सार
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत में निर्मित कोरोनावायरस वैक्सीन कोवाक्सिन को बुधवार को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी।वैक्सीन को दुनियाभर के लिए सुरक्षित बताते हुए मान्यता दी गई है।भारत की कोवाक्सिन को डब्ल्यूएचओ से मंजूरी। - फोटो : सोशल मीडिया
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत में निर्मित कोरोनावायरस वैक्सीन कोवाक्सिन को बुधवार को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने 26 अक्तूबर को भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई कोवाक्सिन पर समीक्षा बैठक की थी और कंपनी से इस वैक्सीन की ज्यादा जानकारी देने की मांग की गई थी। अब वैक्सीन को दुनियाभर के लिए सुरक्षित बताते हुए मान्यता दे दी गई है।मंजूरी पर क्या बोला डब्ल्यूएचओ?
कोवाक्सिन को मंजूरी देने वाले डब्ल्यूएचओ के तकनीकी सलाहकार समूह में दुनियाभर को कई नियामक विशेषज्ञ शामिल रहे। उनकी तरफ से समीक्षा के बाद कहा गया कि कोवाक्सिन कोरोनावायरस से बचाव करने में डब्ल्यूएचओ के मानकों पर खरी उतरती है और इससे होने वाले छोटे-मोटे जोखिमों पर इसके लाभ काफी भारी पड़ते हैं। इसलिए यह वैक्सीन पूरे विश्व में इस्तेमाल की जा सकती है।
कोवाक्सिन वैक्सीन की समीक्षा डब्ल्यूएचओ के स्ट्रैटिजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट ऑन इम्युनाइजेशन (SAGE) ने भी की। इस पैनल ने 18 साल से ऊपर के लोगों को कोवाक्सीन दो डोजों में चार हफ्ते के अंतराल में देने के तरीके को मान्य करार दिया
हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि गर्भवती महिलाओं पर कोवाक्सिन के इस्तेमाल पर जो डेटा दिया गया, वह अभी भी अपर्याप्त है, जिसकी वजह से प्रेग्नेंसी के दौरान इसकी सुरक्षा और क्षमता को आंका नहीं जा सकता। गर्भवती महिलाओं पर यह स्टडीज सुनियोजित होती हैं।
भारत बायोटेक से मांगी गई थी वैक्सीन से जुड़ी अतिरिक्त जानकारी
इससे पहले डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता ने कहा था कि अगर समिति संतुष्ट होती है, तो भारत की वैक्सीन को महज 24 घंटों के भीतर ही मंजूरी दे दी जाएगी। डब्ल्यूएचओ के तकनीकी सलाहकार समूह ने भारत बायोटेक से जो भी अतिरिक्त जानकारी मांगी थी वह विशेष रूप से वैक्सीन के अंतिम जोखिम-लाभ मूल्यांकन (फाइनल रिस्क-बेनेफिट एसेस्मेंट) से संबंधित थी।
कोवाक्सिन की शेल्फ लाइफ 12 महीने बढ़ने पर कल हुआ था फैसला
एक दिन पहले ही टीके को बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा था कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कोविड-19 टीके कोवाक्सिन की उपयोग अवधि (शेल्फ लाइफ) को निर्माण की तारीख से 12 महीने तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। यानी अब इसे एक साल तक उपयोग में लाया जा सकता है।
भारत बायोटेक ने मंगलवार को ही एक ट्वीट में कहा, ‘‘सीडीएससीओ ने निर्माण की तारीख से 12 महीने तक कोवाक्सिन की उपयोग अवधि के विस्तार को मंजूरी दे दी है। उपयोग अवधि विस्तार की यह मंजूरी अतिरिक्त स्थायी आंकड़े की उपलब्धता पर आधारित है, जिसे सीडीएससीओ को प्रस्तुत किया गया था।’’
केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्री ने दी बधाई
इस मौके पर केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी बधाई दी है। उन्होंने कहा- ''विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आज भारत निर्मित कोरोना वैक्सीन कोवाक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इस मौके पर मैं आईसीएमआर और भारत बायोटेक के वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं''।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ने जताई खुशी
कोवाक्सीन को मान्यता मिलने के मौके पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम ने भी खुशी जताई है। उन्होंने कहा- ''डब्ल्यूएचओ द्वारा एक और कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिलने पर खुशी हुई। जितनी अधिक वैक्सीन होगी, हम उतने अच्छे ढंग से कोरोना से लड़ पाएंगे''।
भारत बायोटेक ने बताया महत्वपूर्ण कदम
कोवाक्सीन को मान्यता मिलने के बाद, इस पर वैक्सीन की निर्माता कंपनी भारत बायोटेक का भी बयान सामने आ गया है। कंपनी ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोवाक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिलना वैक्सीन की वैश्विक पहुंच बनाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मंजूरी के बाद अब विभिन्न देश कोवाक्सीन को मंजूरी देने की प्रक्रिया और इसके आयात को तेज कर सकते हैं। कंपनी ने आगे कहा कि अब संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ), पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (पाहो) और गावी कोवाक्स सुविधा भी दुनियाभर के देशों में वितरण के लिए कोवाक्सीन के टीके के खरीद सकेंगे।
खुशखबर: भारत की कोवाक्सिन को डब्ल्यूएचओ से मिली आपात इस्तेमाल की मंजूरी, जानें क्यों अहम है ये फैसला - अमर उजाला - Amar Ujala
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