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Monday, May 31, 2021

Swami Ramdev का दावा- एक हफ्ते के अंदर लाने वाले हैं ब्लैक फंगस का आयुर्वेदिक इलाज - Zee News Hindi

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus in India) का कहर धीरे-धीरे कम होने लगा है, लेकिन ब्लैक फंगस (Black Fungus) बड़ा खतरा बनकर सामने आया है और संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस बीच योगगुरु स्वामी रामदेव (Yog Guru Swami Ramdev) ने दावा किया है कि वह जल्द ही ब्लैक फंगस की दवा लेकर आने वाले हैं.

'एक हफ्ते के अंदर आएगा फंगस का आयुर्वेदिक इलाज'

एक कार्यक्रम में स्वामी रामदेव (Swami Ramdev) ने कहा, 'एक सप्ताह के अंदर ब्लैक फंगस, येलो फंगस और व्हाइट फंगस का आयुर्वेदिक इलाज लेकर आने वाला हूं. इसको लेकर काम पूरा हो चुका है और प्रक्रिया फाइनल स्टेज में है. हम अभी फंगस की दवाई बना रहे हैं.'

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कैसे शुरू हुआ बाबा रामदेव-आईएमए का विवाद

बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बीच विवाद एक बयान को लेकर शुरू हुआ था. बाबा रामदेव ने मॉडर्न एलोपैथी को स्टुपिड और दीवालिया साइंस करार दिया था. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अपील पर उन्होंन अपना बयान वापस ले लिया था.

बाबा रामदेव ने आईएमए से पूछे से 25 सवाल

बयान वापस लेने के बाद स्वामी रामदेव (Swami Ramdev) ने इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) और फार्मा कंपनियों से 25 सवाल पूछे. बाबा रामदेव ने बीपी, टाइप-1, टाइप-2 डायबिटीज, थायराइड जैसी कई बीमारियों को लेकर सवाल पूछा कि क्या उनके पास इनका स्थायी समाधान है. बाबा रामदेव ने कहा पूछा कि एलोपैथी के पास फैटी लिवर, लीवर सिरोसिस, हेपटाइटिस को क्योर करने के लिए मेडिसिन क्या है?

मैं एलोपैथी और डॉक्टरों के खिलाफ नहीं: स्वामी रामदेव

आईएमए (IMA) से विवाद पर बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने कहा, 'मैं न तो एलोपैथी के खिलाफ हूं, न डॉक्टर्स के खिलाफ हूं और आईएमए के खिलाफ होने का कोई प्रश्न नहीं है. ठीक है, उन्हें अपनी राजनीति चलानी है और डॉक्टरों के बीच में अपनी नेतागिरी करनी है तो उसके साथ में लड़ाई का कोई प्रश्न नहीं है.' उन्होंने कहा, 'मेरी असली लड़ाई ड्रग माफिया के खिलाफ है, जो दो रुपये की दवा को 2000 रुपये में और कभी कभी तो 10-10 हजार में बेचते हैं. इसके अलावा गैर जरूरी ऑपरेशन करते हैं और गैर जरूरी टेस्ट करते हैं.'

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IMA और बाबा रामदेव की झड़प में हुई अक्षय कुमार की एंट्री, वीडियो में बोले- आयुर्वेद में है हर मर्ज का इलाज - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

 नई दिल्ली, जेएनएन। योग गुरू बाबा रामदेव और आईएमए के बीच चल रहा विवाद दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। इस विवाद के बीच अब अभिनेता अक्षय कुमार भी आ गए हैं। दरअसल हाल ही में योग गुरू बाबा रामदेव ने सोशल मीडिया पर अक्षय कुमार का एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में अक्षय कुमार आयुर्वेदिक दवाइयों का समर्थन करते हुए नजर आ रहे हैं।

बाबा रामदेव ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए अक्षय का ये वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो को शेयर करते हुए बाबा रामदेव ने कैप्शन में लिखा, 'आप अपनी बॉडी के खुद ब्रांड अम्बेसडर बने, सिंपल और हेल्दी लाइफ जीयें, और दुनिया को दिखा देते हैं, कि हमारे हिंदुस्तानी योग व आयुर्वेद में जो ताकत है, वह किसी अंग्रेज के केमिकल इंजेक्शन में नहीं है। साभार- अक्षय कुमार।'

दरअसल अक्षय का ये वीडियो साल 2017 का है। ये वीडियो उन्होंने उस समय बनाया था जब वो खुद एक आश्रम में कुछ दिन बिताकर लौटे थे। इस वीडियो में अक्षय कुमार बता रहे हैं कि बीते 25 साल से वो आयुर्वेद को फॉलो कर रहे हैं। आयुर्वेद ऐसी संपदा है जो भगवान ने केवल भारत को दी है और लोग उसकी कद्र नहीं करते हैं। हम अंग्रेजी दवाई की गोलियां खाकर प्रोटीन शेक पीकर और स्टेरॉइड के इंजेक्शन लेकर जीने को जीना समझ रहे हैं। उन्होंने आगे ये भी कहा कि इस वीडियो के जरिए उनका मकसद एलोपैथिक मेडिसिन और ट्रीटमेंट की खिलाफत करना नहीं है। उन्होंने लोगों से ये भी पूछा कि यही भरोसा प्राचीन दवाओं पर क्यों नहीं है?

करीब 2 मिनट के इस वीडियो में अक्षय कुमार ये भी कहते हुए नजर आ रहे हैं कि विदेशी लोग हमारे देश की चिक्त्सा पद्धति को अपनाते हैं तो हम क्यों नहीं। अक्षय कहते हैं, 'मैं शर्त लगाने को तैयार हूं कि आपके शरीर में ऐसी कोई बीमारी नहीं है जिसका इलाज हमारे ट्रेडिशनल इंडियन मेडिसिन सिस्टम में न हो। आयुर्वेद सिर्फ प्राकृतिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक भी है। हमारे देश में बेस्ट ट्रीटमेंट होने के बावजूद हम विदेश जाते हैं। जबकि विदेशी खुद भारत आकर खुद को ठीक करते हैं।'

इससे पहले बाबा रामदेव ने आमिर खान के एक शो 'सत्यमेव जयते' का भी एक वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो में आमिर खान डॉ. समित शर्मा से एलोपैथी दवाइयों और उनके इलाज के बारे में चर्चा करते हुए दिखाई दिए थे। वीडियो में डॉ. समित शर्मा कहते नजर आए थे कि, 'दवाइयों की असली कीमत बहुत ही कम होती है। हम जब बाजार से दवाइयां खरीदकर लाते हैं तो वो हमें 5 गुना, 10 गुना, 20 गुना, कई बार तो 50 गुना से भी ज्यादा दामों पर खरीदनी पड़ती हैं।'

क्या है आयुर्वेद और एलोपैथी विवाद

बता दें कि बीते दिनों बाबा रामदेव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें बाबा एलोपैथी पर तंज कसते हुए नजर आए थे। वीडियो में बाबा रामदेव कह रहे थे कि टीके लगवाने के बाद भी कई डॉक्टरों की मौत हो गई। बाबा रामदेव के इस बयान के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने एतराज जताते हुए माफी की मांगने की बात कही थी। हालांकि हेल्थ मिनिस्टर डॉ. हर्षवर्धन के दखल देने पर उन्होंने अपने बयान को वापस लेने की बात कही थी। लेकिन इसके तुरंत बाद उन्होंने एलोपैथी से 25 सवाल पूछ लिए थे। इसके बाद से ही ये विवाद लगातार गहरता ही जा रहा है। जिसके चलते 1 जून को जूनियर डॉक्टर्स काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

बाबा रामदेव खत्म करना चाहते हैं विवाद?

बाबा रामदेव ने सोमवार रात एक बयान जारी कर कहा कि वह आयुर्वेद बनाम एलोपैथी विवाद को खत्म करना चाहते हैं। अपने बयान में उन्होंने कहा कि ड्रग माफिया के खिलाफ उनका यह अभियान जारी रहेगा। साथ ही उन्होंने यह भी दोहराया कि आयुर्वेद को स्यूडो-साइंस और अल्टरनेटिव थैरेपी कहकर या किसी भी तरह से इसके प्रति घृणा रखने और इसे नीचा दिखाने, अपमानित करने की किसी भी कोशिश को सहन नहीं किया जाएगा। कोशिश को हम सहन नहीं करेंगे।

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यूपी अनलॉक: 61 जिले में शर्तों के साथ आज से खुलेंगे बाजार, जानें नियम और किस पर रहेगी पाबंदी - Hindustan

यूपी के 61 जिले कोरोना कर्फ्यू में ढील के साथ अनलॉक हो गए हैं। सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार 600 से अधिक कोरोना केस वाले जिलों को छोड़कर अन्य जिलों को कोरोना कर्फ्यू में ढील दी गई है। ढील देने वाले जिलों में सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक कुछ शर्तो पर ढील दी गई है। शनिवार और रविवार साप्ताहिक बंदी रहेगा। कंटेनमेंट जोन में सभी गतिविधियों पर रोक जारी रहेगी। इसके साथ ही रात्रिकालीन कर्फ्यू शाम के 7 बजे से अगले दिन सुबह 7 बजे तक लागू रहेगा।

नई गाइडलाइन के अनुसार, दुकानों पर दुकानदार व स्टाफ के लिए मास्क, दो गज की दूरी और सेनेटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। यही अनिवार्यता ग्राहकों के लिए भी लागू होगी। फ्रंटलाइन सरकारी विभागों में सभी कर्मचारी आएंगे। वहीं अन्य सरकारी विभागों में अधिकतम 50 प्रतिशत की उपस्थिति के साथ काम होगा। सभी कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क अनिवार्य रूप से स्थापित किया जायेगा। निजी कंपनियों के कार्यालय भी मास्क की अनिवार्यता, दो गज की दूरी और सेनेटाइजर के प्रयोग के साथ खुलेंगे। निजी कंपनियों के लिए वर्क फ्राम होम जारी रहेगा। औद्योगिक संस्थान खुले रहेंगे और यहां कार्यरत कर्मचारियों को आईडी कार्ड या इकाई के प्रमाण पत्र के आधार पर आने-जाने की छूट मिलेगी। यहां भी कोविड हेल्प डेस्क को अनिवार्य रूप से स्थापित किया जायेगा। सब्जी मंडियां खुली रहेंगी लेकिन घनी आबादी में संचालित सब्जी मंडियों को खुले स्थान पर लगवाया जाएगा।

रोडवेज बसों में निर्धारित सीट क्षमता पर ही संचालन की अनुमति होगी। संचालन के दौरान चालक, परिचालकों को मास्क, ग्लब्स का उपयोग करना अनिवार्य होगा। यात्रियों के लिए भी मास्क और फेसकवर का उपयोग करना अनिवार्य होगा। बसों को नियमित रूप से सेनेटाइज किया जायेगा। वहीं यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की जायेगी। सभी जगहों पर कोविड हेल्प डेस्क पर एक रजिस्टर की व्यवस्था की होगी। यहां संदिग्ध व लक्षणयुक्त व्यक्तियों को प्रवेश की अनुमति नहीं देते हुए इसकी सूचना तत्काल सीएमओ को दी जाएगी। बैंकों, बीमा कम्पनियों भुगतान प्रणालियों व अन्य वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनियों की शाखायें व कार्यालय कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए खोले जायेंगे। रेस्टोरेंट से केवल होम डिलीवरी की अनुमति होगी। अंडे, मांस और मछली की दुकानों पर पर्याप्त साफ-सफाई तथा सेनेटाइजेशन का ध्यान रखते हुए खोलने की अनुमति होगी। खुले में कोई भी दुकानदार इसे नहीं बेचेगा। खाद बीज व अन्य कृषि निवेश से संबंधित उत्पाद व कृषि संयंत्रों की दुकानें खुली रहेंगी। समस्त सरकारी व निजी निर्माण कार्य कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार कराने की छूट होगी।

