आज़ाद समाज पार्टी- कांशीराम के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद पर बुधवार को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले में जानलेवा हमला हुआ है.
पुलिस के मुताबिक उनकी कार पर कुछ हथियारबंद लोगों ने गोलियां चलाईं जिसमें वो घायल हुए हैं. गोली उन्हें छू कर निकल गई है.
ये हमला उस वक़्त हुआ जब चंद्रशेखर देवबंद में अपने एक समर्थक के घर जा रहे थे. वो एसयूवी में सवार थे.
विपक्षी पार्टियों ने दिनदहाड़े हुए इस हमले को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरा है और क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं.
सहारनपुर के एसएसपी डॉक्टर विपिन टाडा ने मीडिया को बताया है कि चंद्रशेखर आज़ाद के क़ाफ़िले पर कार में सवार कुछ हथियारबंद लोगों ने गोलियां चलाईं.
एसएसपी ने क्या बताया?
एसएसपी के अनुसार, "एक गोली उन्हें (चंद्रशेखर को) छूकर भी निकली है, वो ठीक हैं और उन्हें इलाज के लिए देवबंद सीएचसी लेकर जाया गया. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है."
सहारनपुर एसएसपी ने बताया कि ये घटना देवबंद क्षेत्र की है और आस पास के सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि पुलिस को शाम सवा पांच बजे चंद्रशेखर आज़ाद के कार पर फ़ायरिंग की सूचना मिली. इस घटना में गोली उनके पेट को छू कर निकली है, लेकिन वो सुरक्षित और ख़तरे से बाहर हैं.
उन्होंने कहा कि मौके पर पहुंच कर पुलिस ने तफ़्तीश शुरू कर दी है और मौके पर डॉक्टरों और फ़ारेंसिक टीम पहुंच गई है.
बीबीसी संवाददाता दिलनवाज़ पाशा को चंद्रशेखर के एक सहयोगी ने उनके अस्पताल में भर्ती होने और गोली लगने की पुष्टि की.
चंद्रशेखर का दावा है कि उनके साथ एक और व्यक्ति गोली से जख़्मी हुआ है.
हमले के बाद चंद्रशेखर ने क्या कहा
अस्पताल में घायल अवस्था में लेटे चंद्रशेखर ने बताया कि उन्होंने हमलावरों को नहीं पहचाना लेकिन उनके साथियों ने पहचान लिया है.
चंद्रशेखर ने बताया, “हमला करने वालों की गाड़ी सहारनपुर जाने वाली रोड की तरफ़ चली गई. उस समय हमारी एक ही गाड़ी थी और शायद हमारी दो गाड़ियां आगे-पीछे थीं. मेरे भाई को मिलाकर गाड़ी में कुल पांच लोग थे.”
“मेरे साथी डॉक्टर साहब को भी गोली लगी है. मुझे बहुत ज़्यादा याद नहीं है क्योंकि मुझे घबराहट हुई और मैंने सहारनपुर के एक वरिष्ठ अधिकारी को फ़ोन किया और उन्हें बताया कि मेरे ऊपर हमला हुआ है और शायद मुझे गोली लगी है.”
इसके बाद चंद्रशेखर आज़ाद ने बताया कि उन्होंने एसएसपी सहारनपुर को फ़ोन किया था और घटना की जानकारी दी थी.
उनसे सवाल किया गया कि क्या उन्हें किसी पर शक है, इस सवाल पर चंद्रशेखर ने कहा कि उनका किसी से झगड़ा नहीं है.
हमलावरों के बारे में पुलिस ने क्या बताया
समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस के हवाले से कहा कि एसयूवी में सवार चंद्रशेखर आज़ाद पर कार सवार हमलावरों ने फ़ायरिंग की.
पुलिस का कहना है कि उनकी एसयूवी पर कई राउंड फ़ायरिंग की गई.
हमलावरों ने एसयूवी के दाहिनी तरफ़ गोली चलाई, जो दरवाजा छेदते हुए उनके पेट को छूकर निकल गई.
गोली से एसयूवी के पिछले दरवाजे का शीशा टूट कर बिखर गया है. एक पैसेंजर सीट में गोली के निशान साफ़ देखे जा सकते हैं.
एसपी सिटी अभिमन्यू मांगलिक ने कहा कि पता चला है कि हमलावरों ने जिस कार का इस्तेमाल किया उसका रजिस्ट्रेशन नंबर हरियाणा का था.
उन्होंने कहा कि ज़िले की सीमा को सील कर दिया गया है और हमलावरों और उनकी कार को पकड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है.
विपक्ष का आरोप, 'यूपी में जंगलराज'
चंद्रशेखर आज़ाद पर हुए हमले को लेकर विपक्ष हमलावर है. समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी समेत कई राजनीतिक दलों ने क़ानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार को घेरा है.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है, “यूपी में जंगलराज कहा है.”
उन्होंने आरोप लगाया, “सहारनपुर के देवबंद में आज़ाद सामाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर आज़ाद पर सत्ता संरक्षित अपराधियों के द्वारा जानलेवा हमला घोर निंदनीय एवं कायरतापूर्ण कृत्य है. बीजेपी राज में जब जनप्रतिनिधि ही सुरक्षित नहीं तो आम जनता का क्या होगा?”
सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने भी ट्वीट कर यूपी में 'विपक्षी पार्टियों के नेताओं' को निशाना बनाए जाने पर सवाल खड़ा किया है.
उन्होंने लिखा, “प्रदेश में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अराजक तत्व अपनी सभी हदों व सरहदों को तोड़ने लगे हैं. यूपी में विपक्ष अब सत्ता व अपराधियों दोनों के निशाने पर हैं. भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर पर हुआ जानलेवा हमला प्रदेश के खोखले हो चुके कानून व्यवस्था के लिए एक अलार्म है. जाग जाओ सरकार!”
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने हमलावरों पर सख़्त कार्रवाई की मांग की है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा है, “यूपी में नेताओं पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. वंचित समाज के लिये बहादुरी से लड़ने वाले युवा नेता चंद्रशेखर आज़ाद पर दिनदहाड़े जानलेवा हमला यूपी में जंगलराज की हक़ीक़त बयाँ करता है. हमलावरों पर सख़्त कार्यवाही की जाए.”
किसान नेता राकेश टिकैत ने भी ट्वीट कर अपराधियों पर सख़्त से सख़्त कार्रवाई करने की मांग की है.
विपक्षी पार्टियां पिछले कुछ समय से उत्तर प्रदेश के क़ानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार को घेरती रही हैं.
इससे पहले गैंगेस्टर से राजनीतिक बने अतीक अहमद और उनके भाई की पुलिस हिरासत में हत्या पर भी विपक्ष ने सवाल खड़े किए थे और इसे बड़ा मुद्दा बनाया था.
मुख्तार अंसारी के करीबी गैंगस्टर संजीव जीवा की इसी महीने लखनऊ की एक कोर्ट में गोली मारकर हत्या की गई तब भी विपक्ष ने सरकार से तीखे सवाल पूछे.
डेढ़ साल के अंदर उत्तर प्रदेश में किसी चर्चित नेता के काफिले पर हुए हमले का ये दूसरा मामला है.
फ़रवरी 2022 में भी एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी के काफ़िले पर तब फ़ायरिंग हुई जब वो मेरठ से दिल्ली लौट रहे थे.
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