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Monday, June 28, 2021

डेल्टा प्लस वैरिएंट का टीके पर प्रतिकूल प्रभाव डालने का कोई वैज्ञानिक डाटा उपलब्ध नहीं : डॉ. वीके पॉल - दैनिक जागरण

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना महामारी की कोई लहर कब आएगी, इसकी तारीफ पहले से नहीं बताई जा सकती है, क्योंकि वायरस की प्रवृत्ति में अप्रत्याशित बदलाव आ रहा है। यह कहना है कोविड कार्यबल के प्रमुख वीके पाल का। सोमवार को उन्होंने यह भी कहा कि अनुशासन और महामारी से निपटने के लिए प्रभावी कदम देश को किसी भी तरह के बड़े संकट से दूर रखने में मददगार हो सकते हैं।

डेल्टा प्लस के बारे में और सूचना का इंतजार करना चाहिए

वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप को लेकर चिंता के बीच पाल ने कहा कि अबतक ऐसा कोई वैज्ञानिक आंकड़ा नहीं है, जिससे यह स्थापित हो कि यह एक से दूसरे में तेजी से फैलने वाला है या फिर कोविड के टीके का असर कम करता है। उन्होंने कहा कि हमें इस बारे में अभी और सूचना का इंतजार करना चाहिए। डेल्टा प्लस का पता 11 जून को चला और इसे 'चिंताजनक' श्रेणी में रखा गया है। पाल नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) भी हैं।

महामारी की नई लहर कई बातों पर निर्भर

प्रेट्र के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि किसी भी आकार की महामारी की नई लहर कई बातों पर निर्भर करती है। वर्तमान महामारी के मामले में कोविड-19 संक्रमण से बचाव के समुचित व्यवहार, परीक्षण और संक्रमण की रोकथाम के लिए रणनीति के मामले में व्यापक अनुशासन और टीकाकरण की दर पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, 'इसके अलावा, वायरस का अप्रत्याशित व्यवहार महामारी की गतिशीलता को भी बदल सकता है। ऐसे परिदृश्य में, उनका जटिल कारक संक्रमण के फैलने और उसके प्रकोप को निर्धारित करेगा।'

महामारी की किसी लहर की तारीख नहीं बताई जा सकती

उन्होंने आगे कहा, 'महामारी की और लहर आएगी या नहीं, यह हमारे अपने वश में नहीं है। मेरे हिसाब से, लहर की कोई तारीख नहीं बतायी जा सकती है।' अगर हम दृढ़ संकल्प और अनुशासन के साथ काम करते हैं तथा महामारी से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाते हैं तो हम संक्रमण की किसी नई लहर से बच सकते हैं।

कोवैक्सीन-कोविशील्ड डेल्टा प्लस के खिलाफ कारगर

कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस के विरुद्ध कोवैक्सीन और कोविशीलड की प्रतिरोधक क्षमता के बारे में पाल ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के वैज्ञानिक आकलन के अनुसार दोनों टीके डेल्टा प्लस समेत कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों के विरुद्ध प्रभावी हैं।

विदेशी टीकों को लेकर चर्चा जारी

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित टीकों का मार्ग प्रशस्त करने को लेकर चर्चा चल रही है। इस मुद्दे के कई आयाम हैं और हम जल्द से जल्द ऐसा रास्ता खोजने की कोशिश कर रहे हैं, जिस पर सभी की सहमति हो।

डब्ल्यूएचओ में कोवैक्सीन की प्रक्रिया आगे बढ़ रही

भारत बायोटेक के कोवैक्सिन आवेदन मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बारे में पूछे जाने पर, पाल ने कहा कि प्रक्रिया बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है। कंपनी ने पिछले सप्ताह अतिरिक्त दस्तावेज जमा किए हैं। हम आंकड़ों की शीघ्र समीक्षा देखना चाहते हैं और उम्मीद है कि निर्णय बहुत जल्द आएगा।

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