हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम जारी होने के एक माह बाद रविवार को सुक्खू सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार होगा। छह से सात मंत्री राजभवन में सुबह शपथ ले सकते हैं। शनिवार को दिल्ली से लौटते ही मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सभी कांग्रेस विधायकों को शिमला बुला लिया है। हालांकि मुख्यमंत्री ने शनिवार देर रात तक मंत्रियों के नामों को लेकर पत्ते नहीं खोले। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस आलाकमान के पाले में गेंद डालते हुए दिल्ली से मंत्रियों की सूची जारी होने की बात कही। मंत्री पद के लिए अभी चंद्र कुमार, सुधीर शर्मा, हर्षवर्द्धन चौहान, धनीराम शांडिल, जगत सिंह नेगी, विक्रमादित्य सिंह और रोहित ठाकुर के नाम आगे हैं।राजभवन शिमला में रविवार सुबह 10:00 बजे राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। मुख्यमंत्री शनिवार शाम करीब 5:30 बजे दिल्ली से शिमला लौटे।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल के साथ मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा की है। उधर, कांग्रेस आलाकमान ने विरोध से बचने के लिए पहले चरण में सिर्फ छह से सात मंत्री बनाने का फार्मूला तय किया है। जिला स्तर पर संतुलन बैठाने की जगह कांग्रेस फिलहाल संसदीय क्षेत्र के आधार पर संतुलन बनाने की तैयारी में है। हमीरपुर संसदीय सीट को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का पद मिल चुका है। ऐसे में पहले चरण में बिलासपुर से मंत्री बनने की संभावना कम है। कांगड़ा-चंबा संसदीय सीट को विधानसभा अध्यक्ष के बाद दो मंत्री पद दिए जा सकते हैं। शिमला संसदीय सीट को तीन से चार मंत्री मिल सकते हैं। मंडी संसदीय सीट को एक मंत्री पद मिलने की सूचना है। रविवार सुबह तक कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर का नाम भी मंत्रियों की सूची में शामिल होने के आसार हैं।
मंत्री संख्या बढ़ाकर चौंका भी सकते हैं सुक्खू
रविवार सुबह संभावित पांच मंत्रियों की सूची को और बढ़ाकर मुख्यमंत्री सुक्खू चौंका भी सकते हैं। सूत्रों के अनुसार आलाकमान की ओर से शनिवार देर शाम तक छह से सात विधायकों को ही मंत्री बनाने की मंजूरी दी गई। रविवार सुबह आलाकमान कुछ और विधायकों के नाम मंजूर कर उन्हें मंत्री बनाने को कह सकता है। शनिवार को मंत्री बनाने के लिए दस विधायकों की सूची सीएम सुक्खू आलाकमान को सौंपकर आए हैं।
छठी बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हर्षवर्धन चौहान
शिलाई विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हर्षवर्धन चौहान छठी बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। उन्होंने छात्र राजनीति से अपने कॅरिअर की शुरुआत की। सिरमौर एनएसयूआई में वह जिला महासचिव रहे। इसके बाद शिमला विश्वविद्यालय में कैंपस बॉडी में हिमाचल एनएसयूआई के महासचिव रहे। यहां से उनकी एंट्री युवा कांग्रेस में हुई और राज्य महासचिव बने। हर्षवर्धन चौहान ने 1993 में पहली बार शिलाई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विधायक बने। उसके बाद वह 1998, 2003, 2007, 2017 में विधायक बने। इसी बीच वह दो बार जिला सिरमौर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे। प्रदेश सरकार में वह एक बार सीपीएस रहे और एक बार राज्य रोजगार सृजन बोर्ड के चेयरमैन भी रहे। पूर्व मंत्री ठाकुर गुमान सिंह चौहान के घर 14 सितंबर 1964 को जन्मे हर्षवर्धन चौहान ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला से पूरी की। इसके बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी किया।
जवाली विधानसभा क्षेत्र से छठी बार जीत कर आए हैं चौधरी चंद्र कुमार
चौधरी चंद्र कुमार भाजपा प्रत्याशी संजय गुलेरिया को हराकर ज्वाली से विधानसभा सदस्य चुने गए हैं। 78 वर्षीय चंद्र कुमार ने एमए, एमएड और एलएलबी की पढ़ाई की है। वह 2004 से लेकर 2009 तक लोकसभा के सदस्य रहे। चंद्र कुमार कांगड़ा जिले के जवाली विधानसभा क्षेत्र से छठी बार जीत कर आए हैं। मौजूदा विधानसभा में उन्हें प्रोटेम स्पीकर भी बनाया गया था। चंद्र कुमार हिमाचल सरकार में साल 1982 से 2004 के बीच राज्य मंत्री, कृषि और वानिकी का पद भी संभाल चुके हैं। इसके साथ ही वह साल 1989-1990 के बीच हिमाचल सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में बिजली और परियोजना विभाग की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
पूर्व वीरभद्र सरकार में भी रह चुके हैं मंत्री
कर्नल डॉ धनीराम शांडिल सोलन सदर सीट से विधायक है। वह तीसरी बार सोलन सदर सीट से जीते हैं। उन्होंने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में अपने दामाद व भाजपा प्रत्याशी डॉ राजेश कश्यप को 3858 मतों से पराजित किया था। 82 वर्षीय डॉक्टर शांडिल का राजनीतिक करियर वर्ष 1999 में शुरू हुआ था। वह पहली बार हिमाचल विकास कांग्रेस से लोकसभा सांसद का चुनाव जीते थे। उसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली और 2004 में कांग्रेस के टिकट से दूसरी बार लोकसभा सांसद चुने गए। वहीं वर्ष 2012 में उन्होंने पहली बार सोलन सदर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और यहां से जीत हासिल की। उसी साल वीरभद्र सरकार में उन्हें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री का पद भी दिया गया था। उसके बाद वह लगातार सोलन सदर सीट से विधायक है। राजनीति में आने से पहले वह सेना में सेवाएं दे चुके हैं। वह भारत ज्योति पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं। उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं। उनका जन्म 22 अक्टूबर 1940 को सोलन की कंडाघाट तहसील के ममलीग गांव में हुआ था।
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HP Cabinet Expansion: मंत्रिमंडल का विस्तार आज, छह से सात मंत्री ले सकते हैं शपथ, जानें प्रोफाइल - अमर उजाला
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