धर्मस्थलों में पांच और आटो रिक्शा में दो व्यक्ति ही चलेंगे

कंटेनमेंट जोन को छोड़कर शेष स्थानों और क्षेत्रों में धर्मस्थलों के अंदर एक बार में एक स्थान पर 5 से अधिक श्रद्धालुओं के एकत्रित होने पर प्रतिबंध रहेगा। दोपहिया वाहनों को निर्धारित सीट क्षमता के अनुसार हेलमेट, मास्क, फेस कवर पहन कर चलने की अनुमति होगी। वहीं आटो रिक्शा में चालक के साथ अधिकतम 2 यात्री, बैटरी रिक्शा में चालक सहित 3 यात्री और चारपहिया वाहनों पर केवल 4 यात्रियों के बैठने की अनुमति होगी।

शादी व आयोजनों में 25, अंतिम संस्कार में 20 लोग होंगे शामिल

शादी समारोह व अन्य आयोजनों में व्यक्तियों की उपस्थिति निर्धारित शर्तों के साथ होगी। बन्द व खुले स्थानों पर एक समय में अधिकतम 25 लोगों को मास्क की अनिवार्यता, दो गज की दूरी और सेनेटाइजर का उपयोग करते हुए शामिल होने की छूट होगी। इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का सावधानियों के साथ पालन करना होगा। आयोजन, समारोह स्थलों पर आमंत्रित अतिथियों के बैठने की व्यवस्था में दो गज की दूरी का पालन अनिवार्य होगा। शौचालयों में साफ-सफाई एवं सेनेटाइजेशन की व्यवस्था रखनी होगी। उपरोक्त शर्तों और प्रतिबन्धों के पालन की पूरी जिम्मेदारी आयोजकों की होगी। शव यात्रा में कोविड-19 के प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए अधिकतम 20 लोग ही शामिल हो सकेंगे।

कोचिंग, जिम, माल रहेंगे बंद, शिक्षक आएंगे स्कूल

कोचिंग संस्थान, सिनेमा, जिम, स्वीमिंग पुल, क्लब एवं शापिंग मॉल पूर्णत: बंद रहेंगे। माध्यमिक एवं उच्च शिक्षण संस्थाओं कोचिंग संस्थानों में ऑलनाइन पढ़ाई की अनुमति विभागीय आदेशों के अनुरूप अनुमन्य होगी। बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को प्रशासनिक कार्यों के लिए विद्यालय आने जाने की अनुमति होगी। विद्यालयों के प्रशासनिक कार्यालयों को खोलने की अनुमति भी दी जायेगी।  

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दिल्ली-एनसीआर : इस सप्ताह दिखेंगे मौसम के कई रंग, हो चुकी है शुरुआत - अमर उजाला - Amar Ujala

अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली  Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Tue, 01 Jun 2021 05:18 AM IST

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विस्तार

दिल्ली-एनसीआर में मौसम इस सप्ताह कई रंग दिखाने वाला है। इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। कल रात आंधी और तेज बारिश ने तापमान पर लगाम लगाने का काम किया है। लोगों को तेज गर्मी से राहत मिली है। आंधी और बारिश के बाद तापमान में कमी आने की पूरी संभावना है। 
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मौसम विभाग को अनुमान था कि इस सप्ताह के शुरू में चढ़ते पारे पर ब्रेक लगेगा और इस दौरान मौसम के अलग-अलग रंग देखने को मिलेंगे। आसमान में बादल भी छाए रहेंगे, तेज धूल भरी आंधी भी चलेंगी तो वहीं मौसम विभाग ने हल्की बारिश होने का अनुमान भी लगाया है। लेकिन कल रात जमकर बारिश हुई। इसके बाद फिर से तापमान 40 डिग्री के ऊपर पहुंचना शुरू हो जाएगा। 

दिल्ली में सोमवार को अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 39.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 25 डिग्री दर्ज हुआ। दिल्ली के कुछ इलाकों में तापमान में बढ़ोतरी हुई। पीतमपुरा व स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में सबसे अधिक 41.4 डिग्री पारा पहुंच गया। जबकि पूसा इलाके में 40.9, मुंगेशपुर में 40.7 और जाफरपुर में तापमान 40.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। दिन भर चिलचिलाती धूप ने लोगों को खूब परेशान किया।

मौसम विभाग के अनुसार अब मौसम एक बार फिर करवट लेगा। रविवार से ही मौसम ने करवट लेनी शुरु कर दी थी, जब देर शाम तेज धूर भरी हवाएं चलनी शुरु हुई। सोमवार शाम से बृहस्पतिवार तक तापमान में एक डिग्री तक की गिरावट होगी। वहीं बृहस्पतिवार तक बादल छाए रहने, हल्की बारिश होने व 40-50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से धूल भरी हवाएं चलेंगी। इस कारण से पारे में बढ़ोतरी नहीं होगी। इस दौरान तापमान 38 डिग्री के आसपास बना रहेगा।
 
चार जून से आसमान से बादल छंटने पर तापमान में बढ़ोतरी होनी शुरु होगी और तापमान 40 डिग्री तक पहुंच जाएगा। न्यूनतम तापमान में भी बढ़ोतरी होनी शुरु होगी। 

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दिल्ली में 2008 के बाद मई में सबसे कम रहा औसत अधिकतम तापमान

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गर्लफ्रेंड गायब: भगोड़े मेहुल चोकसी के पकड़े जाते ही बबारा जराबिका नदारद, रंगरेलियां मनाने यॉट से गए थे दोनों - अमर उजाला - Amar Ujala

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, डोमिनिका Published by: सुरेंद्र जोशी Updated Mon, 31 May 2021 08:25 PM IST

सार

जनता का पैसा लूटकर कैरेबियाई देश एंटीगुआ से गुपचुप ढंग से डोमिनिका में ऐश करने पहुंचे भारत के भगोड़े मेहुल चोकसी की गर्लफ्रेंड गायब हो गई है। वहीं मेहुल डोमिनिका पुलिस की गिरफ्त में होकर एक अस्पताल में भर्ती है। अब मेहुल से ज्यादा उसकी गर्लफ्रेंड के चर्चे हो रहे हैं। 
 

मेहुल चोकसी की गर्लफ्रेंड बबारा जराबिका - फोटो : social media

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विस्तार

पंजाब नेशनल बैंक से 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में वांछित मेहुल चौकसी जिस गर्लफ्रेंड के साथ रंगरेलियां मनाने एंटीगुआ से पड़ोसी देश डोमिनिका पहुंचा था, उसका कोई अता-पता नहीं मिल पा रहा है। माना जा रहा है मेहुल उसके साथ यॉट पर सवार होकर ऐश करने के लिए डोमिनिका गया था। वहां उसे पुलिस ने अवैध आव्रजन के चलते पकड़ लिया। इस बीच उसकी गर्लफ्रेंड बबारा जराबिका वहां से रफूचक्कर हो गई। 
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मेहुल चौकसी भारत का बड़ा हीरा व ज्वेलरी कारोबारी था। उसने सरकारी पंजाब नेशनल बैंक के साथ 2018 में हजारों करोड़ की धोखाधड़ी की थी। भारत में केस दर्ज होने के ठीक पहले वह देश छोड़कर भाग निकला था। बाद में वह अपने पैसों के दम पर कैरेबियाई देश एंटीगुआ में बस गया। वहां की उसने नागरिकता ले ली। 

मेहुल चोकसी अभी डोमिनिका के एक अस्पताल में भर्ती है। उसे भारत लाने के प्रयास जारी हैं। सूत्रों का कहना है कि मेहुल एंटीगुआ में अपनी गर्लफ्रेंड बबारा जराबिका के साथ ही रहता था। बीते दिनों दोनों एंटीगुआ से यॉट के जरिए डेट पर पड़ोसी देश डोमिनिका पहुंचे थे। 

मेहुल के वकीलों ने लगाया अपहरण का आरोप
मेहुल चोकसी के वकीलों का आरोप है कि उनका पक्षकार 23 मई को अपनी गर्लफ्रेंड बबारा जराबिका से मुलाकात करने वाला था। तभी जॉली हार्बर इलाके से एंटीगुआ पुलिस और भारतीय अधिकारियों ने उनका अपहरण कर लिया। बबारा जराबिका और चोकसी की मुलाकात नहीं हो सकी क्योंकि जब वह रेस्त्रां जा रहा था, उसी दौरान अपहरण कर लिया गया। 

कौन है बबारा जराबिका
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बबारा जराबिका इंवेस्टमेंट सलाहकार है। वह लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में पढ़ी है। वकीलों के अनुसार मेहुल और बबारा एक साल से दोस्ती में थे और अक्सर मिलते रहते थे। बबारा जराबिका एक बेहद शानो-शौकत की जिंदगी जीती है। उसके इंस्टाग्राम अकाउंट से पता चला कि वह लग्जरी यॉट के जरिए समुद्र में मौज की शौकीन है। उसे ट्रेवल, बिजनस और स्पोर्ट्स का शौक है। बता दें, रविवार को एंटीगुआ के पीएम गैस्टन ब्राउन ने मेहुल चोकसी संभवत: अपनी गर्लफ्रेंड को डेटिंग पर यॉट के जरिए पड़ोसी देश डोमिनिका ले गया था और वहीं पकड़ा गया। 


कोर्ट ने चोकसी के प्रत्यर्पण पर रोक लगाई
उधर, डोमिनिका की हाईकोर्ट ने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर पर दो जून तक रोक लगा दी है। अगली सुनवाई के बाद ही आगे की कार्रवाई पर फैसला होगा। इस बीच चोकसी ने आरोप लगाया है कि एंटीगुआ व भारतीय की तरह दिखने वाले पुलिसकर्मियों ने उसे जॉली बंदरगाह से अगवा किया और डोमिनिका ले गए। चोकसी की कई तस्वीरें सामने आईं जिसमें उसकी आंखें सूजी हुई थीं और चोट के निशान थे। 

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Ramdev बोले- मॉडर्न मेडिकल साइंस और डॉक्टर्स का बहुत सम्मान, विवाद खत्म करना चाहता हूं - Zee News Hindi

नई दिल्ली: एलोपैथी VS आर्युवेद के बीच योग गुरु रामदेव का बड़ा बयान आया है. रामदेव ने कहा है कि हमारा अभियान ऐलोपैथी व श्रेष्ठ डाक्टर्स के खिलाफ नहीं है. हम मॉडर्न मेडिकल साइंस और डॉक्टर्स का सम्मान करते हैं. अभियान उन ड्रग माफियाओं के खिलाफ है जो 2 रुपये की दवाई को 2000 में बेचते हैं और गैरजरूरी ऑपरेशन व टेस्ट और अनावश्यक दवा का धंधा करते हैं. रामदेव ने कहा है, हम इस विवाद को खत्म करना चाहते हैं.

'योग को नीचा न दिखाएं'

एक और ट्वीट करते हुए योग गुरु रामदेव (Ramdev) ने लिखा है, यदि एलोपैथी में सर्जरी व लाइफ सेविंग ड्रग्स हैं तो शेष 98% बीमारियों का योग-आयुर्वेद में स्थाई समाधान है, हम इंटीग्रेटेड पैथी के पक्ष में है. योग-आयुर्वेद को स्यूडो-साइंस और अल्टरनेटिव थेरेपी कहकर मजाक उड़ाना व नीचा दिखाने की मानसिकता को देश बर्दाश्त नहीं करेगा. 

