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Thursday, November 25, 2021

Union Govt issues fresh advisory to states and UTs over new Covid variant - दैनिक जागरण

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट पाए जाने के बाद भारत सरकार भी सतर्क हो गई है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक केंद्र सरकार ने गुरुवार को इस बाबत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर सजग किया है। केंद्र ने राज्‍यों से दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना से आने या जाने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कड़ी कोविड जांच करने के निर्देश जारी किए हैं।

यात्रियों की कड़ी स्क्रीनिंग की जाए

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रधान सचिव या स्वास्थ्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना से आने वाले या इन देशों के रास्ते आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कड़ी स्क्रीनिंग और जांच की जाए क्‍योंकि इन देशों में कोविड-19 के गंभीर प्रभावों वाले नए वैरिएंट के सामने आने की जानकारी मिली है।

संक्रमित यात्रियों के नमूनों की कराई जाए जीनोम जांच

राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि संक्रमित पाए गए यात्रियों के नमूने तुरंत निर्दिष्ट जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाओं को भेजे जाएं। पत्र में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के हवाले से कहा गया है कि बोत्सवाना (3 मामले), दक्षिण अफ्रीका (6 मामले) और हांगकांग (1 मामले) में कोरोना के नए बी.1.1529 वैरिएंट के मामले सामने आए हैं।

यात्रियों के संपर्क में आए लोगों पर रखी जाए नजर

भूषण ने कहा है कि कोरोना के इस वैरिएंट में बड़ी संख्या में म्‍यूटेशन हुए हैं। चूंकि हाल ही में वीजा पाबंदियों में ढील के चलते इसका देश के जनस्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है इसलिए जोखिम वाले देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की अनिवार्य रूप से कड़ी स्क्रीनिंग की जाए। यही नहीं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप इन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के संपर्क में आए लोगों पर भी नजर रखी जानी चाहिए।

नमूने तुरंत निर्दिष्ट आईजीएसएलएस भेजे जाएं

सरकार ने राज्‍यों से यह भी कहा है कि संक्रमित यात्रियों के नमूने तुरंत निर्दिष्ट आईजीएसएलएस भेजे जाएं। जीनोमिक जांच रिपोर्ट जल्द आए इसके लिए राज्य निगरानी अधिकारियों के जरिए संबंधित आईजीएसएलएस के साथ समन्वय स्थापित करे ताकि इस वैरिएंट के पाए जाने के बाद आवश्यक स्वास्थ्य उपाय किए जा सकें। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार रोकथाम उपायों का अनुपालन सुनिश्चित कराएं।

प्रभावों को समझने की कोशिशें

मालूम हो कि दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के एक नए वैरिएंट का पता लगाया है। नेशनल इंस्टीट्यूट फार कम्युनिकेबल डिजीज (National Institute for Communicable Diseases, NICD) ने गुरुवार को बताया कि वैज्ञानिक दक्षिण अफ्रीका में पाए गए इस नए कोरोना वैरिएंट के संभावित प्रभावों को समझने के लिए काम कर रहे हैं। एनआईसीडी ने कहा कि जीनोमिक सीक्वेंसिंग के बाद वेरिएंट बी 1.1.529 के 22 मामले दर्ज किए गए हैं।

सीमित आंकड़े मिले

समाचार एजेंसी रायटर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि फि‍लहाल सीमित आंकड़े मिले हैं। विशेषज्ञ नए वैरिएंट को समझने के लिए सभी स्थापित निगरानी प्रणालियों के साथ काम कर रहे हैं। इससे पहले भी दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के वैरिएंट पाए जा चुके हैं। पिछले साल दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले कोरोना के बीटा वैरिएंट का पता चला था। कोरोना का बीटा वैरिएंट विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization, WHO) की ओर से लेबल आफ कंसर्न में शामिल किया जा चुका है।

अत्‍यधिक संक्रामक

लेबल आफ कंसर्न (Labelled of Concern) में शामिल किए जाने का मतलब है कि वायरस के वैरिएंट के अत्‍यधिक संक्रामक होने के प्रमाण हैं। यही नहीं ऐसे वैरिएंट के खिलाफ टीके भी अच्छी तरह से काम नहीं करते हैं। यही नहीं इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में एक और वैरिएंट सी.1.2 का पता लगाया गया था। हालांकि इस वैरिएंट की संक्रामकता खतरनाक माने जा रहे डेल्टा वैरिएंट से कम है। 

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