स्टोरी हाइलाइट्स
- आधा दर्जन मस्जिदों से होगा ऐलान
- मुस्लिम युवाओं से की जाएगी अपील
कानपुर में जुमे की नमाज पर आज अग्निपथ योजना को लेकर एक बड़ी पहल शुरू की जायेगी. इसके लिए शहर की कई मस्जिदों में युवाओ से अपील की जायेगी कि वे अग्निपथ योजना में बढ़चढ़कर हिस्सा लें. आल इंडिया सुन्नी उलेमा काउन्सिल की तरफ से शुरू की जा रही इस पहल का हिस्सा शहर के आधा दर्जन मस्जिद बनेंगे.
आल इंडिया सुन्नी उलेमा काउन्सिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी मोम्मद सलीस ने आजतक से खास बातचीत में बताया, 'हम अपने मुस्लिम नौजवानों से अपील कर रहे हैं, ताकि उनमें अनुशासन आएगा और उन्हें रोजगार भी मिलेगा. साथ ही देशसेवा में उनकी भागेदारी बढ़ेगी, हमारी बात कई मस्जिदों से हो गई हैं, जहां से आज अपील की जाएगी.'
हाजी मोम्मद सलीस ने कहा, 'अभी हमने नानपारा मस्जिद. जाजमऊ मस्जिद, कल्याणपुर मस्जिद समेत आधा दर्जन मस्जिदों के इमाम से बात कर ली, आज वो अपील करेंगे, इसके बाद शहर की चार सौ मस्जिदों को हम लेटर लिखकर इस योजना के प्रचार-प्रसार की अपील करने को कहेंगे, हम चाहते हैं कि अग्निपथ योजना में मुस्लिम भी शामिल हों.'
हाजी मोम्मद सलीस ने कहा, 'आल इंडिया सुन्नी काउन्सिल के देश भर में लाखों सदस्य है, काउन्सिल से बड़ी संख्या में मौलाना जुड़े हैं, ऐसे में ये अपील निश्चित रूप से अग्निपथ को लेकर बड़ा प्रयास साबित होगी.' हाजी सलीस, मुस्लिम समाज के मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाते रहे हैं. इनकी बेटी मरियम नवाज देश की पहली सुन्नी महिला शहरकाजी है.
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना के तहत चार साल के लिए युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा. इसके लिए आयुसीमा 17.5 से 21 साल के बीच रखी गई है. हालांकि, इस साल 23 साल तक के युवा आवेदन कर सकते हैं. इस साल 46 हजार युवाओं को भर्ती किया जाएगा. इस योजना के तहत तीनों सेनाओं में युवा चार साल के लिए भर्ती होंगे. इन्हें 'अग्निवीर' कहा जाएगा.
अग्निवीरों को हर महीने 30 हजार रुपये की सैलरी मिलेगी. ये सैलरी हर साल बढ़ेगी और चौथे साल 40 हजार रुपये महीने सैलरी मिलेगी. इसके अलावा अग्निवीरों को 48 लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा. सेवा के दौरान शहीद होने या दिव्यांग होने पर 44 लाख रुपये तक का मुआवजा मिलेगा.
चार साल की सेवा पूरी होने के बाद 25% युवा सेना में आगे बरकार रहेंगे. इन्हें और 15 साल तक सेना में सेवा करने का मौका मिलेगा. इस दौरान सेनाओं के कानून और शर्तें इन पर लागू होंगी. सेना के अफसरों की माने तो अब सीधी भर्ती न होकर अग्निपथ योजना के जरिए ही सेना में भर्ती की जाएगी.
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