अक्षय उतरे समर्थन में

इससे पहले आयुर्वेद के समर्थन में फिल्म स्टार अक्षय कुमार (Akshay Kumar) ने भी एक वीडियो शेयर किया. अक्षय ने कहा, 'आप अपनी बॉडी के खुद ब्रांड अम्बेसडर बनें, सिंपल और हेल्दी लाइफ जीयें और दुनिया को दिखा दें कि हमारे हिंदुस्तानी योग व आयुर्वेद में जो ताकत है वह किसी अंग्रेज केमिकल इंजेक्शन में नहीं है.

जब 'मेडिकल माफियाओं' को दी चुनौती

इससे पहले शनिवार को रामदेव (Ramdev) एक पुराना वीडियो शेयर कर कथित 'मेडिकल माफियाओं' को चुनौती दी थी. योग गुरु रामदेव (Yog Guru Ramdev) ने फिल्म अभिनेता आमिर खान (Amir Khan) के कार्यक्रम 'सत्यमेव जयते' का एक पुराना वीडियो शेयर किया. इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि फार्मा कंपनियों और डॉक्टरों की सांठगांठ के चलते 'मोनोपली' (Monopoly) के कारण जरूरतमंद को कई गुना अधिक कीमत पर दवा खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है. वीडियो में समझाया जा रहा है कि जेनरिक दवा (Generic medicine) डॉक्टरों द्वारा लिखी जा रही दवाओं से कितनी सस्ती होती है फिर भी मरीज को महंगी दवा लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है. रामदेव ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'इन मेडिकल माफियाओं में हिम्मत है तो आमिर खान के खिलाफ मोर्चा खोलें.'

यह भी पढ़ें; जब Indian Idol 12 के सेट पर बाबा Ramdev ने उठाया LPG सिलेंडर, कदमों में बैठे Jay Bhanushali

क्या है मामला

बता दें, एलोपैथी और एलोपैथिक चिकित्सकों पर की गई बाबा रामदेव की कथित टिप्पणी के बाद विवाद शुरू हुआ. IMA ने मोर्चा खोलते हुए रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव को पत्र लिख सख्त संदेश दिया, जिसके बाद योग गुरु ने अपना बयान वापस ले लिया. लेकिन इसके तुरंत बाद रामदेव डॉक्टरों और फार्मा कंपनियों से सवाल पूछते हुए ओपन लेटर लिख दिया. वहीं आईएमए ने बाबा रामदेव को सार्वजनिक रूप से पैनल डिस्कशन के साथ बहस के लिए चुनौती दी है. 

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राजस्थान में 2 जून से मिनी अनलॉक, जारी की गाइडलाइन, जानें क्या खुलेगा, क्या रहेगा बंद - Patrika News

जयपुर। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के केसों में गिरावट आने के बाद 2 जून से मिनी अनलॉक की शुरुआत होगी। इस संबंध में गृह विभाग ने सोमवार को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। नई गाइडलाइन में पॉजिटिव केस के अनुरुप ग्राम पंचायत एक जिले को तीन श्रेणियों में ग्रीन, येलो और रेड में बांटा गया हैं। जिन ग्राम पंचायतों में एक भी पॉजिटिव केस नहीं होगा, वह ग्रीन श्रेणी में होगी तथा 5 और इससे कम एक्टिव केस होने पर येलो तथा 5 से अधिक एक्टिव केस होने पर रेड श्रेणी में रखा जाएगा।

दिशा निर्देश के अनुसार राज्य में एक्टिव केसों की संख्या 10 हजार आने तक प्रत्येक शुक्रवार दोपहर 12 बजे से मंगलवार सुबह 5 बजे तक जन अनुशासन वीकेंड कर्फ्यू रहेगा। जिले के अंदर अपने निजी वाहनों से आवागमन मंगलवार से शुक्रवार सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक की अनुमति होगी। राज्य में 10 जून के बाद रोडवेज/निजी बसों का संचालन होगा, इसके लिए प्रथक से आदेश जारी किए जाएंगे। समस्त सरकारी कार्यालय 25 प्रतिशत कार्मिकों की उपस्थिति के साथ सुबह 9.30 बजे से शाम 4 बजे तक खुल सकेगे। 7 जून के बाद 50 प्रतिशत की क्षमता के साथ अनुमत होंगे। शादी समारोहों पर पाबंदी जारी रहेगी। स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे।

प्रतिबंधित गतिविधियां

30 जून तक शादी समारोहों पर पाबंदी जारी रहेगी। विवाह से संबंधित किसी भी प्रकार के समारोह, डीजे, बारात एवं निकासी तथा प्रीतिभोज आदि की अनुमति 30 जून तक नहीं होगी। विवाह घर पर ही अथवा कोर्ट मैरिज के रूप में करने की अनुमति होगी, जिसमें केवल 11 व्यक्ति ही अनुमत होंगे। जिसकी सूचना वेब पोर्टल पर या हेल्पलाइन नम्बर 181 पर देनी होगी।

विवाह में बैण्ड-बाजे, हलवाई, टेन्ट या इस प्रकार के अन्य किसी भी व्यक्ति के सम्मिलित होने की अनुमति नहीं होगी।

शादी के लिए टेन्ट हाउस एवं हलवाई से संबंधित किसी भी प्रकार के सामान की होम डिलीवरी भी नहीं की जा सकेगी।

मैरिज गार्डन, मैरिज हॉल एवं होटल परिसर शादी-समारोह के लिए बंद रहेंगे।

किसी भी प्रकार के सार्वजनिक, सामाजिक, राजनैतिक, खेल-कूद सम्बन्धी, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक समारोह/जुलूस/त्योहारों/मेलों/ हाट बाजार की अनुमति नहीं होगी।

धार्मिक स्थलों पर प्रबंधन द्वारा नियमित पूजा-अर्चना, इबादत, प्रार्थना आदि जारी रहेगी, परन्तु श्रद्धालुओं/दर्शनार्थियों के लिए पूरे राज्य में सभी प्रकार के धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। ऑनलाइन दर्शनों की व्यवस्था जारी रहेगी। पूजा-अर्चना, इबादत, प्रार्थना आदि घर पर रहकर ही की जा सकेगी।

सिनेमा हॉल्स/थियेटर/मल्टीप्लेक्स/ऑडिटोरियम/स्विमिंग पूल्स/जिम, मनोरंजन पार्क/पिकनिक स्पॉट/समस्त प्रकार के खेल मैदान एवं सार्वजनिक उद्यान एवं समान स्थान बंद रहेंगे।
पूर्णत: वातानुकूलित शॉपिंग कॉम्पलेक्स/मॉल को फिलहाल खोलने की अनुमति नहीं होगी।

समस्त शैक्षणिक/कोचिंग संस्थाएं, लाईब्रेरीज आदि बंद रहेंगे।

सार्वजनिक परिवहन के समस्त साधन जैसे निजी एवं सरकारी बस फि लहाल बंद रहेंगे और इनके 10 जून से संचालन हेतु पृथक से आदेश जारी किए जाएंगे। बारात के आवागमन के लिए बस, ऑटो, टेम्पो, टैऊक्टर, जीप इत्यादि की अनुमति नहीं होगी।

अनुमत गतिविधियां:-
प्रदेश के समस्त सरकारी कार्यालय 25 प्रतिशत कार्मिकों की उपस्थिति के साथ सुबह 9:30 बजे से शाम 4 बजे तक खुलेंगे , 7 जून से सरकारी कार्यालय 50 प्रतिशत की क्षमता के साथ खुलेंगे।

प्रदेश के समस्त निजी कार्यालय कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करते हुए 25 प्रतिशत कार्मिकों की उपस्थिति के साथ दोपहर 2 बजे तक खोले जा सकेंगे एवं समस्त निजी कार्यालयों द्वारा अपने कार्मिकों के पास के माध्यम से किए जा सकते हैं, ताकि कार्मिकों को कार्यालय आवागमन में सुविधा हो।

सभी निजी चिकित्सालय, लैब एवं उनसे सम्बन्धित कार्मिक जैसे डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल एवं अन्य चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उपयुक्त पहचान-पत्र के साथ अनुमत होंगी।

पशु चिकित्सालय एवं उनसे सम्बन्धित कार्मिक जैसे पशु चिकित्सक, स्टाफ, पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं एवं बीपी लैब में वैक्सीन का उत्पादन एवं मत्स्य विभाग से संबंधित गतिविधियां जैसे एक्वाकल्चर से सम्बन्धित कार्मिक इत्यादि उपयुक्त पहचान-पत्र के साथ अनुमत होंगे।

प्रदेश में जिले के अंदर अपने निजी वाहनों से आवागमन मंगलवार से शुक्रवार प्रात: 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक ही अनुमत होगा। 8 जून के बाद मंगलवार से शुक्रवार प्रात: 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक समस्त राज्य में आवागमन अनुमत होगा।

रेल्वे, मेट्रो स्टेशन और एयरपोर्ट से आने/जाने वाले व्यक्तियों को यात्रा टिकट दिखाने पर आवागमन की अनुमति होगी।

किसी भी व्यक्ति के द्वारा घर से रेलवे स्टेशन/एयरपोर्ट एवं रेलवे स्टेशन/एयरपोर्ट से घर, मेडिकल इमरजेन्सी एवं अनुमत श्रेणियों के आवागमन हेतु उपयोग में ली जाने वाली टैक्सी, कैब, ऑटो, ई-रिक्शा सेवा अनुमत होगी।

कोविड मरीज के परिजन या अटेण्डेंट हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा जारी पास से आवागमन कर सकेंगे।

अन्तर्राज्यीय एवं राज्य के अन्दर माल परिवहन करने वाले भार वाहनों के आवागमन, माल के लोडिंग एवं अनलोडिंग तथा उक्त कार्य हेतु नियोजित व्यक्ति अनुमत होंगे। राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों पर संचालित ढाबे एवं वाहन रिपेयर की दुकानें अनुमत होंगी।

गर्भवती महिलाओं और रोगियों को चिकित्सकीय एवं स्वास्थ्य सेवाओं के परामर्श हेतु आवागमन की अनुमति होगी।

टीकाकरण हेतु स्वयं के पंचायत समिति/नगर इकाई परिक्षेत्र में स्थित टीकाकरण स्थल पर जाने की अनुमति होगी, लेकिन साथ में रजिस्ट्रेशन संबंधी दस्तावेज एवं अपना पहचान-पत्र रखना अनिवार्य होगा।

निर्धारित प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों को प्रवेश-पत्र दिखाने पर परीक्षा केन्द्र पर आवागमन की अनुमति होगी

अन्त्येष्टि/अन्तिम संस्कार सम्बन्धी कार्यक्रम: अनिवार्य रूप से फेस मास्क पहनने, सामाजिक दूरी एवं थर्मल स्क्रीनिंग, हैंडवॉश और सेनेटाईजर के प्रावधानों के साथ। अनुमत व्यक्तियों की संख्या 20 से अधिक नहीं होगी।

कृषि आदान एवं कृषि उपकरणों की दुकानें एवं इनके परिसर, पशु चारा, सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ, किराना एवं आटा चक्की से संबंधित होलसेल एवं रिटेल की दुकानें मंगलवार से शुक्रवार प्रात: 6 बजे से प्रात: 11 बजे तक खुल सकेंगी।

- साथ ही अन्य दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी मंगलवार से शुक्रवार प्रात: 6 बजे से प्रात: 11 बजे तक खुल सकेंगे।- प्रोसेस्ड फूड, मिठाई, बेकरी आदि दुकानें और रेस्टोरेंट्स मंगलवार से शुक्रवार प्रात: 6 बजे से प्रात: 11 बजे तक खुल सकेंगी। इनमें बैठकर खाने की अनुमति नहीं होगी। इस दौरान केवल टेक-अवे की सुविधा होगी। इन प्रतिष्ठानों से होम डिलिवरी की सुविधा रात्रि 10 बजे तक अनुमत होगी।

