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Friday, March 25, 2022

West Bengal : कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीरभूम हिंसा मामले की सीबीआइ जांच के दिए आदेश - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बीरभूम जिले के रामपुरहाट में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की हत्या के बाद हुई भीषण हिंसा मामले की जांच आखिरकार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) से कराने का शुक्रवार को आदेश दिया। सोमवार देर रात हुई इस हिंसा में उग्र भीड़ द्वारा बोगटूई गांव में कई घरों में आग लगाए जाने से 10 लोगों की जलकर मौत हो गई थी। अदालत ने सीबीआइ को जांच सौंपते हुए बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) से मामले के कागजात और गिरफ्तार लोगों को सीबीआइ के सुपुर्द करने को कहा।

मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की खंडपीठ ने इसके साथ ही सीबीआइ को मामले में सात अप्रैल तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की आगे की सुनवाई सात अप्रैल को ही की जाएगी। पीठ ने कहा कि न्याय के हित में सीबीआइ जांच के आदेश दिए जा रहे हैं। अदालत ने साथ ही राज्य सरकार को सीबीआइ जांच में पूरा सहयोग देने का भी निर्देश दिया है।

पीठ ने इस मामले में बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया था और राज्य सरकार से केस डायरी और स्टेटस रिपोर्ट तलब किया था। इस घटना की सीबीआइ या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) द्वारा जांच कराने की मांग वाली जनहित याचिकाओं पर भी अदालत ने स्वत: संज्ञान याचिका के साथ सुनवाई की।

गौरतलब है कि बीरभूम के रामपुरहाट कस्बे के पास बोगटूई गांव में कुछ मकानों में कथित तौर पर आग लगा देने से दो बच्चों सहित 10 लोगों की झुलसकर मौत हो गई थी। माना जा रहा है कि यह घटना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पंचायत उप प्रधान की हत्या के प्रतिशोध स्वरूप हुई थी।

इस जघन्य हत्याकांड के मुख्य आरोपित तृणमूल कांग्रेस नेता अनारुल हुसैन की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश के बाद एक दिन पहले गुरुवार को गिरफ्तारी हुई है। दरअसल, इस घटना के बाद पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है। वहीं, अब अदालत के निर्देश के बाद माना जा रहा है कि सीबीआइ जल्द टीम गठित कर इस मामले की जांच शुरू करेगी।

भाजपा समेत विपक्षी दलों ने अदालत के फैसले का किया स्वागत

इधर, हिंसा के मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने के फैसले का भाजपा समेत अन्य विपक्षी दलों ने स्वागत किया और आरोप लगाया कि राज्य पुलिस, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर काम कर रही है तथा इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं और अब लगता है कि पीडि़तों को इंसाफ मिलेगा। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कुणाल घोष ने कहा है कि राज्य सरकार सीबीआइ के साथ, जांच में पूरा सहयोग करेगी।

सीएफएसएल दल ने बोगटूई गांव पहुंच एकत्रित किए नमूने

इधर, हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ के केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) संभाग के अधिकारियों का एक दल शुक्रवार को बीरभूम के बोगटूई गांव पहुंचकर क्षतिग्रस्त मकानों से नमूने एकत्रित किए। सीएफएसएल की आठ सदस्य टीम के साथ कुछ पुलिस कर्मी भी नजर आए। सीएफएसएल के अधिकारियों ने हालांकि इस संबंध में विस्तृत रूप से कोई जानकारी नहीं दी। बता दें कि हाई कोर्ट ने बुधवार को मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सीएफएसएल को नमूने एकत्रित करने के लिए घटना स्थल का दौरा करने का निर्देश दिया था।

Edited By: Priti Jha

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