स्टोरी हाइलाइट्स
- स्वाति सिंह की जगह बीजेपी पूर्व IPS को टिकट?
- रीता बहुगुणा के बेटे मयंक जोशी को लगा झटका
- अपर्णा यादव को भी नहीं मिला लखनऊ से टिकट
उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ की सीटों पर चौथे चरण में चुनाव होने है, जिसके लिए 3 फरवरी तक ही नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकेंगे. कांग्रेस और बसपा ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है, लेकिन बीजेपी ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं. हालांकि, लखनऊ की सीटों के लिए बीजेपी के संभावित प्रत्याशियों के नाम है और उन्हीं पर मुहर लगती है तो पार्टी के कई दिग्गज नेताओं के लिए बड़ा झटका होगा.
लखनऊ की 9 सीटों में से 8 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है और 2022 के चुनाव में इन पर अपने सियासी वर्चस्व को बचाए रखने की चुनौती है. ऐसे में माना जा रहा है कि योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह का टिकट कट सकता है और उनकी जगह सरोजनीनगर सीट से पूर्व आईपीएस को बीजेपी अपना प्रत्याशी बना सकती है. वहीं, लखनऊ कैंट सीट पर रीता बहुगुणा जोशी को अपने बेटे के चुनाव लड़ने के आरमानों पर फिर पानी फिर सकता है.
बीजेपी के संभावित प्रत्याशी
सरोजनीनगर सीट पर स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह ने टिकट की दावेदारी की है. सरोजनीनगर सीट पर बीजेपी स्वाति सिंह और दयाशंकर सिंह के बजाय प्रवर्तन (ईडी) निदेशालय के संयुक्त निदेशक रहे राजेश्वर सिंह को प्रत्याशी बना सकती है. राजेश्वर सिंह सुल्तानपुर के रहने वाले हैं और उन्होंने हाल ही में वीआरएस लेकर राजनीतिक पारी का आगाज करने जा रहे हैं. लखनऊ कैंट सीट पर मुकेश शर्मा को प्रत्याशी बना सकती है.
राजधानी की लखनऊ पूर्वी सीट पर कानून मंत्री बृजेश पाठक, लखनऊ नार्थ सीट पर गोपाल टंडन, लखनऊ वेस्ट सीट पर अंजनी श्रीवास्तव, लखनऊ सेंटर सीट पर योगेश शुक्ला और बख्शी का तालाब सीट पर योगेश शुक्ला को बीजेपी अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है. इसके अलावा मोहनलालगंज और मलिहाबाद सीट पर अभी नाम सामने नहीं आए हैं.
आठ सीट पर बीजेपी का कब्जा
दरअसल, लखनऊ की 9 सीटों में से बीजेपी ने 8 सीटों पर कब्जा है जबकि एक सीट पर सपा को जीत मिली थी. लखनऊ की मोहनलालगंज सीट छोड़कर सभी सीटें बीजेपी के पास है. सपा ने लखनऊ की मोहनलालगंज और मलिहाबाद सीट के लिए अभी तक प्रत्याशी का ऐलान किया है जबकि बीजेपी ने किसी भी सीट पर किसी भी नाम की घोषणा नहीं की है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों के नेता कशमकश में फंसे हुए हैं.
लखनऊ की ज्यादातर सीटें बीजेपी के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती है. सूबे की योगी कैबिनेट के तीन बड़े मंत्री आशुतोष टंडन, ब्रजेश पाठक और स्वाति सिंह राजधानी से विधायक हैं जबकि दिनेश शर्मा और मोहसिन रजा एमएलसी हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा सस्पेंस सरोजनी नगर और लखनऊ कैंट सीट पर है.
सरोजनीनगर सीट पर फंसा पेच
सरोजनीनगर सीट की तरह ही लखनऊ कैंट सीट पर भी कई दिग्गज नेता टिकट के लिए अपनी-अपनी दावेदारी कर रखी थी. बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी भी अपने बेटे मयंक जोशी के लिए लखनऊ कैंट सीट से टिकट मांग रही थी, लेकिन लगता है बीजेपी ने उनके आरमानों पर पानी फेर दिया है.. रीता बहुगणा जोशी इस सीट से दो बार विधायक रह है और अब वो अपने बेटे के लिए टिकट मांग रही थी.
वहीं, हाल ही में बीजेपी में एंट्री करने वाली मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव भी इस लखनऊ कैंट सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में थी. 2017 के चुनाव में अपर्णा यादव ने इसी सीट से किस्मत आजमाया था, लेकिन रीता बहुगुणा जोशी ने उन्हें करारी मात दी थी. ऐसे में बीजेपी ने रीता बहुगणा जोशी और अपर्णा यादव की दावेदारी को खारिज कर दिया है और मुकेश शर्मा पर दांव लगाने का मन बना रही है.
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