- राशन की दुकानें बिना किसी अवकाश के खुली रहेंगी।

- रबी की फसलों की मंडियों में आवक तथा समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की गतिविधियां कोविड प्रोटोकॉल की पालना के साथ अनुमत होगी। किसानों के मंडी पहुंचने एवं वापस आने के अलावा मंडी परिसर के बाहर आवागमन प्रतिबंधित होगा। किसानों को मंडी जाते समय अपने माल का सत्यापन एवं वापस जाते समय ब्रिकी की रसीदें या बिल का सत्यापन करवाना होगा।

-थड़ी ठेले और रिक्शा व ऑटो- ठेले, साइकिल, रिक्शा, ऑटो रिक्शा एवं मोबाइल वैन के माध्यम से फल-सब्जी का विक्रय प्रतिदिन प्रात: 6 बजे से शाम 5 बजे तक अनुमत होगा।- स्ट्रीट वेण्डर, थड़ी, रेहड़ी एवं ठेलों पर अन्य वस्तुओं का विक्रय कार्य प्रतिदिन प्रात: 6 से प्रात: 11 बजे तक अनुमत रहेगा।

- फार्मास्यूटिकल्स, ऑप्टिकल्स, दवाएं एवं चिकित्सकीय उपकरणों से सम्बन्धित दुकानों को खोलने की अनुमति होगी। दवाइयों की भी होम डिलीवरी को प्रोत्साहित किया जाए, जिससे संक्रमण पर नियंत्रण रखा जा सके।

पेट्रोल-डीजल पम्प 12 बजे तक खुल सकेंगे
- सार्वजनिक परिवहन/माल ढुलाई वाहन/अत्यावश्यक सेवाओं में लगे वाहनों एवं सरकारी वाहनों के लिए पेट्रोल/डीजल पम्प, सीएनजी, पेट्रोलियम एवं गैस से संबंधित खुदरा (रिटेल)/थोक (होलसेल) आउटलेट पूर्व की भांति खोलने की अनुमति होगी।

- निजी वाहनों में पेट्रोल/डीजल प्रात: 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक भरवाया जा सकेगा।

- एलपीजी वितरण सेवाएं ग्राहकों के लिए प्रात: 6 बजे से सायं 5 बजे तक अनुमत होंगी।

बाजारों को खोलने के लिए सुरक्षा मानक:--
बाजारों में जन-अनुशासन कायम रखने की जिम्मेदारी संबंधित जन अनुशासन कमेटी व्यापार मण्डल एवं दुकानदार की स्वयं की होगी। दुकानदार, दुकान के बाहर/अंदर गोले बनाकर ग्राहकों के बीच पर्याप्त दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग की पालना) बनाये रखने की व्यवस्था करेंगे।

- दुकानदार एवं दुकान के काम करने वाले सभी कार्मिक कोविड उपयुक्त व्यवहार जैसे मास्क पहनना, सेनेटाईजेशन, परस्पर ग्राहकों से दूरी रखना इत्यादि की पालना करेंगे। जहां तक संभव हो, जन अनुशासन का पालन करते हुए लोग अपने नजदीकी दुकान से ही सामान खरीदें।

- जन अनुशासन कमेटी व्यापार मण्डल, जिला प्रशासन/ग्राम स्तरीय कोर कमेटी का एक (वॉट्सअप) ग्रुप बनाया जाएगा, जो बाजारों/दुकानों को खोलने के क्रमवार तरीके एवं कोविड उपयुक्त व्यवहार के उल्लंघन की सूचना जिला प्रशासन एवं व्यापार मण्डल को देगा।

- भीड़-भाड़ वाले बाजारों में अभय कमाण्ड सेंटर के माध्यम से भी निगरानी की जाएगी, ताकि कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं हो।

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केंद्र बनाम राज्य: ममता बनर्जी का बड़ा दांव- अलपन बंदोपाध्याय को बनाया अपना मुख्य सलाहकार - News18 हिंदी

फाइल फओटो

फाइल फओटो

Mamta Banerjee: बंगाल में जारी सियासी घमासान के बीच ममता बनर्जी ने बड़ा दांव चला है. उन्होंने अलपन बंदोपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार बनाने का ऐलान किया है.

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कोलकाता. केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय के तबादले को लेकर घमासान जारी है. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने बड़ा दांव खेला है. उन्होंने अलपन बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को अपना मुख्य सलाहकार बनाने का ऐलान किया है. मंगलवार से अलपन बंदोपाध्याय मुख्य सलाहकार के तौर पर काम शुरू करेंगे. वहीं, मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी हरिकृष्ण द्विवेदी को सौंपी गई है.

ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा, 'मैं अलपन बंदोपाध्याय को नबन्ना छोड़ने नहीं दूंगी. चूंकि अलपन बंदोपाध्याय 31 मई को सेवानिवृत्त हुए हैं, इसलिए वह दिल्ली में शामिल नहीं होने जा रहे हैं. वह अब मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार हैं.' ममता बनर्जी ने आगे कहा कि अलपन 1 जून यानि कि मंगलवार से मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार का कार्यभार संभालेंगे.

ममता बनर्जी ने कहा, 'मैंने जो केंद्र सरकार को पत्र लिखा था उसके जवाब में मुख्य सचिव से कल 'नॉर्थ ब्लॉक' में कार्यभार संभालने को कहा है. बंगाल के मुख्य सचिव को केंद्र में बुलाए जाने की वजह का जिक्र मुझे भेजे गए पत्र में नहीं है.' उन्होंने कहा कि केंद्र किसी अधिकारी को राज्य सरकार की सहमति के बिना इसमें जॉइन करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है.


अमित शाह को बताया तानाशाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को तानाशाह बताते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वो हिटलर और स्टालिन की तरह व्यवहार करते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं सभी राज्य सरकारों, विपक्षी नेताओं, आईएएस-आईपीएस, एनजीओ से एक साथ मिलकर संघर्ष करने की अपील करती हूं.'


केंद्र के प्रस्ताव को अलपन ने ठुकराया

केंद्र सरकार ने अलपन बंदोपाध्याय की सेवाओं को 3 महीने का विस्तार दिया था. लेकिन बंदोपाध्याय ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकराकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अब ममता ने उन्हें अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त किया है. बता दें कि केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार को बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली तलब किया था, अलपन को सोमवार सुबह 10 बजे दिल्ली बुलाया गया था. लेकिन वो सोमवार को नहीं पहुंचे और बंगाल में ही अपने काम में जुटे रहे. अब केंद्र सरकार अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिकारियों को लेकर केंद्र और राज्य के बीच में कोई विवाद होता है तो केंद्र का फैसला ही माना जाता है.

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Weather Update: इन राज्यों में गरज-चमक व तेज हवा के साथ बारिश की चेतावनी, जानें- आपके यहां कैसा रहेगा मौसम - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

नई दिल्ली, एजेंसी। मौसम में एक बार तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। उत्तरी पाकिस्तान और आसपास के क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ  बना हुआ है। पंजाब और इससे सटे पाकिस्तान के कुछ हिस्सों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके प्रभाव से देश के कई राज्यों में गरज-चमक व तेज हवा के साथ बारिश होने की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के कुछ स्थानों पर आंधी, बिजली कड़कने और तेज हवा (40-50 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति) चल सकती है।

उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल तथा सिक्किम, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, कोंकण तथा गोवा, तेलंगाना और केरल तथा माहे के कुछ स्थानों पर बिजली कड़कने और तेज हवा (30-40 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से) की संभावना है। स्काईमेट वेदर के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में मेघ गर्जना, धूल भरी आंधी और बारिश हो सकती है। राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में लू जारी रह सकती है।

स्काईमेट वेदर के मुताबिक उत्तर पूर्व भारत, तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों और केरल के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। लक्षद्वीप, शेष केरल, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के उत्तरी तट पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। आंतरिक कर्नाटक, तेलंगाना, विदर्भ, कोंकण और गोवा, पश्चिमी हिमालय, सिक्किम और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है। 

राजधानी दिल्ली में बारिश की संभावना

राष्ट्रीय राजधानी दिल्‍ली के लोगों को उमस भरी गर्मी से जल्दी ही राहत मिलने की उम्मीद है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक सोमवार यानी 31 मई से से गरज के साथ हल्‍की बारिश का सिलसिला शुरू होगा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार राजधानी के 2-3 जून को आसमान में बादलों के पहरे के बीच बूंदाबांदी हो सकती है।

उत्तराखंड में मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अगले तीन दिन यानी 2 जून तक भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने बारिश की संभावना को देखते हुए पहाड़ी जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में अगले तीन दिनों तक मैदान से लेकर पहाड़ तक झमाझम बारिश के आसार हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक देहरादून, बागेश्वर, नैनीताल और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में भारी बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञानियों का यह भी कहना है कि पहाड़ से लेकर मैदान तक जहां भारी बारिश की उम्मीद है, वहीं मैदानी क्षेत्रों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलेंगी। पहाड़ों के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ भी गिर सकती है।

हिमाचल में तीन दिन अंधड़-बारिश का येलो अलर्ट

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने सोमवार से तीन दिन अंधड़ और बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। मैदानी और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में 5 जून तक मौसम खराब रहेगा। पांच जून तक पूरे प्रदेश में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं।मौसम विभाग के मुताबिक मैदानी और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में 5 जून तक मौसम खराब रहेगा। पांच जून तक पूरे प्रदेश में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। 10 जून के बाद से प्रदेश में प्री मानसून की बौछारें पड़ने के आसार हैं जबकि 25 जून को मानसून दस्तक दे सकता है। शनिवार देर रात राजधानी शिमला समेत प्रदेश के कई इलाकों में झमाझम बारिश भी हुई है। ऊंचाई वाले इलाकों में फिर हलका हिमपात हुआ है। रविवार को शिमला समेत प्रदेश के अन्य जिलों में दिन भर मौसम शुष्क रहा।  

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Mehul Choksi Girlfriend: दुनिया के लिए 'रहस्‍य' बनी भगोड़े मेहुल चौकसी की हॉट 'गर्लफ्रेंड', सामने आई पहली तस्‍वीर - नवभारत टाइम्स

कितनी हकीकत कितना फसाना, कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अहम तर्कों और पड़ावों पर डालें एक नजर... - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोविड-19 यानी कोरोना महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस-2 यानी सार्स-कोव-2 इस महामारी के फैलने का कारण है। यह वायरस चीन में 2002 में फैली सार्स महामारी और 2012 में सऊदी अरब से शुरू हुई मर्स (मिडल ईस्ट रेस्पिरेटर्री ंसड्रोम) महामारी का कारण बनने वाले कोरोना वायरस की ही तरह का एक वायरस है। साथ ही यह अब तक पहचाने गए विभिन्न कोरोना वायरस से बहुत अलग और घातक भी है। इससे प्रभावी लड़ाई के लिए अब दुनिया इसकी उत्पत्ति की मूल वजह जानने में भी संजीदगी से लग चुकी है। तीन तरह की अवधारणाएं फिजा में तैर रही है। ये वायरस प्राकृतिक हो सकता है, ये वायरस चीन की लैब से निर्मित हो सकता है। तीसरी बात कि चीन ने इसे जान-बूझकर जैविक हथियारों के रूप में विकसित किया है। विशेषज्ञों में मत-भिन्नता है लेकिन कोई भी इसे नहीं खारिज कर रहा है कि यह लैब निर्मित हो सकता है। आइए, वायरस की उत्पत्ति को लेकर अहम तर्कों और पड़ावों पर डालें नजर:

