न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू Published by: प्रशांत कुमार Updated Tue, 06 Jul 2021 12:42 PM IST
सार
पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती ने एक पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने परिसीमन आयोग की बैठक में शामिल होने से इनकार किया है।पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती - फोटो : अमर उजाला, फाइल फोटो
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आयोग की अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई को लिखे गए पत्र में पीडीपी ने कहा कि 5 अगस्त 2019 को संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचल दिया गया। जम्मू-कश्मीर के लोगों से उनके अधिकार छीन लिए गए। जिसका क्रम अभी भी जारी है। देश भर में परिसीमन प्रक्रिया को 2026 तक रोक दिया गया है लेकिन जम्मू-कश्मीर अपवाद बना दिया गया है। 24 जून को नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। जिसमें हमने अपने दुख को आड़े नहीं आने दिया। लोगों के लिए हमने बैठक में भाग लिया। बैठक में हमने लोगों की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही लोगों तक पहुंचने के लिए और विशिष्ट विश्वास निर्माण उपायों का सुझाव दिया।
बता दें कि पीएजीडी(पीपुल्स अलायन्स फॉर गुपकार डिक्लेरेशन) के दो क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने अलग-अलग रास्ते चुने हैं। एक तरफ नेशलन कांफ्रेंस (नेकां) ने घोषणा की है कि पांच सदस्यीय टीम आयोग से मिलेगी, जबकि पीडीपी आयोग से नहीं मिलेगी। पीडीपी को छोड़कर प्रदेश में पंजीकृत शेष 11 दलों ने परिसीमन प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमति जता दी है। इनमें नेकां के अलावा भाजपा, कांग्रेस, पैंथर्स पार्टी, अपनी पार्टी, पीपुल्स कांफ्रेंस, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख हैं। कई संगठनों ने भी आयोग से मिलने का समय लिया है। आयोग के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
आयोग की टीम में आयोग की अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई, मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र व राज्य चुनाव आयुक्त केके शर्मा शामिल हैं। कश्मीर में दो दिनों तक आयोग से 60 प्रतिनिधिमंडल मिलेंगे। इनमें श्रीनगर में 43 व पहलगाम में 17 शामिल हैं। आयोग पहले दिन छह जुलाई को श्रीनगर में दोपहर बाद साढ़े तीन से साढ़े छह बजे तक विभिन्न राजनीतिक दलों के नुमाइंदे और संगठनों के प्रतिनिधियों से मिलेगा।
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परिसीमन आयोग को महबूबा मुफ्ती का पत्र: लोगों की पीड़ा और राजनीतिक गतिविधि का हवाला देते हुए बैठक से किया किनारा - अमर उजाला - Amar Ujala
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