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- The Family Will Get A Compensation Of 50 Thousand Rupees On Death From Corona, Payment Will Be Done Through DBT In 30 Days
नई दिल्ली5 घंटे पहले
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कोरोना वायरस से जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिवार को मुआवजा देने को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि कोरोना से मौत पर परिवार को 50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए कोरोना से मौत का सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य होगा।
केंद्र सरकार ने मुआवजे के अलावा कोर्ट को यह भी बताया कि कोरोना से हुई मौतों को लेकर शिकायतों के समाधान के लिए भी एक कमेटी गठित की जाएगी। यह कमेटी जिला स्तर पर काम करेगी। इसमें उन लोगों को भी शामिल किया गया है जो कोरोना के राहत बचाव कामों में जुटे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने NDMA को दिए थे निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) को जून में आदेश दिया था कि वो कोरोना की वजह से मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजे के भुगतान के लिए गाइडलाइन बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने NDMA को इसके लिए 6 हफ्ते का वक्त दिया था। मुआवजे की रकम भी NDMA को ही तय करना था।
डेथ सर्टिफिकेट को भी लेकर कोर्ट ने दिए थे निर्देश
सुप्रीम कोर्ट में एक अन्य याचिक में यह मांग की गई थी कि जिन लोगों की कोरोना से मौत हुई है, उनके परिवार के पास इसका कोई भी सबूत नहीं है। इसलिए डेथ सर्टिफिकेट में कोरोना से मौत को शामिल किया जाए। कोर्ट ने इस पर कहा था कि, कोरोना से मरने वालों के मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत की तारीख और कारण शामिल होना चाहिए, साथ ही अगर परिवार संतुष्ट नहीं है तो इसके निवारण के लिए भी अलग से व्यवस्था होनी चाहिए।
सुसाइड करने वालों को भी मिले लाभ
कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिए निर्देश में यह भी कहा था कि कोरोना से हुई मौतों के मुआवजे में उन लोगों को भी शामिल किया जाना चाहिए, जो महामारी से पीड़ित थे और इसी दौरान उन्होंने आत्महत्या कर ली थी।
30 दिन के भीतर DDMA करेगा मुआवजे का वितरण
NDMA की तरफ से जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि मुआवजे का वितरण जिला आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (DDMA) के जरिए होगा। मृतक के परिवार की तरफ से आवेदन मिलने के 30 दिन के भीतर DDMA उसका निपटारा कर देगा। मुआवजा आधार लिंक्ड डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) प्रक्रिया से होगा।
याचिकाकर्ता ने क्या कहा था?
सुप्रीम कोर्ट में 2 वकीलों गौरव कुमार बंसल और रीपक कंसल की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी। दोनों का कहना था है कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 12 में आपदा से मरने वाले लोगों के लिए सरकारी मुआवजे का प्रावधान है।
पिछले साल केंद्र ने सभी राज्यों को कोरोना से मरने वाले लोगों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने के लिए कहा था। इस साल ऐसा नहीं किया गया है। इसके जवाब में केंद्र ने कहा था कि कोरोना के चलते राज्यों को पहले ही बहुत अधिक खर्च करना पड़ रहा है। उन पर मुआवजे का बोझ डालना सही नहीं होगा।
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला: कोरोना से हुई मौत पर परिवार को 50 हजार रुपए का मुआवजा मिलेगा, 30 दिन में डीबीटी ... - दैनिक भास्कर
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