पहला मामला कोविड-19 का पहला मामला चीन के वुहान प्रांत में मिला था। इसके बाद इसने दुनिया को चपेट में ले लिया। संक्रमण की शुरुआत से ही एक वर्ग इसके पीछे चीन का हाथ होने की आशंका जाहिर करने लगा था। इस मामले में दो तरह की राय है। कुछ लोग मानते हैं कि चीन के वुहान इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी में इस वायरस को तैयार किया गया। वहां प्रयोग के दौरान गलती से लीकेज इस महामारी की शुरुआत का कारण बनी। वहीं, एक पक्ष इसके पीछे जैविक हथियार से युद्ध की चीन की साजिश मान रहा है। जो भी हो, सभी अवधारणाओं में चीन कामन है।

ब्रिटिश साइंस जर्नलिस्ट निकोलस वेड के अचूक तर्क: हाल ही में प्रसिद्ध ब्रिटिश साइंस जर्नलिस्ट और लंबे समय तक न्यूयार्क टाइम्स के साथ काम कर चुके निकोलस वेड ने विस्तृत लेख लिखकर चीन से कोरोना वायरस के प्रसार के संबंध में कई बातें साफ की हैं। वेड बताते हैं कि संक्रमण का पहला मामला आते ही चीन ने इसे अपने वुहान वेट मार्केट से जोड़ दिया। इस बाजार में मांस के लिए जानवर बहुत बड़े पैमाने पर बेचे जाते हैं। महामारी से जुड़ा जैसे ही यह तथ्य सामने आया, तभी से लोगों ने इसे साल 2002 में आई सार्स नामक महामारी से जोड़ना शुरू कर दिया। उस समय भी महामारी की शुरुआत यहीं से हुई थी। इसलिए चीन के बयान के बाद सब इसे प्राकृतिक वायरस मानकर चलने लगे। वायरस के जीनोम को डीकोड करने से भी पिछली दोनों महामारियों का कारण बनने वाले वायरस से इसकी समानता मिली। लेकिन वुहान में ही चीन की बड़ी वायरोलॉजी लैब होने के कारण एक वर्ग वायरस के प्राकृतिक होने पर सवाल उठाने लगा था। ऐसे में वायरस को प्राकृतिक मानने के पक्ष में कुछ विज्ञानियों की दलील सामने आई। 19 फरवरी, 2020 को कुछ वायरोलॉजिस्ट ने प्रतिष्ठित पत्रिका लैंसेट में लेख लिखकर वायरस के गैर प्राकृतिक होने या लैब निर्मित होने जैसी सभी आशंकाओं को सिरे से खारिज कर दिया।

वायरस प्राकृतिक नहीं होने के पक्ष में मजबूत संकेत: इसके प्राकृतिक होने की सबसे मजबूत दलील है कि यह चमगादड़ से आया वायरस है। इसी दलील में इसका खंडन भी छिपा है। असल में सार्स-कोव-2 पूरी तरह से चमगादड़ में मिले वायरस जैसा नहीं है, कुछ मिलता-जुलता है। सवाल यह भी है कि मनुष्यों में वायरस कैसे पहुंचा। अगर कहा जाए कि चमगादड़ से किसी अन्य जानवर में और फिर उस जानवर से मनुष्य में पहुंचा, तो अगला सवाल है कि वह जानवर कौन सा है। सार्स के मामले में चार महीने में पता लगा लिया गया था कि वायरस चमगादड़ से सिवेट (बिल्ली जैसी प्रजाति) में और उससे मनुष्य में पहुंचा। मर्स के मामले में नौ महीने में यह पता चल गया था कि वायरस चमगादड़ से ऊंट और उससे मनुष्य में पहुंचा। इस बार डेढ़ साल होने को हैं और अब तक उस जानवर का पता नहीं लग पाया, जिससे वायरस चीन के वुहान वेट मार्केट तक पहुंचा। इस स्रोत का पता न लग पाना ही, इसके प्राकृतिक न होने का मजबूत आधार है।

लैंसेट को वेड का जवाब: वेड अपने लेख में लैंसेट में प्रकाशित विज्ञानियों के तर्कों की धज्जियां उड़ाते हैं। लैंसेट में छपे लेख को पीटर डेसजैक के नेतृत्व में तैयार किया गया था। पीटर न्यूयार्क के इकोहेल्थ अलायंस के प्रेसिडेंट हैं। इस संगठन ने वुहान की वायरोलॉजी लैब में कोरोना वायरस पर हो रहे प्रयोगों के लिए र्फंंडग की है। ऐसे में लैब से वायरस लीक होने की आशंकाओं को खारिज करना और उसे प्राकृतिक बताना उनके हित में है।

जारी रहे वेड के तर्क: 17 मार्च, 2020 को जर्नल नेचर मेडिसिन में स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के क्रिश्चियन एंडरसन की अगुआई में फिर पांच विज्ञानियों ने इस वायरस के प्राकृतिक होने के पक्ष में दलील दी। उनका कहना था कि वायरस के जीनोम में छेड़छाड़ और बदलाव का कोई प्रमाण नहीं मिला। वेड इस दलील को सिरे से खारिज करते हुए बताते हैं कि विज्ञान के पास मौजूदा दौर में ऐसी उन्नत तकनीकें हैं, जिनमें किसी वायरस के जीनोम में स्पष्ट प्रमाण छोड़े बिना उसकी संरचना में बदलाव किया जा सकता है। वायरस को लगातार एक सेल कल्चर से दूसरे सेल कल्चर में भेजते हुए उसमें प्राकृतिक दिखने जैसे बदलाव किए जा सकते हैं।

अन्य विज्ञानियों ने क्यों साध ली चुप्पी: सवाल यह भी उठता है कि आखिर एंडरसन की अगुआई में लिखे लेख में विज्ञानी स्तर पर खामियां होने के बाद भी अन्य विज्ञानियों ने उसका खंडन क्यों नहीं किया। इस पर वेड सीधे शब्दों में कहते हैं कि शोध का काम बहुत जटिल है। लीक से हटकर कुछ कहने की कोशिश किसी के लिए भी नुकसान का कारण बन सकती है।

जैविक युद्ध की तैयारियों में जुटा चीन: इस महामारी के पीछे चीन की जैविक युद्ध की साजिश की बात भी कही जा रही है। पिछले दिनों खबर आई कि अमेरिका के हाथ कुछ ऐसे दस्तावेज लगे हैं, जिनमें पांच साल पहले ही चीन के विज्ञानी ऐसे वायरस की चर्चा कर रहे थे। फिलहाल अमेरिकी सरकार ने वायरस का स्रोत पता लगाने के लिए कमर कस ली है। देखना है कि इस जांच के बाद कौन की परतें खुलती हैं।

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मुख्य सचिव के तबादले पर Mamata Banerjee ने PM Modi को लिखी 5 पन्नों की चिट्ठी - NDTV India

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मुख्य सचिव के तबादले पर Mamata Banerjee ने PM Modi को लिखी 5 पन्नों की चिट्ठी - NDTV India
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Mamata Banerjee ने PM Modi को लिखा पत्र, चीफ सेक्रेटरी के तबादले का आदेश वापस लेने का किया आग्रह - Zee News Hindi

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर  (Mamata Banerjee writes to PM Narendra Modi) राज्य के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को दिल्ली बुलाने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है.

ममता बनर्जी ने बताया पूरी तरह से असंवैधानिक फैसला

ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को भेजे पत्र में कहा, 'पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को दिल्ली बुलाने के एकतरफा आदेश से स्तब्ध और हैरान हूं. यह एकतरफा आदेश कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाला, ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व तथा पूरी तरह से असंवैधानिक है.

पुराने आदेश को माना जाए प्रभावी: ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने पत्र में आगे कहा, 'केंद्र ने राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श के बाद मुख्य सचिव का कार्यकाल एक जून से अगले तीन महीने के लिए बढ़ाने जो आदेश दिया था. उसे ही प्रभावी माना जाए.' बता दें कि अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) का कार्यकाल आज (31 मई) खत्म हो रहा था, लेकिन कोविड-19 के प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए इन्हें 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया है.

ये भी पढ़ें- ममता बनर्जी और केंद्र फिर आमने-सामने, मुख्य सचिव को रिलीव नहीं कर रही राज्य सरकार

4 दिन में क्या बदल गया: ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने कहा, 'मुख्य सचिव को 24 मई को कैबिनेट सचिव द्वारा तीन महीने के लिए विस्तार दिया गया था और 28 मई को 'एकतरफा' आदेश देकर उन्हें दिल्ली में डीओपीटी को को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया.' ममता बनर्जी ने सवाल उठाते हुए कहा, '24 मई से 28 मई के बीच क्या हुआ? यह बात समझ में नहीं आई. आदेश में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति (Central deputation) के किसी विवरण या कारणों का उल्लेख नहीं है.'

बैठक में शुवेंदु अधिकारी के शामिल होने पर जताई आपत्ति

पत्र में ममता बनर्जी ने आगे लिखा, 'मुझे आशा है कि नवीनतम आदेश (मुख्य सचिव का तबादला दिल्ली करने का) और कलईकुंडा में आपके साथ हुई मेरी मुलाकात का कोई लेना-देना नहीं है. मैं सिर्फ आपसे बात करना चाहती थी. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच आमतौर पर जिस तरह से बैठक होती है उसी तरह से, लेकिन आपने अपने दल के एक स्थानीय विधायक को भी इस दौरान बुला लिया, जबकि प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री की बैठक में उपस्थित रहने का उनका कोई मतलब नहीं है.' बता दें कि बैठक में नंदीग्राम से बीजेपी के विधायक शुवेंदु अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए थे.

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यूपी: छह और जिलों को कोरोना कर्फ्यू से राहत, कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या 600 से कम हुई - अमर उजाला - Amar Ujala

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Mon, 31 May 2021 03:16 PM IST

सार

यूपी के बिजनौर, मुरादाबाद, देवरिया, बागपत, प्रयागराज और सोनभद्र में भी कोरोना के मामलों की संख्या 600 से कम हो गई है। अत: इन जिलों को भी दिन के कर्फ्यू से मुक्त कर दिया गया है।

प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

यूपी के छह और जिलों को कोरोना कर्फ्यू से राहत दी गई है। इन जिलों में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 600 से कम हो गई है। इसके तहत अब बिजनौर, मुरादाबाद, देवरिया, बागपत, प्रयागराज और सोनभद्र को कोरोना कर्फ्यू से राहत दी गई है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ टीम-9 की बैठक में ये निर्णय लिया गया।
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बता दें कि एक जून से प्रदेश के उन जिलों में दिन का कर्फ्यू हटा लिया गया है जहां पर कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 600 से कम है। इसके अलावा, बाकी सभी जिलों में रात्रि कर्फ्यू शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक जारी रहेगा। इस नियम के तहत अब प्रदेश के 61 जिलों को दिन के कर्फ्यू से मुक्त कर दिया गया है।

आदेश जारी करते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव आर के तिवारी द्वारा निर्देश में कहा गया है कि 600 से अधिक सक्रिय मामलों वाले जिलों में कोई छूट नहीं दी जा रही है। यदि किसी जिले में सक्रिय मामले 600 से कम हो जाते हैं तो छूट अपने आप अमल में आ जाएगी। इसी तरह जिन जिलों में छूट दी गई है, वहां मामले 600 से अधिक होते ही छूट अपने आप ही समाप्त हो जाएगी और समस्त गतिविधियों पर फिर से रोक लगा दी जाएगी। प्रदेश में अब मेरठ, लखनऊ, सहारनपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, बरेली, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, झांसी, लखीमपुर खीरी, जौनपुर एवं गाजीपुर में फिलहाल कोई छूट नहीं दी गई है।

जिन जिलों को छूट दी गई है वहां भी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान, सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, क्लब एवं शॉपिंग मॉल पूरी तरह बंद रहेंगे। शिक्षण संस्थानों और कोचिंग संस्थानों में ऑनलाइन पढ़ाई की अनुमति विभागीय आदेशों के अनुसार होगी।

