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Monday, December 12, 2022

अरुणाचल के तवांग में फिर भिड़े भारतीय और चीनी सैनिक 9 दिसंबर को हुई झड़प में दोनों पक्षों के जवान हुए घायल.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

AgencyPublish Date: Mon, 12 Dec 2022 07:50 PM (IST)Updated Date: Mon, 12 Dec 2022 10:41 PM (IST)

संजय मिश्र, नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के भी आमने-सामने के संघर्ष में लड़ाई हुई है। इसमें दोनों देशों के कई सैनिक घायल हुए हैं लेकिन अभी तक किसी सैनिक के हताहत होने की सूचना नहीं है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों ने अरुणाचल के तवांग सेक्टर में नौ दिसंबर को एलएसी को पार करने की कोशिश कि जिसका भारतीय सैनिकों ने पूरी ताकत से जवाब दिया। इस दौरान हुए संघर्ष में ही दोनों देशों के सैनिक घायल हुए।

भारतीय सेना की तरफ से की गई पुष्टि

एलएसी पर हुई इस झड़प के बाद तवांग सेक्टर के भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच सीमा पर शांति बहाली के लिए फ्लैग मीटिंग भी हुई। तवांग सेक्टर में एलएसी पर चीनी सेना की हरकतों के चलते दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष की पुष्टि करते हुए भारतीय सेना ने सोमवार को संक्षिप्त बयान में कहा, 'नौ दिसंबर 2022 को पीएलए के सैनिकों ने तवांग सेक्टर में एलएसी की सीमा को छूआ जिसका भारतीय सैनिकों ने पूरी ताकत और दृढ तरीके से मुकाबला किया। इस आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं।' 

चीन की तरफ से नहीं आई कोई प्रतिक्रिया

सेना की ओर से इस संघर्ष के दौरान घायल हुए भारतीय सैनिकों की संख्या का अभी खुलासा नहीं किया गया है। दिलचस्प यह है कि चीन की ओर से तो अभी तवांग की ताजा झड़प और इसमें घायल हुए अपने सैनिकों की तादाद को लेकर कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की गई है। वहीं भारतीय सेना ने अपने बयान में कहा है कि अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी के साथ कुछ क्षेत्रों में अलग-अलग धारणा के क्षेत्र हैं। जहां दोनों पक्ष अपने दावे की सीमा तक क्षेत्र में गश्त करते हैं और 2006 से यह चलन है। लेकिन नौ दिसंबर को पीएलए के सैनिकों ने तवांग सेक्टर में एलएसी पर सीमा की मर्यादा को लांघने की कोशिश की और इसी दौरान आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आयीं।

दोनों पक्ष क्षेत्र से तुरंत हटे

सेना के मुताबिक दोनों पक्ष तुरंत क्षेत्र से हट गए। घटना के उपरांत इस सेक्टर के कमांडर ने शांति बहाल करने के लिए स्थापित तंत्र के अनुसार इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अपने चीनी समकक्ष के साथ एक फ्लैग मीटिंग की। पूर्वी लद्दाख में गलवन घाटी में 15 जून 2020 को एलएसी पर हुए खूनी संघर्ष के बाद भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीधी लड़ाई का यह दूसरा मौका है।

भारतीय सेना ने किया था चीनी सेना के मंसूबों को नाकाम

गलवन के संघर्ष में कैप्टन संतोष बाबू समेत 20 भारतीय सैनिकों ने शहादत देते हुए चीनी सेना के मंसूबों को नाकाम कर दिया था और इसमें कई चीनी सैनिक भी मारे गए मगर चीन ने अभी तक केवल अपने पांच सैनिकों के मारे जाने की बात कबूली है। एलएसी पर पूर्वी लद्दाख में पीएलए की 2020 मई से अतिक्रमण की जारी कोशिशों को लेकर इसके बाद बढ़े टकराव के बीच ही सितंबर 2020 में पैंगोंग झील के इलाके में एलएसी पर चीनी सैनिकों ने गोलीबारी की घटना को भी अंजाम दिया जिसका भारत ने भी माकूल जवाब दिया। चीनी सेना ने फायरिंग की अपनी इस हरकत के जरिए दोनों देंशों की सीमा पर 45 साल से किसी भी तरह की गोलीबारी नहीं होने के समझौते को तोड़ा था।

इससे पहले भी हुई है इस तरह की घटना

अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमाओं पर चीनी सैनिकों की शरारतपूर्ण हरकतों की यह कोई पहली घटना नहीं है। लेकिन ताजा घटना इस लिहाज से गंभीर है कि गलवन के बाद पहली बार सैनिकों के बीच झड़प आमने-सामने की लड़ाई बनी है। वैसे अक्टूबर 2021 में भी यांगसे इलाके में चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण की कोशिश की तो भारतीय सैनिकों ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया और फिर कुछ घंटों बाद दोनों देशों के बीच स्थापित तंत्र के बीच संवाद के बाद इन्हें छोड़ा गया।

भारत ने चीन को दिया कड़ा संदेश

एलएसी पर चीन की जारी खुराफात की वजह से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं और अभी सात दिसंबर को ही विदेशमंत्री एस जयशंकर ने संसद में साफ कहा था कि चीन के साथ अभी भारत के रिश्ते सामान्य नहीं कहे जा सकते। विदेशमंत्री ने कहा, 'कूटनीतिक तौर पर चीन को यह स्पष्ट किया जा चुका है कि वह एलएसी को मनमाने तरीके से नहीं बदल सकता, इसे स्वीकार नहीं कया जा सकता। जब तक वो ऐसा करते हैं या शक्ति का प्रयोग करते हैं जो हमारे साथ की सीमा के लिए गंभीर चिंता पैदा करते हैं तब तक हमारे रिश्ते को सामान्य नहीं कहा जा सकता। जयशंकर ने बेलाग यह भी स्वीकार किया था कि पिछले कुछ वर्षों से भारत और चीन के रिश्ते सामान्य नहीं है। 

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Edited By: Sonu Gupta

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