समीर वानखेड़े के पिता द्वारा दायर इस याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में दोनों तरफ से तीखी बहस देखने को मिली।
एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ मोर्चा खोले महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को बॉम्बे हाई कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने वानखेड़े के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए नवाब मलिक और उनके परिवार को निर्देश दिया कि वह वानखेड़े परिवार के खिलाफ सेशल मीडिया पर कुछ शेयर नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई जारी रहने तक वानखेड़े के परिवार के खिलाफ किसी भी तरीके से बयानबाजी नहीं की जाएगी।
समीर वानखेड़े के पिता द्वारा दायर इस याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में दोनों तरफ से तीखी बहस देखने को मिली। इस बात पर तीखी बहस देखने को मिली कि नवाब मलिक लगातार समीर वानखेड़े की बहन को लेडी डॉन कहकर संबोधित कर रहे थे। इस पर मलिक के वकील ने जवाब दिया कि फ्लेचर पटेल नाम के शख्स ने ऐसा कहा था और उनके क्लाइंट ने केवल उसे साझा किया था। हालांकि, अदालत ने उनकी दलील को खारिज कर दिया और कहा कि जब तक मामले की सुनवाई जारी है, ऐसी बयानबाजी नहीं होनी चाहिए।
जस्टिस कथावाला ने नवाब मलिक के वकील से पूछा जिसपर उनके वकील द्वारा कोर्ट को बताया गया कि मलिक अब 9 दिसंबर तक वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ कोई बयान नहीं देंगे। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तल्ख अंदाज में कहा कि बतौर मंत्री उनको ये बातें शोभा नहीं देती हैं। वहीं, जस्टिस कथावाला ने कहा कि क्या नवाब मलिक को केवल मीडिया ट्रायल चाहिए। इस मामले में अब बॉम्बे हाई कोर्ट में 9 दिसंबर को सुनवाई होगी।
इसके पहले, नवाब मलिक ने एक बार फिर एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े पर आरोप लगाए थे और कहा कि उनके पूरे परिवार ने दोहरी पहचान बनाए रखी। पिता की दोहरी पहचान दाऊद और ज्ञानदेव के नाम से बनी रही। मां की भी दोहरी पहचान बनाई, बहन की दोहरी पहचान है और स्वंय समीर वानखेड़े ने भी दोहरी पहचान बनाकर रखी और पूरे प्रदेश को धोखा दिया और फर्जीवाड़ा किया।
महाराष्ट्र के मंत्री ने दावा किया कि समीर वानखेड़े जीवन में मुसलमान बने रहे, सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए कागजों में हेरा फेरी करके अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनाया, सरकारी नौकरी ली और फर्ज़ीवाड़ा किया।
बॉम्बे हाई कोर्ट से नवाब मलिक को झटका, वानखेड़े परिवार के खिलाफ बयानबाजी पर रोक - Jansatta
Read More
No comments:
Post a Comment