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सरकारी दफ्तरों में 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ होगा काम

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यूपी: छह और जिलों को कोरोना कर्फ्यू से राहत, कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या 600 से कम हुई - अमर उजाला - Amar Ujala
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कोरोना : उत्तराखंड में आठ जून तक बढ़ा कर्फ्यू, अब परचून के साथ ही स्टेशनरी की दुकानें भी खुलेंगी - अमर उजाला - Amar Ujala

न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal Updated Mon, 31 May 2021 12:52 PM IST

सार

कोविड कर्फ्यू लागू होने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों के मामलों में लगातार कमी आई है।

कोविड कर्फ्यू - फोटो : अमर उजाला फाइल फोटो

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विस्तार

उत्तराखंड में आठ जून तक कोरोना कर्फ्यू बढ़ा दिया गया है। हालांकि कुछ रियायत भी दी गई है। इस दौरान राशन की दुकानें दो दिन और स्टेशनरी की दुकान को एक दिन खुलने के लिए छूट दी गई है। वहीं, अब सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुलेंगी। अब तक यह समय सीमा सुबह आठ से 11 बजे तक थी। 
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उत्तराखंड में कोरोना: अल्मोड़ा में लगे दो ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट, सीएम ने  ऑनलाइन किया शुभारंभ

जरूरी वस्तुओं की खरीद को आवाजाही की छूट रहेगी
सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि परचून की दुकानें अब हफ्ते में दो दिन एक और पांच जून को खुलेंगी। एक जून से स्टेशनरी की दुकानें भी खुलेंगी। इसके अलावा सारी व्यवस्था पहले की तरह रहेगी। इस दौरान जरूरी वस्तुओं की खरीद को आवाजाही की छूट रहेगी। 

उत्तराखंड : पैसे देकर समय पर नहीं मिल रही वैक्सीन, 18 से 44 आयु वर्ग को करना होगा नौ जून तक इंतजार

कोरोना संक्रमितों के मामलों में लगातार कमी
कोविड कर्फ्यू लागू होने के बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमितों के मामलों में लगातार कमी आई है। दुकानों को खोलने के संबंध में व्यापारी वर्ग का भी सरकार पर लगातार दबाव बन रहा है।

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राज्य के 13 में से 12 जिलों में 387 कंटेनमेंट जोन

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पंजाब कांग्रेस में कलह: घमासान से निपटने की कवायद में मंत्री और विधायक दिल्ली तलब, 3 सदस्यीय कमेटी करेगी वन... - Dainik Bhaskar

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चंडीगढ़एक घंटा पहले

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पंजाब के मुख्यमंंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लंबे समय से खींचतान चली आ रही है। - Dainik Bhaskar

पंजाब के मुख्यमंंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लंबे समय से खींचतान चली आ रही है।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उन्हीं की कैबिनेट के मंत्री रह चुके नवजोत सिंह सिद्धू में चल रही तनातनी से निपटने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसके लिए पार्टी ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। साथ ही सूबे के मंत्री-विधायकों को दिल्ली तलब किया गया है। सिद्धू समेत सूबे के 25 मंत्री-विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं। सोमवार से इनके साथ विशेष कमेटी एक-एक कर बात करेगी। बाकी मंत्रियों और विधायकों से कमेटी मंगलवार को मिलेगी।

तीन सदस्यीय कमेटी में खड़गे, अग्रवाल और रावत शामिल
कांग्रेस में चल रही इस अंतरकलह को खत्म करने के लिए बनाई गई कमेटी में मल्लिकार्जुन खड़गे, जय प्रकाश अग्रवाल और हरीश रावत हैं। यह कमेटी कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक करके उनका फीडबैक लेगी। यह बैठक तीन हिस्सों में होगी। एक हिस्से में मंत्री और विधायक हैं। दूसरे हिस्से में पार्टी के सांसद, राज्यसभा सदस्य और प्रदेश प्रधान हैं और तीसरे चरण में कमेटी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी बात कर सकती है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि कमेटी मुख्यमंत्री के साथ कब बैठक करेगी।

इससे पहले ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में होने वाली सोमवार को पहले चरण की बैठक के लिए नवजोत सिंह सिद्धू समेत 10 विधायक रविवार शाम को ही दिल्ली पहुंच गए थे। यह अलग बात है कि सिद्धू को पहले दिन मिलने वाले विधायकों की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। सिद्धू मंगलवार को कमेटी के सामने पेश होंगे। इस दिन 8 मंत्री और बाकी के विधायक कमेटी के सामने पेश होंगे।

पंजाब में कांग्रेस के 80 विधायक हैं। वहीं, पार्टी ने मंत्रियों और विधायकों को बुलाने में भी संतुलन बनाने की कोशिश की है। कमेटी ने एक जोन के विधायकों को एक बार में नहीं बुलाया, बल्कि माझा, दोआबा और मालवा के विधायकों को एक साथ बुलाया है, ताकि हरेक जोन का सही फीडबैक कमेटी तक पहुंचे।

आज की लिस्ट में हैं इन मंत्री-विधायकों के नाम
सोमवार को पहले चरण की बैठक में शामिल होने वाले कैबिनेट मंत्रियों में ब्रह्म मोहिंद्रा, मनप्रीत बादल, ओपी सोनी, साधु सिंह धर्मसोत, सुंदर शाम अरोड़ा, अरुणा चौधरी, सुखजिंदर रंधावा, बलबीर सिंह सिद्धू शामिल हैं।

इस बैठक में स्पीकर राणा केपी सिंह और विधायकों में राणा गुरजीत सिंह, रणदीप सिंह नाभा, संगत सिंह गिलजियां, गुरकीरत कोटली, कुलजीत नागरा, पवन आदिया, राजकुमार वेरका, इंदरबीर बुलारिया, सुखविंदर सिंह डैनी, सुरजीत धीमान, अजायब सिंह भट्टी, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, अंगद सिंह, सुखपाल भुल्लर भी शामिल हैं।

इसलिए बिगड़ी बात
2015 के गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटना के बाद कोटकपूरा में धरने पर बैठे लोगों पर हुई फायरिंग को लेकर पंजाब सरकार ने SIT बनाई थी। पिछले महीने हाईकोर्ट ने इस SIT और उसकी रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस में खासी खींचतान शुरू हो गई। कांग्रेस के एक धड़े ने यह आरोप लगाया कि एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में सही ढंग से केस को पेश नहीं किया, जबकि नवजोत सिंह सिद्धू इस मसले को लेकर लगातार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला बोलते आ रहे हैं।

पंजाब सरकार और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू, राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा, सांसद रवनीत बिट्टू एकजुट हो गए। इसके बाद विधायक परगट सिंह, सुरजीत सिंह धीमान ने भी सरकार की कारगुजारी पर सवाल खड़े किए।

हाल ही में 26 मई को किसान आंदोलन के 6 माह पूरे होने पर एक ओर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसान संगठनों से प्रदर्शन नहीं करने की अपील की थी, वहींं इसके उलट नवजोत सिद्धू ने पटियाला और अमृतसर स्थित अपने घर पर कृषि कानूनों के विरोध में काले झंडे फहराए थे।

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पंजाब में राजनीतिक घमासान, कांग्रेस के 26 विधायक पहुंचे दिल्ली; अमरिंदर के खिलाफ बुलंद हो सकती है आवाज - News18 इंडिया

 पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा बन सकता है.

पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा बन सकता है.

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी उस समिति से मुलाकात कर सकते हैं जिससे नवजोत सिंह सिद्धू समेत 26 विधायक मिलेंगे.

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चंडीगढ़. कोविड संकट का मुकाबला कर रहे पंजाब (Punjab) में अब राजनीतिक घमासान भी शुरू हो गया है. राज्य में विधानसभा चुनाव (Punjab Assmebly Election 2021) होने में कुछ ही महीनों का वक्त रह गया है ऐसे में यह घमासान कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकता है. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया है कि कांग्रेस के कम से कम 26 विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं. ये सभी एक समिति से मुलाकात करेंगे. बता दें विधायक नवजोत सिंह सिद्धू भी पार्टी के उन नेताओं में शामिल होंगे जो मंगलवार को दिल्ली में पार्टी की तीन सदस्यीय समिति से मुलाकात करेंगे. कांग्रेस सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. पंजाब कांग्रेस इकाई में जारी अंदरूनी कलह को सुलझाने के लिए इस समिति का गठन किया गया है.

पार्टी नेताओं के एक धड़े ने वर्ष 2015 में फरीदकोट के कोटकपुरा में बेअदबी मामले के बाद हुई गोलीबारी की घटना में की गई कार्रवाई को लेकर असंतोष जाहिर किया था, जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की तीन सदस्यीय समिति गठित की थी.

कमेटी से मिल सकते हैं कौन से नेता?

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा पिछले महीने कोटकपुरा गोलीबारी मामले में जांच रद्द किए जाने के बाद सिद्धू लगातार इस मामले से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की आलोचना कर रहे हैं.

सूत्रों ने बताया कि पंजाब के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा समेत 26 विधायक सोमवार को दिल्ली में समिति से मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि अमृतसर पूर्व से विधायक नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के अन्य पार्टी नेताओं में शामिल होंगे जो मंगलवार को समिति से मिलेंगे. वहीं एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि गोलीकांड के अलावा कांग्रेस नेता अमरिंदर की शिकायत करने के लिए भी सामिति से मुलाकात करेंगे. विधायकों का आरोप है कि चुनावी वादे नहीं पूरे किए गए. दूसरी ओर सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी समिति से मुलाकात कर सकते हैं. (भाषा इनपुट के साथ)

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कोरोना वायरस का कोई स्‍वाभाविक पूर्वज नहीं, चीन की वुहान की लैब से निकला: शोध - Navbharat Times

यूपी में 6 और जिलों में कोरोना कर्फ्यू में ढील, अब सिर्फ 14 शहरों में रहेगी सख्ती - Hindustan

यूपी में 6 और जिले कोरोना कर्फ्यू से मुक्त हो गए। बिजनौर, मुरादाबाद, देवरिया,बागपत, प्रयागराज, सोनभद्र ज़िलों में आज कुल एक्टिव केस 600 से नीचे आ गए हैं। इन सभी जिलों में वीकेंड और नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा। अब आंशिक कोरोना कर्फ्यू सिर्फ यूपी के 14  जिलों में ही रहेगा।

इससे पहले रविवार को योगी सरकार की जारी नई गाइडलाइन में 55 जिलों में कोरोना कर्फ्यू में छूट दी गई। गाइडलाइन में कहा गया कि 1 जून से यूपी के 600 केस से नीचे में जिलों में सुबह 7 से शाम 7  बजे तक कोरोना कर्फ्यू में कुछ शर्तों के साथ ढील दी जाएगी। शनिवार-रविवार साप्ताहिक बंदी के साथ नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा।  

इन्हें मिलेगी छूट
गाइडलाइन के अनुसार सब्जी मंडी पहले की तरह खुली रहेंगी। रेस्टोरेंट्स होम डिलीवरी की केवल अनुमति दी जाएगी। सेंट जॉन को छोड़कर शेष स्थानों में धर्म स्थलों के अंदर एक बार में एक स्थल पर पांच से अधिक श्रद्धालु को अनुमति नहीं मिलेगी। अंडे मांस और मछली की दुकानों को पर्याप्त साफ-सफाई तथा सैनिटाइजेशन का ध्यान रखते हुए बंद स्थान या ढके होने पर खोलने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा पूरे प्रदेश में गेहूं क्रय केन्द्र और राशन की दुकानें खुली रहेंगी। कोचिंग संस्थान, सिनेमा, जिम स्वीमिंग पूल क्लब एवं शॉपिंग मॉल पूरी तरह बंद रहेंगे।

