नई दिल्लीः भारत में अ बवह दिन दूर नहीं हैं जब सड़कों पर दौड़ने वाले ओला और उबर की टैक्सी की तरह आसमान ड्रोन टैक्सी उड़ता हुआ दिखाई दे और लोग अपनी मंजिल तक जल्दी पहुंचने के लिए ड्रोन टैक्सी का इस्तेमाल करे. नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि गुरुवार को घोषित ड्रोन नियमों के तहत आने वाले दिनों में एयर टैक्सी संभव होगी जो सड़कों के बजाय हवाई क्षेत्र में परिचालित होगी. सिंधिया ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वैश्विक स्तर पर हवाई टैक्सी के संबंध में शोध और आविष्कार किए जा रहे हैं और कई स्टार्टअप सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह वक्त अब दूर नहीं है जब आप नई ड्रोन नीति के तहत हवा में टैक्सियां उड़ते देखेंगे. मुझे लगता है कि यह बहुत संभव है.’’ उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और बीसीएएस (नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो) एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि ’’शत्रु ड्रोन विरोधी तकनीक’’ को जल्दी विकसित और अपनाया जा सके.
भारत में ड्रोन परिचालन के नियमों को बनाया गया आसान
नागर विमानन मंत्रालय ने देश में ड्रोन परिचालन के लिए भरे जाने वाले आवश्यक प्रपत्रों की संख्या 25 से घटा कर पांच कर दिया है और परिचालक से लिए जाने वाले शुल्क के प्रकारों को 72 से घटाकर चार कर परिचालन संबंधी नियमों में राहत दी है. ड्रोन नियम, 2021 बुधवार को जारी किए गए. इन नए नियमों ने मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियम, 2021 का स्थान लिया है जो इस साल 12 मार्च को लागू हुआ था.
लाइसेंसिंग शुल्क 3,000 से घटाकर 100 रुपये किए गए
नए नियमों के मुताबिक, शुल्क को नाममात्र के स्तर तक घटा दिया गया है और ड्रोन के आकार से अलग कर दिया गया है. उदाहरण के लिए, सभी श्रेणियों के ड्रोनों के रिमोट पायलट लाइसेंस के लिए शुल्क 3,000 रुपये (एक बड़े ड्रोन के लिए) को घटाकर 100 रुपये कर दिया गया है और यह 10 साल के लिए वैध रहेगा. नियमों ने विभिन्न मंजूरियों की जरूरतों को भी खत्म कर दिया है, जिनमें अनुरूपता का प्रमाण पत्र, रख-रखाव का प्रमाण पत्र, आयात मंजूरी, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, परिचालक परमिट, शोध एवं विकास संगठन की स्वीकृति और विद्यार्थी रिमोट पायलट लाइसेंस शामिल हैं.
’ग्रीन जोन’ में 400 फुट तक उड़न के लिए अनुमति लेने की ज़रुरत नहीं
ड्रोन नियम, 2021 के मुताबिक अन्य स्वीकृतियां जैसे विशिष्ट प्राधिकरण संख्या, विशिष्ट प्रोटोटाइप पहचान संख्या और विनिर्माण और उड़ान योग्यता का प्रमाण-पत्र आदि को भी खत्म कर दिया गया है. नये नियमों के मुताबिक ’ग्रीन जोन’ में 400 फुट तक और हवाई अड्डे की परिधि से आठ से 12 किलोमीटर के बीच के क्षेत्र में 200 फुट तक उड़ान के इजाजत की जरूरत नहीं होगी. ‘ग्रीन जोन’ का मतलब 400 फुट की ऊर्ध्वाधर दूरी तक का हवाई क्षेत्र है जिसे हवाई क्षेत्र के नक्शे में रेड जोन या येलो जोन के रूप में नामित नहीं किया गया है.
नैनो ड्रोन के लिए पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं
ड्रोन नियम, 2021 ने ड्रोन के हस्तांतरण एवं पंजीकरण को रद्द करने के लिए आसान प्रक्रिया भी निर्धारित की है. नियमों में कहा गया है कि माइक्रो ड्रोन (गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए) और नैनो ड्रोन के लिए किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी. साथ ही कहा गया है कि उल्लंघन के लिए अधिकतम जुर्माना घटा कर एक लाख रुपये कर दिया गया है. नियमों में यह भी कहा गया है कि भारत में पंजीकृत विदेशी स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा ड्रोन परिचालन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा.
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बहुत जल्द भारत में उड़ता दिखाई देगा DRONE TAXY, ड्रोन परिचालन के नियमों में भारी छूट - Zee News Hindi
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