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Sunday, December 12, 2021

कांग्रेस में पावरलेस हुए 'गुरु': हाईकमान की ईंट से ईंट खड़काने का दम भरने वाले सिद्धू बोले- मर्जी से जनरल से... - दैनिक भास्कर

चंडीगढ़4 घंटे पहलेलेखक: मनीष शर्मा

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पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू कांग्रेस में 'बेबस' नजर आने लगे हैं। बाबा बकाला रैली में पहुंचे सिद्धू ने पावरलेस होने का खूब रोना रोया। सिद्धू ने कहा कि उनके पास एडमिनिस्ट्रेशन की ताकत नहीं है। वह ऑर्गेनाइजेशन के प्रधान हैं, लेकिन तब भी अपनी मर्जी से एक जनरल सेक्रेटरी भी नहीं लगा सकते।

इससे पहले कांग्रेस हाईकमान को सीधी धमकी देते थे कि अगर उन्हें फैसले लेने की छूट नहीं दी तो ईंट से ईंट खड़का देंगे। उन्हें दर्शनी घोड़ा बनने का कोई शौक नहीं। सिद्धू का यह दर्द इसलिए छलका है, क्योंकि उन्होंने अपनी मर्जी से जिला प्रधानों की लिस्ट तैयार कर भेजी थी, जिसे कांग्रेस हाईकमान ने रोक लिया।

सिद्धू के प्रधान नहीं, कांग्रेस ने अपने को-आर्डिनेटर लगाए
नवजोत सिद्धू ने अपनी मर्जी से पंजाब कांग्रेस के 29 जिला यूनिटों के लिए एक जिला प्रधान और 2 वर्किंग प्रधान की लिस्ट भेजी थी। जब यह लिस्ट कांग्रेस के पंजाब इंचार्ज हरीश चौधरी तक पहुंची तो पता चला कि सिद्धू ने अकेले ही इसे तैयार किया। इसमें लोकल MLA और सीनियर नेताओं की राय नहीं ली। सिद्धू मेरिट का तर्क देते रहे, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने लिस्ट रोक ली और इसकी जगह हर जिले में AICC के को-आर्डिनेटर लगाकर सिद्धू को झटका दे दिया।

सिद्धू ने कुछ दिन पहले कहा कि सियासत बोझ लगने लगती है तो इस्तीफा दे देते हैं। अब उनकी बेबसी से फिर सिद्धू के अगले सियासी कदम को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं।

सिद्धू ने कुछ दिन पहले कहा कि सियासत बोझ लगने लगती है तो इस्तीफा दे देते हैं। अब उनकी बेबसी से फिर सिद्धू के अगले सियासी कदम को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं।

CM से अब होम मिनिस्ट्री की तड़प
नवजोत सिद्धू भले ही पंजाब बचाने की बात करते हों, लेकिन कुर्सी और पॉवर की तड़प नहीं छिपा पाते। सिद्धू ने कहा कि जिनके हाथ में आज बागडोर है, उन्हें चिट्‌टा (नशा) बेचने और गोलमाल करने वालों को अंदर करना चाहिए।। मैं आज से नहीं, बल्कि साढ़े 4 साल से मांग रहा हूं कि 4 दिन की ताकत मुझे दे दो। अगर जट्‌ट को ताकत दी होती तो जीजा-साला देश छोड़ देते। सिद्धू का यह निशाना अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया पर था। इससे पहले सिद्धू CM की कुर्सी को लेकर छटपटाहट दिखाते रहे।

राहुल गांधी ने सरकार विरोधी बयानबाजी से रोका
सूत्रों की मानें तो सिद्धू की इस बैचेनी की वजह राहुल गांधी भी हैं। सिद्धू लगातार CM चरणजीत चन्नी की सरकार पर वार कर रहे थे। उनके ऐलान को लॉलीपॉप तो कभी छुरलियां कह रहे थे। राहुल गांधी तक भी यह रिपोर्ट पहुंची कि सिद्धू की बयानबाजी से कांग्रेस की छवि खराब हो रही है। इसमें कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी की भी अहम भूमिका बताई जा रही है। कुछ दिन पहले राहुल ने सिद्धू को दिल्ली तलब किया था, जहां उन्हें कहा गया कि वह सरकार के खिलाफ बयानबाजी न करें।

AAP पर भी हमलावर होना पड़ा
सिद्धू और आम आदमी पार्टी की सियासी खिचड़ी ने कांग्रेस को चिंता में डाल रखा था। सिद्धू अभी तक अपनी ही सरकार को टारगेट कर रहे थे। इसके अलावा वह सिर्फ अकाली दल को निशाना बनाते थे। इससे कांग्रेस के भीतर भी संदेह था कि सिद्धू कहीं फिर कोई झटका न दे दें। AAP की तरफ से भी सिद्धू की तारीफ की जा रही थी। लेकिन राहुल गांधी से मुलाकात के बाद अब सिद्धू आप के खिलाफ भी हमलावर होने को मजबूर हुए हैं। सिद्धू को लेकर अक्सर चर्चा रही कि वह AAP का CM चेहरा हो सकते हैं। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कुछ दिन पहले कहा कि सिद्धू उनके साथ आना चाहते थे।

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