नई दिल्ली. ट्रेड यूनियन ने 28 से 30 मार्च के दौरान हड़ताल का ऐलान किया है. इन दो दिनों के बीच श्रमिकों का राष्ट्रीय सम्मेलन है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इस दौरान बिजली (Electricity) की सप्लाई में दिक्कतें आ सकती है. लिहाज़ा हड़ताल को देखते हुए बिजली मंत्रायल ने एडवाजरी जारी की है, जिससे कि बिजली की सप्लाई में कोई बाधा न आए.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, ‘बिजली मंत्रालय राज्यों, सीईए, सभी आरपीसी, सीपीएसयू, एनएलडीसी, आरएलडीसी को 28 से 30 मार्च तक नेशनल कन्वेंशन ऑफ वर्कर्स द्वारा बुलाई गई हड़ताल के दौरान बिजली ग्रिड की रखरखाव और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए एडवाइजरी जारी करता है.’
इससे पहले विद्युत मंत्रालय ने शनिवार को एक परिपत्र जारी कर राज्यों से अनुरोध किया कि यदि वे पर्याप्त कोयला स्टॉक बनाए रखने में विफल रहते हैं तो आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के खिलाफ कार्रवाई करें.
बता दें कि सरकारी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल पिछले महीने फरवरी में होनी थी, लेकिन कोविड -19 महामारी की तीसरी लहर को देखते हुए इसे टाल दिया गया था. सीटीयू के संयुक्त मंच ने हड़ताल को व्यापक रूप से सफल बनाने के लिए उनकी यूनियनों से, इसमें शामिल होने का आह्वान किया है.
अखिल भारतीय असंगठित कर्मचारी कांग्रेस (केकेसी) ने कहा कि वह 28 और 29 मार्च को विभिन्न श्रमिक संगठनों की ओर से आहूत हड़ताल का समर्थन करेगी.कांग्रेस के प्रकोष्ठ केकेसी के अध्यक्ष उदित राज ने इसकी घोषणा की.उन्होंने कहा, ‘हमारे नेता राहुल गांधी श्रमिक संगठनों की मांगों के पक्ष में चिंता व्यक्त कर रहे हैं. केकेसी स्पष्ट रूप से न केवल लिखित रूप में समर्थन करता है बल्कि जहां भी संभव हो हड़ताल में भाग लेगा.’
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ट्रेड यूनियन की हड़ताल से पहले सरकार ने जारी की एडवाइजरी, एजेंसियों को बिजली की सप्लाई सुनिश्चित करने की दी... - News18 हिंदी
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