न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Fri, 10 Dec 2021 10:03 AM IST
सार
Coonoor Helicopter Accident: ब्रिगेडियर लिद्दड़ को सीडीएस के रक्षा सहायक का पद छोड़ एक जनवरी से डिवीजन आफिसर की कमान संभालनी थी। पंचकूला के सेक्टर 12 के रहने वाले ब्रिगेडियर का परिवार फिलहाल दिल्ली में रहता है।ब्रिगेडियर एल एस लिद्दड़। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
कर्नल भूपेंद्र सिंह ने बताया कि वह पिछले 20 साल से ब्रिगेडियर लिद्दड़ को जानते हैं। वह मेरे दोस्त और पड़ोसी थे। वह बेहद जिंदादिल और खुशदिल इंसान थे और एक डेकोरेटेड ऑफिसर थे। लिद्दड़ पिछले एक साल से अधिक समय से जनरल बिपिन रावत के स्टाफ में थे। जुलाई माह में ही वह अपनी मां और भाई के साथ पंचकूला आए थे तो उनके साथ पूरे ट्राइसिटी एरिया का दौरा किया था। वह एक जांबाज सेना अधिकारी थे। उनके जाने से न केवल पंचकूला बल्कि पूरे देश को क्षति हुई है।
पिता कर्नल और पत्नी टीचर
ब्रिगेडियर लिद्दड़ अपने परिवार में दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी थे। मूलरूप से पंजाब निवासी उनके पिता मेहंदी सिंह कर्नल थे। वह वर्ष 1989 में पंचकूला में आए थे और सेक्टर 12 में घर बनाया था। लिद्दड़ की पत्नी गीतिका शिक्षिका हैं। उनकी 16 वर्षीय बेटी आसना दिल्ली में रहती है। उनकी मां वर्तमान में बहन सुखविंदर चीमा के साथ रह रही हैं, जो कसौली के पास सनावर के लॉरेंस स्कूल में एक मैट्रन हैं। दुखद खबर सुनते ही परिवार के सदस्य दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
विशिष्ट सेवाओं के लिए मिले कई मेडल
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला से दिसंबर 1990 में पास आउट लिद्दड़ को अपनी सेवाओं के लिए कई मेडल मिले। सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से अलंकृत लिद्दड़ ने जम्मू और कश्मीर राइफल्स की दूसरी बटालियन की कमान संभाली थी। उन्होंने आतंकवाद विरोधी माहौल में भी काम किया था और उत्तरी सेक्टर में सीमा पर एक ब्रिगेड की कमान संभाली थी।
Coonoor Helicopter Accident: जान गंवाने वाले ब्रिगेडियर लिद्दड़ का मेजर जनरल रैंक पर प्रमोशन हो चुका था मंजूर - अमर उजाला - Amar Ujala
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