इन जिलों में अभी भी पाबंदी

योगी सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मेरठ, लखनऊ, सहारनपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, बरेली, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, झांसी, लखीमपुर खीरी , जौनपुर, गाजीपुर जिलों में एक दिन पहले 600 से अधिक केस मिले हैं। इनमें से कुछ जिले ऐसे हैं जहां पर दो हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं। इसके चलते इन जिलों में कोरोना कर्फ्यू को बरकरार रखा गया है। 

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यूपी में 6 और जिलों में कोरोना कर्फ्यू में ढील, अब सिर्फ 14 शहरों में रहेगी सख्ती - Hindustan
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Sunday, May 30, 2021

शिकंजे में पहलवान : सुशील कुमार पर साढ़े चार साल में भी चार्जशीट नहीं, पुख्ता गवाहों का टोटा - अमर उजाला - Amar Ujala

पुरूषोत्तम वर्मा, नई दिल्ली Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Mon, 31 May 2021 05:01 AM IST

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विस्तार

सुशील के खिलाफ दर्ज एक मामले को साढ़े चार वष हो गए हैं, मगर अभी तक चार्जशीट नहीं हुई है। सागर हत्याकांड मामले की जांच कर रही अपराध शाखा ने मध्य जिला पुलिस से इस मामले की जानकारी मांगी है। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस अभी तक सुशील के खिलाफ एक पुख्ता गवाह तैयार तक नहीं कर पाई है। चार पीड़ित ही गवाह हैं और उनके कोर्ट में मुकर जाने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा सुशील कुमार को अपने किए पर कोई पछवाता नहीं है। 
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अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि सुशील के खिलाफ आईपी एस्टेट थाने में मारपीट व रास्ता रोकने का मामला दर्ज है। सुशील के खिलाफ ये मामला वर्ष 2017 में दर्ज हुआ था। आईपी एस्टेट थाना इलाके में स्थित एक स्टेडियम में सुशील ने दूसरे पहलवान के साथ मारपीट की थी। इस मामले में मध्य जिला पुलिस ने अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की है। ये केस साढ़े चार वर्ष बाद भी पेंडिंग चल रहा है। 

अपराध शाखा ने आईपी एस्टेट थाने से सुशील के खिलाफ दर्ज इस केस की पूरी जानकारी मांगी है। ताकि सागर हत्याकांड के केस को और मजबूत बनाया जा सके। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस सुशील के खिलाफ अभी तक कोई पुख्ता गवाह खड़ा नहीं कर पाई है। ऐसे में दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल उठ रहे हैं। सुशील व उसके साथियों ने जिन चार लोग सोनू महाल, भगतू, रविन्द्र भिंडा, अमित खागड़ पीटा था वहीं चार ही गवाह हैं। 

अपराध शाखा ने दो दिन पहले इन सब को बुलाकर फिर से इनके बयान लिए है। सोनू महाल व अन्य काला जठेड़ी के खास हैं और सुशील कुमार व काला जठेड़ी के बीच समझौता हो चुका है। ऐसे में माना जा रहा है कि ये चारों गवाह कभी भी अपनी गवाही से मुकर सकते हैं। सुशील वारदात के बाद से ही ये कोशिश कर रहा था कि सोनू महाल उसके खिलाफ गवाही न दें। पुलिस सूत्रों का कहना है कि वह अपने मंसूबों में कामयाब हो गया है।  

सुशील कुमार को अपने किए पर नहीं है पछतावा
अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के अनुसार सुशील कुमार को अपने किए पर पछतावा नहीं है। सुशील इस बात से आश्वत दिखता है कि सब-कुछ छह-सात महीने में ठीक हो जाएगा। वह अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों से यहीं कहता है। पुलिस को ये विश्वास है कि अभी तक उसके जितने भी पंगे हुए हैं वह कुछ ही महीने में ठीक हो गए थे। इस कारण उसे लगता है कि ये मामला भी सुलट जाएगा। सुशील पर आरोप है कि उसने कई पहलवानों के कैरियर के साथ खिलवाड़ किया है। 


सुशील ने अपने मोबाइल को तोड़ दिया था
दिल्ली पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी नाकामयाबी ये भी है कि अपराध शाखा इतने दिन बाद भी सुशील के मोबाइल को बरामद नहीं कर पाई है। सुशील ने पुलिस अधिकारियों को बताया है कि उसने वारदात के बाद मोबाइल को तोड़ दिया था और रास्ते में फेंक दिया था। सुशील पुलिस को ज्यादा कुछ नहीं बता रहा है। वह पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है।  

ठीक से खाना खा रहा है सुशील
अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के अनुसार सुशील को अपराध शाखा के कार्यालय में बनना वाला खाना दिया जा रहा है। सुशील ठीक से खाना खा रहा है। उसके चेहरे पर किसी तरह मलाल नहीं दिखाई दे रहा है। 

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महाराष्ट्र में 15 जून तक बढ़ा कोरोना लॉकडाउन, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किया ऐलान - Hindustan

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में लगे कोरोना लॉकडाउन को 15 जून तक के लिए आगे बढ़ा दिया है। हालांकि, पाबंदियों में थोड़ी ढील भी दी है। सरकार की ओर से रविवार को जारी नई गाइडलाइंस के मुताबिक राज्य में सभी आवश्यक चीजों की दुकानें जो कि वर्तमान में सुबह 7 बजे से 11 बजे तक खुलती थीं, वो अब सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे खुलने की अनुमति दी जा सकती है।

सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक सभी सरकारी ऑफिस 25 फीसदी क्षमता के साथ काम कर सकते हैं। इसके साथ-साथ एग्रीकल्चर से जुड़ी दुकानें विकेंड पर भी दोपहर दो बजे तक खुली रहेंगी। हालांकि, जिले में कोरोना की स्थिति को देखते हुए खेती से जुड़ी दुकानों के टाइम में बदलाव भी किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमण के रोजाना आने वाले मामलों में कमी आई है लेकिन अब भी यह पिछले साल सामने आए सबसे अधिक मामलों के करीब है। ठाकरे ने कहा, पिछले साल के मुकाबले इस साल कोविड-19 वायरस के प्रकार में अंतर है। यह अब अधिक संक्रामक है,तेजी से फैल रहा है और मरीजों के ठीक होने में लंबा समय लग रहा है। उन्होंने कहा, हमारे सामने एक और राक्षक फंगस है जिसका मुकाबला करना है। राज्य में म्यूकोरमाइकोसिस के 3000 मामले हैं। कोरोना वायरस कार्य बल इस पर नजर रख रहा है।

राज्य में रविवार को मध्य मार्च के बाद एक दिन में सबसे कम 18600 नए मरीजों की पुष्टि हुई तथा 402 लोगों की संक्रमण के कारण मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में कुल मामले 57,31,815 हो गए हैं जबकि संक्रमण के कारण 94,844 लोगों की मौत हो चुकी है। 

राज्य में 16 मार्च को 17,864 नए मामले रिपोर्ट हुए थे जिसके बाद सबसे कम मामले आज आए हैं। शनिवार को 20,295 मामले मिले थे और 443 लोगों की जान जाने की पुष्टि हुई थी। अधिकारी ने बताया कि राज्य में दिन में 22,532 मरीज संक्रमण से उबरे हैं जिसके बाद संक्रमण मुक्त होने वाले मरीजों की संख्या 53,62,370 पहुंच गई है। 

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महाराष्ट्र में 15 जून तक बढ़ा कोरोना लॉकडाउन, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किया ऐलान - Hindustan
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भारत ने भगोड़े मेहुल चोकसी के अपराधों का दस्तावेज विशेष विमान से भेजा, प्रत्यर्पण पर एंटीगुआ में मचा राजनीतिक कोहराम - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पिछले साढ़े तीन साल से भारतीय जांच एजेंसियों की आंख में धूल झोंक रहे भगोड़े आर्थिक अपराधी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ रही है। चोकसी को पिछले हफ्ते कैरेबियाई देश डोमिनिका की पुलिस ने गिरफ्तार किया है और दो जून को उसके प्रत्यर्पण के मामले पर कानूनी सुनवाई होगी। भारत ने चोकसी के अपराधों से जुड़े सारे दस्तावेज विशेष विमान से डोमिनिका भेजा है। एंटीगुआ व बारबुडा की सरकार भी भारत का पूरा सहयोग कर रही है। चोकसी भी एंटीगुआ का ही नागरिक है और वहां की सरकार का रुख उसे भारत लाने के मामले में काफी सहायक साबित होगा। 

चोकसी के प्रत्यर्पण पर एंटीगुआ में मचा है राजनीतिक कोहराम

उधर, चोकसी भी अपने बचाव में जम कर पैसा खर्च कर रहा है। उसने ना सिर्फ महंगे वकीलों को अपने पक्ष में तैयार किया है बल्कि माना जा रहा है कि वह राजनीतिक तौर पर भी स्थानीय समर्थन जुटाने की कोशिश में है। एंटीगुआ से जो सूचनाएं आ रही हैं, उससे साफ हो रहा है कि चोकसी ने बेहद कम समय में ही वहां अपनी खासी रसूख बना ली थी। उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ स्थानीय विपक्षी दल सामन आ गए हैं। एंटीगुआ के विपक्षी दल चोकसी को भारत को सौंपने की कोशिशों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि चोकसी एंटीगुआ का नागरिक है और वहां की सरकार को उसके मानवाधिकारों की सुरक्षा में खड़े होना चाहिए। 

सरकारी एजेंसियां एंटीगुआ और डोमिनिका के साथ संपर्क में

दूसरी तरफ एंटीगुआ एवं बारबुडा के पीएम गेस्टन ब्राउनी ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया है कि चोकसी ने उन्हें खरीद लिया है। ब्राउनी ने विपक्षी दलों से अपील की है कि वे किसी अपराधी का समर्थन कर एंटीगुआ की छवि को खराब न करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि चोकसी की नागरिकता का मामला अभी भी लंबित है। ब्राउनी ने ही वहां के एक स्थानीय रेडियो को यह यह जानकारी दी है कि भारत ने एक विशेष विमान से दस्तावेज भेजे हैं। भारत की तरफ से आधिकारिक तौर पर इस बारे में कोई जानकारी नही दी गई है। सरकारी सूत्रों ने पिछले शुक्रवार को बताया था कि सरकारी एजेंसियां एंटीगुआ और डोमिनिका के साथ संपर्क में हैं।

हजारों करोड़ रुपये के बैंक घोटाले में है तलाश 

भारतीय जांच एजेंसियों को 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक फ्रांड मामले में चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी की तलाश है। मोदी फिलहाल ब्रिटेन की जेल में बंद है और उसके प्रत्यर्पण का भी केस चल रहा है। भारत से फरार होने के बाद उसने एंटीगुआ की नागरिकता ले रखी है। पिछले दिनों अचानक ही वह एंटीगुआ से गायब हो गया था। तीन दिनों बाद पड़ोसी देश डोमिनिका की पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। उसकी एक ताजा तस्वीर सामने आई है, जिसमें उसके एक हाथ में चोट के निशान नजर आ रहे हैं। एंटीगुआ की सरकार पहले ही कह चुकी है कि चोकसी को भारत भेजा जाना चाहिए क्योंकि वह वहीं का नागरिक है और उसकी तलाश भारतीय जांच एजेंसियां कर रही है। उधर, डोमिनिका में भी एक मानवाधिकार लाबी चोकसी को बचाने की कोशिश में है। 

