर्क दिया गया कि दिव्या पाहुजा के पिता को लास्ट स्टेज कैंसर है और उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है. जबकि दिव्या पाहुजा की कोर्ट में सुनवाई के बाद जुलाई 2023 में जमानत को मंजूर कर लिया गया था.
अभिजीत के साथ कैसे हुई दिव्या की मुलाकात?
अब दिव्या पाहुजा की हत्या के बाद शुरुआती तफ्तीश में हत्यारोपी अभिजीत सिंह ने पुलिसिया पूछताछ में हैरान करने वाला खुलासा किया. दावा किया गया कि दिव्या पाहुजा के पास आरोपी अभिजीत सिंह के कुछ अश्लील वीडियो थे और उन्हीं वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर दिव्या पाहुजा ब्लैकमेलिंग करती आ रही थी. इसी ब्लैकमेलिंग से परेशान हो अभिजीत सिंह ने बीती 2 जनवरी की देर रात दिव्या पाहुजा की गोली मारकर हत्या कर दी.
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जबकि हमारे सूत्रों की जानकारी के अनुसार, जब साक्ष्य जुटाने की कोशिश की गई तो अभिजीत सिंह की पहचान नशेड़ी और अय्याश प्रवृत्ति के शख्स के तौर पर सामने आई. वहीं, पुलिसिया थ्योरी पर भी विश्वास करें तो जो आदमी मृतका के शव को ठिकाने लगाने के लिए कुछ ही मिनट में 10 लाख रुपए अपने दो साथियों को ऑफर कर सकता है, तो क्या नहीं कर सकता. हालांकि, दिव्या तक ऐसा कितना पैसा मांग रही थी? इसका खुलासा न तो गुरुग्राम पुलिस ने किया है और न ही आरोपी अभिजीत सिंह ने किया है.
BMW गाड़ी में दिव्या के शव को लेकर ठिकाने लगाने ले गए
दरअसल, होटल मालिक अभिजीत सिंह ने गुस्से में दिव्या पाहुजा की गोली मारकर हत्या तो कर दी थी, लेकिन उसे खुद की गिरफ्तारी का डर सताने लगा था. इसके बाद अभिजीत ने दिव्या पाहुजा के शव को ठिकाने लगाने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया.. आरोपी ने अपने खासमखास बलराज पंजाबी को बुलाया और शव को बीएमडब्ल्यू गाड़ी की डिग्गी में रखवाकर ठिकाने लगाने भेज दिया. बलराज और उसका साथी दिव्या पाहुजा के शव को लेकर फरार चल रहे हैं.
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गुरुग्राम के नामी स्कूल से दिव्या पाहुजा ने की थी 12वीं पास
फर्राटेदार इंग्लिश बोलने वाली दिव्या पाहुजा ने गुरुग्राम के नामी स्कूल से इंग्लिश मीडियम में 12वीं पास की थी. दिव्या पाहुजा की एक छोटी बहन एमएनसी कंपनी में काम करती है. इसके अलावा, मां सोनिया पाहुजा कैंसर से जूझ रहे पिता की देखभाल करत है. परिवार बलदेव नगर के एक छोटे से मकान में रहता है. अब दिव्या पाहुजा की हत्या के बाद से परिवार में मातम का माहौल है.
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