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Friday, June 4, 2021

पंजाब के राजनीतिक संकट, नवजोत सिंह सिद्धू फिर बन सकते हैं मंत्री, पार्टी में भी बड़ी जिम्मेदारी? - Jansatta

पंजाब के राजनीतिक संकट, नवजोत सिंह सिद्धू फिर बन सकते हैं मंत्री, पार्टी में भी बड़ी जिम्मेदारी?

पंजाब में चल रहे राजनीतिक संकट को खत्म करने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को एक बार फिर से राज्य में कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू। (Express Photos)

पंजाब में चल रहे राजनीतिक संकट को खत्म करने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को एक बार फिर से राज्य में कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। दरअसल कांग्रेस ने पंजाब में सियासी खींचतान को खत्म करने के लिए एक फॉर्मूला तैयार किया है। सूत्रों की मानें तो जहां यह साफ है कि राज्य में पार्टी और सरकार का चेहरा कैप्टन होंगे तो वहीं आने वाले वक्त में कैबिनेट में नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। फॉर्मूले के तहत सिद्धू को मंत्री पद और पार्टी में भी कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। पार्टी आलाकमान के सामने कैबिनेट के मौजूदा मंत्रियों और पार्टी विधायकों के रिपोर्ट कार्ड रखे गए हैं।

मालूम हो कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कांग्रेस की प्रदेश इकाई में चल रही कलह को दूर करने के मकसद से गठित समिति के समक्ष शुक्रवार को पहुंचे और यह मुलाकात करीब तीन घंटे तक चली। बैठक के बाद अमरिंदर सिंह ने इस इस मुलाकात का ब्यौरा देने से इनकार किया, हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को मिलकर जीतना है।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि अमरिंदर सिंह से इस मुलाकात के साथ ही समिति की संवाद करने की कवायद पूरी हो गई। अब वह जल्द ही आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। समिति की इस पूरी कवायद से अवगत एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘समिति की शुक्रवार को मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात के बाद संवाद की प्रक्रिया पूरी हो गई। इसके बाद समिति जल्द ही कांग्रेस आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।’’

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले चार दिनों में, कांग्रेस के पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली है। इनमें अधिकतर विधायक हैं।

खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं। गौरतलब है कि हाल के कुछ सप्ताह में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है। विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

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