लोकसभा चुनाव वैसे तो 2024 में होने हैं, लेकिन सरगर्मियां अभी से दिखाई देने लगी हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर लीडर कमलनाथ ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद के चेहरा होंगे.
न्यूज एजेंसी से बातचीत में कमलनाथ ने भारत जोड़ो यात्रा के लिए राहुल गांधी की खुलकर तारीफ की और कहा- वे सत्ता के लिए नहीं, बल्कि देश के आम लोगों के लिए राजनीति कर रहे हैं. जहां तक 2024 के लोकसभा चुनाव का सवाल है, राहुल गांधी ना सिर्फ विपक्ष का चेहरा होंगे, बल्कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार भी होंगे.
इतिहास में इतनी बढ़ी यात्रा नहीं निकली
कमलनाथ ने आगे कहा- दुनिया के इतिहास में किसी ने भी इतनी लंबी पदयात्रा नहीं की है. गांधी परिवार के अलावा किसी अन्य परिवार ने देश के लिए इतनी कुर्बानियां नहीं दी हैं. राहुल गांधी सत्ता के लिए राजनीति नहीं करते हैं, बल्कि देश की जनता के लिए करते हैं जो किसी को भी सत्ता में बिठाती है.
'गद्दारों' की कांग्रेस में जगह नहीं
बताते चलें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (76 साल) अकेले ऐसे नेता हैं जो 2024 के चुनावों के लिए राहुल गांधी की उम्मीदवारी के पक्ष में आगे आए हैं. वहीं, कमलनाथ से पूछा गया कि क्या भविष्य में ज्योतिरादित्य सिंधिया की पार्टी में वापसी की कोई संभावना है? इस पर उन्होंने कहा कि संगठन को धोखा देने के बाद पार्टी में 'गद्दारों' के लिए कोई जगह नहीं है. नाथ ने आगे जोड़ा- 'मैं किसी व्यक्ति पर टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन जिन 'गद्दारों' ने पार्टी को धोखा दिया और इसके कार्यकर्ताओं का विश्वास तोड़ा, उनके लिए संगठन में कोई जगह नहीं है.
चुनाव से पहले संगठन में किया जाएगा बदलाव
उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद जल्द ही राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी. भाजपा किसी भी मुख्यमंत्री को बदल सकती है लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि लोगों ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस को चुनने का मन बना लिया है. उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सांगठनिक बदलाव की पहल की जाएगी.
2018 में सियासी उठापटक से गई थी कमलनाथ की कुर्सी
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में अगले साल के अंत में चुनाव होने हैं. ऐसे में कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए पूरी तैयारी के साथ मैदान में डटी है. पिछले 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया था और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि, 15 महीने बाद ही सियासी उठापटक में ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत उनके समर्थक विधायकों ने कांग्रेस छोड़ दी, जिसकी वजह से कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई और कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. बाद में बीजेपी ने सरकार बनाई और शिवराज सिंह चौहान फिर से मुख्यमंत्री बने. सिधिंया को केंद्र में नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया.
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