सार
राकेश अस्थाना, जो बीएसएफ डीजी के पद से 31 जुलाई को रिटायर होने वाले थे, उन्हें अब एक साल का सेवा विस्तार देकर दिल्ली पुलिस आयुक्त बना दिया गया। बीएसएफ महानिदेशक के अलावा अस्थाना, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के डीजी का प्रभार भी संभाल चुके हैं...
विस्तार
केंद्र सरकार ने बीएसएफ के डीजी राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त बना दिया है। मौजूदा आईपीएस और रिटायर्ड अधिकारी, केंद्र का यह आदेश पढ़ते ही सकते में आ गए। यह सवाल उठ रहा है कि जब 'एजीएमयूटी' कैडर (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश कैडर) में पर्याप्त आईपीएस मौजूद हैं, तो गुजरात कैडर के अधिकारी को दिल्ली का पुलिस आयुक्त क्यों लगाया गया है। 1999 में अजय राज शर्मा और 2021 में राकेश अस्थाना के सीपी बनने की कहानी कुछ हद तक मिलती जुलती है। तत्कालीन एनडीए सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी के पास अजय राज शर्मा को उत्तर प्रदेश से दिल्ली लाने का मकसद था। आज भी एनडीए की सरकार है और गृह मंत्री अमित शाह के पास भी अस्थाना को दिल्ली का सीपी बनाने के पीछे कुछ मकसद है।
विज्ञापन
पूर्व आईपीएस इतना इशारा ही कर पा रहे हैं कि अब किसान आंदोलन, केजरीवाल सरकार, जेएनयू और दिल्ली दंगे को लेकर 'अस्थाना' की कार्यशैली देखने को मिलेगी। दिल्ली पुलिस के पूर्व सीपी एसएन श्रीवास्तव के कार्यकाल में बड़े रैंक वाले आईपीएस के बीच हुई खींचतान को भी समझना है। बता दें कि राकेश अस्थाना बीएसएफ डीजी के पद पर रहते हुए दिल्ली के सीपी बने हैं। अजय राज शर्मा दिल्ली पुलिस के सीपी बनने के बाद बीएसएफ में डीजी लगे थे।
दिल्ली पुलिस में लंबे समय तक स्पेशल सीपी रहे एक पूर्व आईपीएस ने अस्थाना की नियुक्ति को लेकर कई बातें साझा की हैं। उनका कहना था कि 1999 के दौरान तत्कालीन एनडीए सरकार, जिसमें लालकृष्ण आडवाणी गृह मंत्री थे, वे दिल्ली पुलिस में अजय राज शर्मा को लेकर आए थे। वे यूपी कैडर के आईपीएस थे। उस वक्त नए सीपी को लेकर अफसरों के बीच खासी मारामारी चल रही थी। बहुत सी बातें जो सार्वजनिक पटल पर नहीं आतीं, वे पब्लिक के बीच जाने लगी थीं। ऐसे में आडवाणी ने अजय राज शर्मा के हाथ में दिल्ली पुलिस की कमान सौंप दी।
शुरू में अजय राज के खिलाफ दिल्ली पुलिस के अफसर लामबंद हुए, लेकिन वे आगे नहीं बढ़ सके। अजय राज शर्मा ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी। कुछ आईपीएस को इधर-उधर कर दिया गया। राकेश अस्थाना, जो बीएसएफ डीजी के पद से 31 जुलाई को रिटायर होने वाले थे, उन्हें अब एक साल का सेवा विस्तार देकर दिल्ली पुलिस आयुक्त बना दिया गया। बीएसएफ महानिदेशक के अलावा अस्थाना, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के डीजी का प्रभार भी संभाल चुके हैं।
सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा से उनका विवाद काफी चर्चा में रहा है। 1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस राकेश अस्थाना केंद्रीय जांच एजेंसी में स्पेशल डायरेक्टर के पद पर तैनात थे। आलोक वर्मा के साथ उनका विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि सुप्रीम कोर्ट को बीच बचाव के लिए आगे आना पड़ा। राकेश अस्थाना के खिलाफ सीबीआई में ही भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हुआ था। बाद में उन्हें क्लीन चिट मिल गई। दिल्ली पुलिस के पूर्व आईपीएस बताते हैं, अस्थाना की जगह पर कोई दूसरा अधिकारी होता तो वह वर्मा की तरह कहीं पर रिटायरमेंट लाइफ जी रहा होता।
एसएन श्रीवास्तव के समय में भी बहुत कुछ 1999 जैसा देखने को मिला था। आला अफसरों के बीच मनमुटाव बढ़ गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय तक शिकायत पहुंची थी। राकेश अस्थाना के आने के बाद इस तरह की शिकायतों पर रोक लग जाएगी, ये उम्मीद है। केजरीवाल सरकार को लेकर भाजपा सदैव आक्रामक रही है। दिल्ली में मोदी सरकार के दौरान हुए दो विधानसभा चुनावों में केजरीवाल ने भाजपा को पांव नहीं टेकने दिए।
पूर्व सीपी बीएस बस्सी के कार्यकाल में केजरीवाल सरकार के एक दर्जन से अधिक विधायकों पर केस दर्ज किए गए, लेकिन अधिकांश विधायक अदालत से साफ बच निकले। सीबीआई ने केजरीवाल के दफ्तर पर रेड कर दी। मंत्रियों के यहां भी छापेमारी हुई। उसमें भी कुछ नहीं निकला। इससे केंद्र सरकार की किरकिरी हुई। अस्थाना के पुलिस सीपी बनने के बाद हो सकता है कि केजरीवाल सरकार की मुसीबतें बढ़ जाएं। पुराने मामले बाहर आ सकते हैं। कोरोनाकाल में कथित लापरवाही को लेकर कार्रवाई की संभावना बन रही है। जेएनयू में प्रदर्शन से जुड़े मामले भी अस्थाना की लिस्ट में रहेंगे। किसान आंदोलन को लेकर, सरकार ने अस्थाना को कोई न कोई ईशारा कर दिया होगा। दिल्ली की सीमाओं से किसानों को उठाना, सिविल सोसायटी के कार्यकर्ताओं से निपटना और कुछ नेताओं के मामले, ऐसी कई जिम्मेदारी अस्थाना को निभानी होंगी। इसके अलावा बहुत कुछ ऐसा सीक्रेट भी संभावित है, जिसके लिए अस्थाना को दिल्ली पुलिस में लाया गया है।
विज्ञापन
Adblock test (Why?)
दिल्ली पुलिस कमिश्नर: 22 साल पहले अजय राज शर्मा और अब राकेश अस्थाना के आयुक्त बनने की कहानी! - अमर उजाला - Amar Ujala
Read More
No comments:
Post a Comment