सरकार ने आतंक पर एक और करारी चोट की है. सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरफ पर एक्शन लिया है. गृह मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन TRF को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है. सरकार ने टीआरएफ को UAPA के प्रावधानों के तहत आतंकी संगठन घोषित करने के साथ ही इस पर बैन लगा दिया है.
गृह मंत्रालय ने इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. सरकार की ओर से आतंकी संगठन घोषित किया गया टीआरएफ साल 2019 में अस्तित्व में आया था. गृह मंत्रालय के मुताबिक टीआरएफ युवाओं को ऑनलाइन भर्ती कर आतंकी गतिविधियों में शामिल कर रहा है. गृह मंत्रालय की ओर से ये भी कहा गया है कि सीमापार से घुसपैठ और हथियारों, ड्रग्स की तस्करी में भी टीआरएफ शामिल है.
गृह मंत्रालय ने गुरुवार को ये भी कहा कि टीआरएफ सोशल मीडिया के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के लोगों को भारत के खिलाफ भड़काने की भी कोशिश कर रहा है. टीआरएफ के सदस्यों और कई सहयोगियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के साथ ही जम्मू कश्मीर में आम नागरिकों की हत्या की योजना बनाने से संबंधित मामले भी दर्ज हैं.
टीआरफ पर बैन लगाने का ऐलान करते हुए गृह मंत्रालय ने ये भी कहा है कि सुरक्षाबलों और आम नागरिकों पर हमले से संबंधित कई मामलों में इस संगठन का नाम आया है. गृह मंत्रालय ने टीआरएफ को देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए घातक बताया है. सूत्रों के मुताबिक जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग के कई मामलों में टीआरएफ का नाम सामने आता रहा है.
टारगेट किलिंग में टीआरएफ के हिट स्क्वाड का नाम
सूत्रों के मुताबिक हाल के दिनों में टारगेट किलिंग में टीआरएफ के हिट स्क्वाड 'फाल्कन स्क्वाड' का नाम सामने आ चुका है. फाल्कन स्क्वाड, TRF का हिट स्क्वाड है जो जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों के लिए बड़ा चैलेंज बना हुआ है. फाल्कन स्क्वाड छोटे पिस्टल से हमले के नए आतंकी मॉड्यूल पर काम करता है. जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन से आतंक के आका और उनके सरपरस्त इस समय बौखलाए हुए हैं.
सूत्रों की मानें तो यही वजह है कि जम्मू कश्मीर में आतंक को जिंदा रखने के लिए नए-नए पैंतरे आजमाए जा रहे हैं. खुफिया एजेंसियों ने आजतक को एक्सक्लूसिव जानकारी दी है कि बड़े आतंकी समूह जिसमें लश्कर और जैश भी शामिल हैं, छद्म नाम से आतंकी स्क्वाड बनाकर सुरक्षाबलों और आम नागरिकों की टारगेट किलिंग कर रहे हैं.
IB ने डिकोड किया था आतंकी संगठनों का प्लान
इंटेलिजेंस ब्यूरो ने हाल ही में टारगेट किलिंग करने वाले आतंकी संगठनों के प्लान को डिकोड किया था. सूत्रों के मुताबिक फाल्कन स्क्वाड, टीआरएफ का एक तरीके से हिट स्क्वाड है. सूत्रों के मुताबिक ये आतंकी मॉड्यूल छोटे पिस्टल से टारगेट किलिंग को अंजाम देता है. सुरक्षा महकमे के उच्चपदस्थ सूत्रों ने आजतक को जानकारी दी है कि नए आतंकी मॉड्यूल के पास टर्किश मेड कॉनिक पिस्टल की बड़ी खेप आ चुकी है जिसका इस्तेमाल ये टारगेट किलिंग के लिए किया जा रहा है.
टर्किश पिस्टल, पाकिस्तान ड्रोन और दूसरे तरीके से जम्मू कश्मीर में नए आतंकियों के मॉड्यूल तक भिजवा रहा है. इन नए आतंकी मॉड्यूल या हाइब्रिड आतंकी के पास ये पिस्टल ISI की मदद से पहुंच रहा है. ऐसे नए आतंकी जिनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है. इन्हीं दहशतगर्दों के नए मॉड्यूल को फाल्कन स्क्वाड का हिट स्क्वाड कहा जा रहा है. ज्यादातर मामलों में यह आतंकी स्थानीय होते हैं. सुरक्षा महकमे के सूत्र बताते है कि ये आतंकी 15 से 18 साल की उम्र के होते हैं.
सूत्रों के मुताबिक इन आतंकियों को ऑनलाइन भर्ती किया जाता है और इन्हें ऑनलाइन ही ट्रेनिंग दी जाती है. सूत्रों के मुताबिक ऐसा स्क्वाड 1-2 की संख्या में ही हमले को अंजाम देता है. हिट एंड रन की रणनीति पर काम कर रहे ये आतंकी स्क्वाड ओवर ग्राउंड वर्कर(OGW) के साथ मिलकर काम करते हैं.
आतंक पर सरकार की करारी चोट, गृह मंत्रालय ने लश्कर के प्रॉक्सी संगठन TRF पर लगाया बैन - Aaj Tak
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