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नई दिल्ली4 घंटे पहले
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस में वापसी की अटकलों पर विराम लगा दिया है। आजाद ने शुक्रवार को कहा कि ये सुनकर हैरान हूं कि मैं कांग्रेस पार्टी में दोबारा शामिल होने जा रहा हूं। दुर्भाग्य से ऐसी कहानियां कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता गढ़ते हैं, ताकि मेरी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ सकें।
इससे पहले न्यूज एजेंसी ANI ने बताया था कि आजाद को कांग्रेस में वापस लाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सोनिया गांधी की करीबी नेता अंबिका सोनी खुद उनसे बातचीत कर रही हैं। उन्होंने आजाद को राहुल गांधी से बातचीत करने का भी न्योता दिया है। यह पूरी कवायद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जम्मू-कश्मीर पहुंचने से पहले की जा रही है। राहुल 20 जनवरी को आने वाले हैं।
बता दें कि आजाद ने इसी साल अगस्त में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। आजाद अक्टूबर में अपने नए राजनीतिक संगठन डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी का ऐलान कर चुके हैं।
सबसे पहले जानते हैं आजाद ने पार्टी क्यों छोड़ी
आजाद ने इसी साल 26 अगस्त को कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वह पिछले 52 साल से कांग्रेस से जुड़े थे। इसी साल उनके राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हुआ था, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा था। माना जा रहा है कि उनकी नाराजगी की एक वहज यह भी थी।
इसके अलावा उन्होंने G23 बनाया, जिसमें कांग्रसे के असंतुष्ट नेता थे। ये लोग पार्टी में मजबूत नेतृत्व की मांग कर रहे थे। साथ ही तमाम बदलाव के सुझाव भी दे रहे थे। इनकी मांगों को गंभीरता से न लिए जाने के कारण आजाद ने पार्टी से इस्तीफा दिया था।
आजाद ने ये लिखा था इस्तीफे में
सोनिया गांधी को लिखे अपने इस्तीफे में आजाद ने पार्टी नेतृत्व, खासकर राहुल गांधी पर निशाना साधा था। उन्होंने यह लिखा था- जिस तरह से पिछले करीब नौ साल से पार्टी को चलाया जा रहा है, उसकी की वहज से पार्टी आगे नहीं बढ़ पा रही है। आजाद ने दावा किया था कि एक मंडली पार्टी चलाती है, जबकि सोनिया गांधी सिर्फ नाममात्र की मुखिया हैं। सभी बड़े फैसले राहुल गांधी या उनके सुरक्षा गार्ड और PA द्वारा लिए गए थे।
अब जानते हैं कि आजाद की कांग्रेस में वापसी की चर्चा क्यों
गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान गुलाम नबी आजाद ने दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला केवल कांग्रेस ही कर सकती है। आजाद ने ये भी कहा था कि वह कांग्रेस की नीति के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसकी कमजोर व्यवस्था से उन्हें दिक्कत है।
आजाद के बयान के बाद भारत जोड़ो यात्रा के संयोजक दिग्विजय सिंह ने खुले तौर पर आजाद को यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया। इसके बाद G23 के पूर्व नेताओं- अखिलेश प्रसाद सिंह और भूपिंदर सिंह ने आजाद से संपर्क किया और उनके अलावा कांग्रेस में उनकी वापसी की वकालत की।
गांधी परिवार की नाराजगी, पर पार्टी चाहती है आजाद की वापसी
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की माने तो आजाद ने अपने इस्तीफे में राहुल गांधी पर तीखे हमले किए थे। उन्होंने राहुल को अपरिपक्व तक बता दिया था। राहुल पर हमलों से गांधी परिवार आजाद से काफी नाराज है, लेकिन नाराजगी के बावजूद पार्टी नेता आजाद की घर वापसी के हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
आजाद को राहुल से बात करने की सलाह
बताया गया है कि कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने आजाद से भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने और राहुल गांधी से बात करने को कहा है। आजाद की ओर से अभी इस पर कोई रिप्लाई आया या नहीं, यह स्पष्ट नहीं हो सका है।
अब जानिए आजाद के G23 के बारे में
गुलाम नबी आजाद के साथ कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, पीजे कुरियन, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा, मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राजिंदार कौर, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, अजय सिंह, राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर, अखिलेश प्रसाद सिंह, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा ने G23 बनाया था।
इनमें से ज्यादातर नेता आज भी कांग्रेस में ही हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष हैं। अखिलेश प्रसाद सिंह को बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी बना ली। कपिल सिब्बल सपा से राज्यसभा सांसद हैं। जितिन प्रसाद यूपी की योगी सरकार में पीडब्लूडी मिनिस्टर हैं।
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