Rechercher dans ce blog

Wednesday, May 4, 2022

प्रशांत किशोर का ऐलान- पार्टी नहीं बनाऊंगा, बिहार में करूंगा 3 हजार KM की पदयात्रा - Aaj Tak

स्टोरी हाइलाइट्स

  • आगे जाकर पार्टी बनी भी तो वह मेरी पार्टी नहीं कहलाएगी: प्रशांत किशोर
  • नीतीश कुमार से अच्छे संबंध, लेकिन उनकी हर बात से सहमत नहीं: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर (prashant kishor) के अगले कदम को लेकर जो सस्पेंस बना हुआ था, उसे उन्होंने आज खत्म कर दिया. चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर ने ऐलान किया है कि वह फिलहाल कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बना रहे हैं. इसके साथ PK ने बताया है कि वह बिहार में राजनीतिक बदलाव के लिए 3 हजार किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे, यह पदयात्रा चंपारण के गांधी आश्रम से शुरू होगी.

प्रशांत किशोर ने आज बिहार के पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. वह बोले कि 30 साल के लालू और नीतीश के राज के बाद भी बिहार देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है. विकास के कई मानकों पर बिहार आज भी देश के सबसे निचले पायदान पर है. बिहार अगर आने वाले समय में अग्रणी राज्यों की सूची में आना चाहता है तो इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है.

प्रशांत किशोर ने किये दो बड़े ऐलान

1. पीके बोले कि अगले तीन से चार महीनों में मैं उन 17 हजार लोगों से मिलूंगा जिनको चिन्हित किया गया है. जो बिहार से जुड़े हैं और यहां बदलाव चाहते हैं. उनपर जन-सुराज पर बात होगी.

इनमें से 2, 3 या 5 हजार लोग अगर एकसाथ मिलते हैं और तय करते हैं कि उनको किसी राजनीतिक पार्टी या मंच की जरूरत है. तो उसकी घोषणा तब की जाएगी. तब भी वह पार्टी प्रशांत किशोर की पार्टी नहीं होगी. वह उन सभी लोगों की पार्टी होगी जो राजनीतिक संगठन के निर्माण में भागीदारी देंगे.

यह भी पढ़ें - प्रशांत किशोर के ट्वीट के बाद गर्मायी बिहार की राजनीति, BJP ने कहा- उनका रोल वोटकटवा का

2. दूसरा बड़ा मुद्दा बिहार के गली-मोहल्ले तक पहुंचा, लोगों को जन-सुराज की परिकल्पना के बारे में बताना है, उनकी समस्याओं को सुनना है. इसके लिए 2 अक्टूबर से मैं खुद पश्चिमी चंपारण के गांधी आश्रम से 3 हजार किलोमीटर की पदयात्रा करूंगा.

पीके के संबोधन की बड़ी बातें

  • अगर बिहार को अग्रणी राज्यों की लिस्ट में आना है तो उन रास्तों पर चलना बंद करना होगा, जिसपर 10-15 सालों से चला जा रहा है. इसके लिए नई सोच-नए प्रयास की जरूरत है.
  • इस नई सोच और नए प्रयास को कोई अकेले नहीं कर सकता. बिहार के लोगों को इसके पीछे ताकत लगानी होगी.
  • बिहार के वो लोग जो यहां की दिक्कतों को समझते हैं, जो इन समस्याओं को सुलझाना चाहते हैं, बिहार को बदलने का जज्बा रखते हैं उनको एकसाथ आना होगा.
  • मैं कोई राजनीतिक पार्टी या मंच नहीं बना रहा हूं. मेरी भूमिका यह होगी कि बिहार को बदलने की चाह रखने वाले लोगों, यहां रहने वाले लोगों से मिलूं और उनको एकसाथ लाऊं. 
  • मेरी टीम ने करीब 17 हजार 500 लोगों को चिन्हित किया है, जिनसे में मिलने वाला हूं. जन-सुराज (गुड गवर्नेंस) की जो सोच है उसको जमीन पर लाने पर बात होगी. पिछले तीन दिनों में 150 लोगों से मीटिंग कर चुका हूं.
  • चुनाव लड़ने का अगर मेरा लक्ष्य होता तो चुनाव से 6 महीने पहले में पार्टी बनाकर चुनाव लड़ सकता हूं.
  • बिहार में कहा जाता है कि यहां केवल जाति के आधार पर वोट मिलता है. मैं जाति नहीं बल्कि समाज के सभी लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रहा हूं.
  • मैं कोविड-19 के खत्म होने का इंतजार कर रहा था ताकि अपनी नई योजना पर काम कर सकूं. अगर मैं कोविड-19 के दौरान यात्रा की शुरुआत करता तो लोग मुझ पर सवाल खड़े करते.

सीएम नीतीश पर बोला हमला

प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार के रहते बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की व्यवस्था पूरी तरीके से ध्वस्त और नष्ट है. पीके बोले कि नीतीश कुमार के साथ व्यक्तिगत तौर पर मेरे बहुत अच्छे संबंध है, मगर हर मुद्दे पर मैं उनसे सहमत नहीं हूं.

Adblock test (Why?)


प्रशांत किशोर का ऐलान- पार्टी नहीं बनाऊंगा, बिहार में करूंगा 3 हजार KM की पदयात्रा - Aaj Tak
Read More

No comments:

Post a Comment

'हां, ये सही है लेकिन क्या मुल्क में यही चलता रहेगा...', ASI रिपोर्ट पर बोले प्रोफेसर इरफान हबीब - Aaj Tak

ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष ने कई दावे किए हैं. गुरुवार को वकील विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट सार्वजनिक की. उन्हों...