गर्लफ्रेंड के साथ डोमिनिका घुमने गया था चोकसी 

समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक एंटीगुआ एवं बारबुडा के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउनी ने कहा कि चोकसी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ डोमिनिका गया होगा। उन्होंने कहा कि जो सूचना मिल रही है उसके मुताबिक चोकसी अपनी गर्लफ्रेंड को डिनर पर या फिर उसके साथ घुमने डोमिनिका गया होगा, जहां अवैध रूप से देश में घुसने के आरोप में उसे पकड़ लिया गया। यह उसकी बड़ी गलती साबित होगी, क्योंकि एंटीगुआ का नागरिक होने के नाते हम उसका तब तक प्रत्यर्पण नहीं कर सकते, जब तक की उसकी नागरिकता खत्म नहीं होती। 

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प्रशांत किशोर का पीएम मोदी पर तंज, कहा- कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहे, ये तो मौलिक अधिकार है - Hindustan

कोरोना वायरस के चलते अपने माता पिता को खोकर अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए मोदी सरकार ने मुफ्त शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य बीमा तक कई ऐलान किए हैं। इसी से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट पर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर जमकर तंज किया है। उन्होंने कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों की मदद को लेकर किए गए पीएम नरेंद्र मोदी के ट्वीट पर तीखा हमला बोला।

'सहानुभूति की नई परिभाषा दे रही मोदी सरकार'

दरअसल, प्रधानमंत्री ने कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए सरकार के फैसलों को बताते हुए एक ट्वीट किया था। इसके जवाह में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने तंज करते हुए लिखा- मोदी सरकार का एक और मास्टर स्ट्रोक।  इस बार कोविड के चलते तबाह हुए बच्चों के लिए सहानुभूति और देखभाल को नए तरीके से परिभाषित किया गया है। -अभी सहायता मिलने की जगह, बच्चों को 18 वर्ष की आयु में स्टाइपेंड के वादे के से सकारात्मक महसूस करना चाहिए - मुफ्त शिक्षा के वादे के लिए  पीएम केयर्स के आभारी रहें, जो कि संविधान में गारंटीकृत अधिकार है। -आयुष्मान भारत में नामांकित होने के आश्वासन के लिए पीएमओ का धन्यवाद कीजिए, जो कि 50 करोड़ भारतीयों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए जाना जाता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर केवल बेड/ ऑक्सीजन भी प्रदान करने में विफल रहा है।

'कोविड के चलते अनाथ हुए बच्चों के साथ खड़ी है सरकार'

पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा था 'हमारे देश के भविष्य का समर्थन! कोविड-19 के कारण कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया। सरकार इन बच्चों की देखभाल करेगी, उनके लिए सम्मानजनक जीवन और अवसर सुनिश्चित करेगी। बच्चों के लिए PM-CARES बच्चों को शिक्षा और अन्य सहायता सुनिश्चित करेगा।' इसके आगे उन्होंने पीआईबी का लिंक शेयर किया था जिसमें बच्चों की मदद को लेकर सारे ऐलानों के विवरण था।

इसमें लिखा था- सरकार उन बच्चों के साथ है जिन्होंने कोविड के कारण अपने माता-पिता को खो दिया। ऐसे बच्चों को 18 साल का होने पर मासिक स्टाइपेंड और 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स से 10 लाख रुपये का फंड मिलेगा। इन बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण प्राप्त करने में सहायता की जाएगी और पीएम केयर्स उस ऋण पर ब्याज का भुगतान करेगा। आयुष्मान भारत के तहत बच्चों को 18 साल तक 5 लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मिलेगा और प्रीमियम का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा। बच्चे देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं और हम बच्चों के समर्थन और सुरक्षा के लिए सब कुछ करेंगे। एक समाज के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों की देखभाल करें और उज्ज्वल भविष्य की आशा जगाएं।

'हमें सरकार का अंध प्रचारक बनने की जरूरत नहीं'

पहले भी हाल ही में प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने देश की दयनीय स्थिति के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था, और ट्वीट पर लोगों से मोदी सरकार के अंध भक्त ना बनने की अपील की है। उन्होंने लिखा था कि 'हमारे चारों ओर एक शोकग्रस्त राष्ट्र और त्रासदी मची हुई है, ऐसे में गलत प्रचार को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास घृणित है, सकारात्मक होने के लिए हमें सरकार के अंधे प्रचारक बनने की जरूरत नहीं है'।

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प्रशांत किशोर का पीएम मोदी पर तंज, कहा- कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहे, ये तो मौलिक अधिकार है - Hindustan
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भारत में दो दिन देरी से दस्‍तक देगा Monsoon, Cyclonic Circulation का असर - Zee News Hindi

नई दिल्ली: केरल में मॉनसून (Monsoon 2021) के आगमन में दो दिन की देरी हो सकती है और राज्य में अब 3 जून तक मानसून पहुंचने का अनुमान है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने यह जानकारी दी है. 

Cyclonic सर्कुलेशन का पड़ा प्रभाव

मौसम विभाग (IMD) के महानिदेशक एम महापात्रा ने कहा कि कर्नाटक तट पर चक्रवातीय परिसंचरण (Cyclonic circulation) के चलते दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की चाल प्रभावित हुई है. विभाग ने कहा, 'एक जून से दक्षिण-पश्चिमी हवाएं धीरे-धीरे जो पकड़ सकती हैं, जिसके चलते केरल में वर्षा संबंधी गतिविधि में तेजी आ सकती है. लिहाजा केरल में तीन जून के आसपास मॉनसून के पहुंचने की उम्मीद है.'

मॉनसून के सामान्य रहने का अनुमान

विभाग के अनुसार लो लेवल दक्षिण-पश्चिमी हवाओं (low level southwesterly winds) के जोर पकड़ने के चलते वर्षा संबंधी गतिविधियां तेज होंगी. इसके साथ ही अगले पांच दिन के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ स्थानों में भारी बारिश होने का अनुमान है. केरल में सामान्य रूप से 1 जून को मॉनसून दस्तक दे देता है. इसके साथ ही देश में चार महीने तक चलने वाली वर्षा ऋतु शुरू हो जाती है. मौसम विभाग ने इस महीने की शुरुआत में केरल में 31 मई को मॉनसून के दस्तक देने का अनुमान जताया था. इस साल मॉनसून के सामान्य रहने का अनुमान है.

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दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ में बिजली गिरने की संभावना

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के राष्ट्रीय मौसम पूवार्नुमान केंद्र ने कहा कि रविवार को दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी और तेज हवाएं चलने की संभावना है. उत्तराखंड, उत्तरी पंजाब, पूर्वी और पश्चिम राजस्थान, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, कोंकण, गोवा, तेलंगाना, केरल और माहे में अलग-अलग स्थानों पर 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बिजली और तेज हवाएं चलने की संभावना है.

इन स्थानों पर भारी बारिश

हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, रायलसीमा, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, दिन में कराईकल और लक्षद्वीप में भी ऐसी ही स्थिति की संभावना है. आईएमडी ने पश्चिमी राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति की भी भविष्यवाणी की, जबकि बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, केरल और माहे में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हुई. पूर्व-मध्य और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के ऊपर तेज मौसम (हवा की गति 40-50 किमी प्रति घंटे) की संभावना है. मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे केरल तट से दूर अरब सागर के क्षेत्रों में ना जाएं.

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Unlock News Update: 1 जून से कहां हो रहा अनलॉक, किन राज्‍यों में बढ़ा लॉकडाउन? - नवभारत टाइम्स

नई दिल्ली
दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत देश के 10 से ज्यादा राज्यों में लॉकडाउन लगे हुए एक महीने से ज्यादा हो गया है। लेकिन अब एक जून से थोड़ी राहत मिलने की शुरुआत होने वाली है। दिल्ली, एमपी, हिमाचल को अनलॉक करने की तैयारी हो चुकी है। महाराष्ट्र में भी ढील देने की तैयारी है, लेकिन कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। आइए जानते हैं कि किन राज्यों को अनलॉक करने की तैयारी है और कहां लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है?

केरल, महाराष्‍ट्र, गोवा, तमिलनाडु, पुदुचेरी... ये उन कुछ राज्‍यों के नाम हैं जिन्‍होंने कोविड-19 लॉकडाउन को जारी रहने का फैसला क‍िया है। असम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर को छोड़कर लगभग हर राज्‍य या केंद्रशासित प्रदेश में कोरोना वायरस के मामले कम हो रहे हैं। इसके बावजूद सरकारें/प्रशासन किसी तरह की ढिलाई के मूड में नहीं हैं।

राजधानी दिल्‍ली में भी लॉकडाउन की पाबंदियों को 7 जून की सुबह 5 बजे तक बढ़ा दिया गया है मगर अनलॉक की दिशा में भी कुछ कदम उठाए गए हैं। दिल्‍ली सरकार ने पहले ही घोषणा की थी कि वह सोमवार यानी 31 मई से मैनुफैक्‍चरिंग/प्रॉडक्शन का काम शुरू करने की इजाजात दे देगी। इन दोनों गतिविधियों से जुड़े लोगों के लिए ई-पास लेना जरूरी होगा और कर्मचारियों व मजदूरों के लिए उनके एंपलायर, कॉन्ट्रैक्टर, मालिकों को ई पास के लिए अप्लाई करना होगा।

मध्‍य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश ने भी लॉकडाउन में थोड़ी रियायत देने का फैसला क‍िया है। वहीं, हरियाणा में एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन बढ़ाया गया है। केरल के मुख्‍यमंत्री पिनराई विजयन ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में लॉकडाउन को 9 जून तक बढ़ाने की घोषणा की है। हां, जरूरी गतिविधियों के लिए कुछ छूट जरूर दी गई है।

महाराष्‍ट्र सरकार ने 1 जून को खत्‍म हो लॉकडाउन को 15 दिन के लिए बढ़ा दिया है। राज्‍य में 14 अप्रैल से ही लॉकडाउन लागू है। 1 जून को नए दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। उन क्षेत्रों में जहां स्थिति में सुधार हुआ है, वहां पाबंदियों में ढील दी जा सकती है।

गोवा में कोरोना कर्फ्यू को 7 जून की सुबह 6 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को सुबह सात बजे से दोपहर एक बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा रेस्तरां को सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक खोलने की अनुमति मिली।

उत्‍तर प्रदेश में आंशिक कर्फ्यू 31 मई की सुबह 7 बजे तक है। इसके अलावा छत्‍तीसगढ़, सिक्किम, जम्‍मू और कश्‍मीर में भी 31 मई तक लॉकडाउन/कर्फ्यू है। अभी इन राज्‍यों ने फैसला नहीं किया है। 1 जून तक लॉकडाउन वाले राज्‍यों में उत्‍तराखंड, बिहार, ओडिशा शामिल हैं।

हिमाचल प्रदेश सरकार ने 7 जून तक के लिए लॉकडाउन बढ़ाया है। मिजोरम में 6 जून और मेघालय में 7 जून तक लॉकडाउन की मियाद बढ़ा दी गई है। अरुणाचल प्रदेश ने 7 जिलों में 7 जून की सुबह तक लॉकडाउन जारी रखने का फैसला क‍िया है। आंध्र प्रदेश के तिरुपति और पूरे चित्‍तूर जिले में 15 जून तक लॉकडाउन और सख्‍त कर दिया गया है।

पंजाब ने 10 जून तक लॉकडाउन बढ़ाया है। तमिलनाडु, कर्नाटक में भी 7 जून तक लॉकडाउन है। पश्चिम बंगाल सरकार ने 15 जून तक पाबंदियां बढ़ाई हैं। गुजरात के 36 शहरों में 4 जून तक नाइट कर्फ्यू है। हरियाणा में भी एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन बढ़ाया गया है।

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'हां, ये सही है लेकिन क्या मुल्क में यही चलता रहेगा...', ASI रिपोर्ट पर बोले प्रोफेसर इरफान हबीब - Aaj Tak

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