फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के राजनयिक सलाहकार इमैनुएल बॉन ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इमैनुएल 36वीं भारत-फ्रांस रणनीतिक वार्ता में शामिल हुए. इमैनुएल फ्रांस की ओर से बतौर प्रतिनिधि शामिल हुए, वहीं भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बैठक का नेतृत्व किया. इमैनुएल बॉन की मुलाकात विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी हुई.
बैठक में भारत और फ्रांस ने रणनीतिक और रक्षा क्षेत्र में अपनी साझेदारी और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई. फ्रांस भारत की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' की पहल को ध्यान में रखते हुए एयरक्राफ्ट इंजन और लंबी दूरी वाली सबमरीन निर्माण में सहयोग देगा.
मैक्रों के सलाहकार इमैनुएल बॉन से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बॉन के साथ सुरक्षा से लेकर संस्कृति तक, कई मुद्दों पर बातचीत हुई. मुझे खुशी है कि हमारी रणनीतिक साझेदारी मजबूत हो रही है."
पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को भारत आने का न्योता भी दिया.
Had a fruitful meeting with Mr. Emmanuel Bonne, Diplomatic Advisor to President Macron covering a wide range of issues from Defence & security to culture. Glad that our Strategic Partnership is further deepening. Conveyed invitation to my friend @EmmanuelMacron to visit India. pic.twitter.com/nJu5uKAueS
— Narendra Modi (@narendramodi) January 5, 2023
सुरक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना चाहता है भारत
भारत हथियारों और अन्य सुरक्षा उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनने के प्रयास में जुटा हुआ है. भारत की इस कोशिश में फ्रांस एक प्रमुख सहयोगी बनकर उभर रहा है. एयरक्राफ्ट इंजन निर्माण के लिए भारत न सिर्फ 100 फीसदी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर चाहता है बल्कि भारत की योजना भविष्य की लड़ाइयों और ट्रांसपोर्ट को ध्यान में रखते हुए अगली पीढ़ी के उच्च क्षमता वाले मिलिट्री और सिविलियन इंजन विकसित करना भी है.
इससे पहले गुजरात के वडोदरा में भारत के टाटा ग्रुप ने विदेशी एयरबस कंपनी के साथ मिलकर C295 एयरक्राफ्ट का निर्माण शुरू कर दिया है. इसके अलावा भी भविष्य में टाटा और एयरबस का यह जॉइंट वेंचर सिविलियन और मिलिट्री एयरक्राफ्ट निर्माण करेगा.
दूसरी ओर, भारत को इस साल फ्रांस में विकसित कैलवेरी श्रेणी की आखिरी पनडुब्बी भी मिल जाएगी. साथ ही मुंबई में एआईपी सिस्टम से लैस डीजल चलित पनडुब्बियों के निर्माण के लिए भी भारत की निगाहें फ्रांस पर टिकी हुई हैं.
जहां इस साल एयरक्राफ्ट इंजन और लंबी रेंज की सबमरीन की बात आगे बढ़ती नजर आ रही है, वहीं दोनों देश इंडो-पेसिफिक पर भी चर्चा करेंगे. फ्रांस समुद्र तल मैपिंग और पानी के नीचे के ड्रोन और सेंसर में भारत की मदद के लिए तैयार है.
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