दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है. एक तरफ आम आदमी पार्टी इसे राजनीतिक द्वेष वाली कार्रवाई बता रही है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी आप की 'ईमानदार सरकार' पर सवाल उठा रही है. लेकिन इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच ये समझना ज्यादा जरूरी है कि आखिर अब सत्येंद्र जैन के साथ क्या होगा? गिरफ्तारी तो हो गई, आगे की प्रक्रिया क्या रहने वाली है?
कानून के मुताबिक 24 घंटे के भीतर सत्येंद्र जैन को स्पेशल कोर्ट के सामने पेश करना होगा. पेशी के दौरान ईडी को स्पष्ट बताना पड़ेगा कि आखिर किस आधार पर जैन की गिरफ्तारी की गई है और क्या उनसे हिरासत में पूछताछ की जानी चाहिए या नहीं. अब ईडी जब तक अपनी इस प्रक्रिया को अंजाम देगी, जैन की लीगल टीम उनकी बेल की याचिका भी दायर कर सकती है. पूरी कोशिश रहेगी कि उन्हें हिरासत में ना लिया जाए. वैसे तमाम वरिष्ठ वकील भी ये मानते हैं कि ईडी की असल चुनौती कोर्ट में शुरू होने जा रही है. पिछले मामलों को देख भी कहा जा रहा है कि गिरफ्तारी का आधार बताना सबसे बड़ा पड़ाव साबित होने वाला है.
इस बारे में सीनियर एडवोकेट रमेश गुप्ता बताते हैं कि ईडी को कोर्ट के सामने पूरी चेकलिस्ट दिखानी पड़ेगी, बताना पड़ेगा कि क्या गिरफ्तारी के दौरान तमाम नियमों का पालन किया गया था या नहीं. इसके अलावा ईडी को ये भी जानकारी देनी पड़ेगी कि क्या जैन को पूछताछ का कोई नोटिस दिया गया था, किस प्रकार की पूछताछ हुई थी. वहीं इस मामले में क्योंकि ईडी जोर देकर कह रही है कि जैन जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, ऐसे में इस तर्क को भी कोर्ट में साबित करना होगा.
एडवोकेट एलजो जोसेफ तो ये भी मानते हैं कि जैन की लीगल टीम ईडी की पूरी कार्रवाई को ही सवालों के घेरे में लाने वाली है. उनकी नजरों में कई मामलों में ये स्पष्ट किया जा चुका है कि एक चुने हुए प्रतिनिधि को किस प्रक्रिया के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है. ऐसे में ईडी की ये कार्रवाई नया ट्रेंड सेट कर सकती है. संदेश जा सकता है कि सत्ता में जो है, वो चुने हुए प्रतिनिधि को भी गिरफ्तार करवा सकते हैं. ये सही मायनों में सत्ता का दुरुपयोग है.
वैसे जिस मामले में सत्येंद्र जैन को ईडी ने गिरफ्तार किया है, वो लंबे समय से चल रहा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े हवाला लेनदेन के मामले में यह कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि फर्जी कंपनियों के जरिये आए पैसे का उपयोग भूमि की सीधी खरीद के लिए या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद के लिए लिए गए ऋण की अदायगी के लिए किया गया था.
ये भी पढ़ें
गिरफ्तारी के बाद सत्येंद्र जैन के साथ क्या होगा? लीगल एक्सपर्ट से जानिए - Aaj Tak
Read More
No comments:
Post a Comment